सरकारी शिक्षकों के लिए गीता सार :-
हे पार्थ, तुम इस महीने के पोषाहार की चिंता छोड दो। तुम पिछले इन्क्रीमेंट का पश्चाताप मत करो । तुम अगले प्रमोशन की चिंता भी मत करो । तुम ट्रान्सफर का मोह त्याग दो। बस अपनी करंट पोस्टिंग से ही प्रसन्न रहो। तुम जब नहीं थे, तब भी ये स्कूल चल रहा था, तुम जब नहीं होंगे, तब भी ये स्कूल चलता रहेगा। जो स्टाफ रूम की कुर्सी आज तुम्हारी है, कल किसी और की थी। वो कल किसी और की होगी। तुम इसे अपना समझ कर मगन हो रहे हो । यही तुम्हारे समस्त दुखों का कारण है।।
प्रमोशन, इन्क्रीमेंट,ट्रान्सफर जैसे शब्द अपने मन से निकाल दो। फिर तुम इस स्कूल के और ये स्कूल तुम्हारा होगा।।
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