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5,276 टीचर्स को एडहॉक सर्विस का भी लाभ मिलेगा

पंजाबमें दो दशक पहले एडहॉक से रेगुलर नियुक्त किए गए एसएस टीचर्स
को अब एडहॉक सर्विस का भी लाभ मिलेगा। जस्टिस महेश ग्रोवर ने
इस संबंध में दाखिल सभी याचिकाएं स्वीकार करते हुए
याचियों को एडहॉक सर्विस का लाभ देने के आदेश दिए हैं।
हाईकोर्ट के इस फैसले से 5,276 टीचर्स को सीधा लाभ मिलेगा।
जस्टिस ग्रोवर ने फैसले में कहा कि याचियों को साल 1994 में
अपनी पहली नियुक्ति से सर्विस लाभ मिलने चाहिए। इनमें
वरिष्ठता तय करने अन्य सर्विस लाभ शामिल रहेंगे।
जस्टिस ग्रोवर ने फैसले में कहा, भर्ती सरकार की गलती से खारिज
हुई। तय पदों से ज्यादा नियुक्ति देना सरकार के स्तर पर गलत था।
याचियों ने चयन प्रक्रिया से गुजरने के बाद नियुक्ति हासिल की।
ऐसे में इन नियुक्तियों को बैक डोर एंट्री नहीं कहा जा सकता। और
याचियों को उनकी एडहॉक नियुक्ति का नियमित लाभ देने से
इंकार नहीं किया जा सकता।
होशियारपुर निवासी केवल सिंह अन्य टीचर्स की तरफ से
याचिका दायर कर की गई थी। इसमंे कहा गया था कि अगस्त 1992
में विज्ञापन देकर एसएस टीचर्स के लिए कुल 2461 पदों के लिए आवेदन
मांगा गया था। जबकि 7737 पदों पर नियुक्ति कर ली गई थी।
याचियों के वकील सौरभ अरोड़ा ने कोर्ट में कहा कि मांगे गए आवेदन
से ज्यादा पद भरने के चलते ही 2461 पदों को छोड़कर बाकी 5276
नियुक्तियां खारिज कर दी गई थीं। इसके बाद याचियों को साल
1994 में 89 दिनों के लिए एडहॉक पर नियुक्ति का ऑफर
दिया गया। बाद में इन्हें नियमित कर दिया गया। याचिकाओं में
कहा गया कि एडहॉक समय अवधि को वरिष्ठता तय करने अन्य
सेवा लाभ में जोड़ा जाए। अरोड़ा ने कहा कि एडहॉक समय
अवधि की अनदेखी नहीं की जा सकती। क्योंकि उन्हें तय चयन
प्रक्रिया के तहत नियुक्ति दी गई। बाद में नियुक्तियां खारिज
भी सरकार की गलती के कारण हुई।

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