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अब नए सिरे से फिट किए जाएंगे कर्मचारी
मंत्रियों को मिला सी श्रेणी के कर्मियों के तबादलों का अधिकार प्रथम व द्वितीय श्रेणी कर्मियों का स्थानातंरण सीएम के हाथ
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़ ।हरियाणा सरकार ने चहेते कर्मचारियों को मलाईदार पदों पर बैठाने तथा एक ही सीट पर कई-कई सालों से जमे हुए कर्मचारियों का बोरिया-बिस्तर बांधने की तैयारी कर ली है। सरकार ने बुधवार को सभी मंत्रियों को उनके विभागों में तबादलों का अधिकार दे दिया।मनोहर सरकार के मंत्री अब अपने विभागों के सी श्रेणी के कर्मचारियों के तबादला कर सकेंगे। 3 से 19 दिसंबर तक मंत्रियों को यह अधिकार दिए गए हैं। प्रथम व द्वितीय श्रेणी के तबादलों का अधिकार मुख्यमंत्री ने अपने पास रखा है। स्कूलों में शैक्षणिक सत्र बीच में होने के कारण शिक्षण स्टाफ के तबादला आदेश बाद में जारी किए जाएंगे। 1करीब दो लाख कर्मियों पर पड़ेगा असर 1सी श्रेणी के पौने दो से दो लाख कर्मचारी मंत्रियों से मनमाफिक जगह पर तबादला करा सकते हैं। इन तबादलों में भाजपा से जुड़े कर्मचारियों को अधिक तवज्जो मिलने की संभावना है। साथ ही विधायकों की सिफारिश को भी पूरी तरजीह मिलने की उम्मीद की जा रही है।1कांग्रेसी हटाकर भाजपा समर्थकों की होगी एडजस्टमेंट1तबादला अवधि के दौरान कांग्रेस या दूसरे दलों से समर्थित कर्मचारियों को विभागों के अच्छे पदों से हटाया जा सकता है। कांग्रेस सरकार के पहले कार्यकाल में भी इस तरह से मंत्रियों को तबादलों के अधिकार दिए गए थे। उस दौरान कई कर्मचारी नेताओं का तबादला दूर-दराज क्षेत्रों में किए जाने पर सरकार को विरोध का सामना करना पड़ा था। इस बार भी कर्मचारी नेता इसकी आशंका जता रहे हैं।मंत्रियों को मिला सी श्रेणी के कर्मियों के तबादलों का अधिकार । प्रथम व द्वितीय श्रेणी कर्मियों का स्थानातंरण सीएम के हाथ ।
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तबादलों के लिए खुले मंत्रियों के ‘द्वार’
चंडीगढ़ : हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों के तबादलों के लिए मंत्रियों के द्वार खुल गए हैं। प्रदेश सरकार ने मंत्रियों को 16 दिनों के लिए पावर दी है। आमतौर पर मंत्रियों को एक से डेढ़ महीने के लिए तबादलों के अधिकार मिलते रहे हैं। मंत्री केवल तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के ही तबादले कर सकते हैं। अगर वे प्रथम व द्वितीय श्रेणी अधिकारियों को बदलना चाहते हैं तो मुख्यमंत्री से इजाजत लेगी होगी।
शिक्षा विभाग के तबादले अभी नहीं खोले गए हैं। गृह (पुलिस), बिजली, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, शहरी स्थानीय निकाय, हाउसिंग, जेल तथा सूचना एवं जनसंपर्क सहित कई अहम मंत्रालय क्योंकि खुद मुख्यमंत्री के पास हैं, इसलिये तबादले मंत्री नहीं कर सकेंगे। कर्मचारियों के स्थानांतरण के लिए मंत्रियों को 3 से 19 दिसंबर तक अधिकार दिए गए हैं। शिक्षा मंत्री प्रो़ रामबिलास शर्मा अभी अपने इस विभाग में तबादले नहीं कर सकेंगे, लेकिन वे परिवहन, पर्यटन, तकनीकी शिक्षा, खाद्य एवं आपूर्ति आदि अपने उन विभागों के तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को इधर से उधर कर सकेंगे, जो उनके अधीन आते हैं। इसी तरह से राज्य के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, वित्त एवं योजना विभाग के अलावा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, आबकारी एवं कराधान, वन एवं पर्यावरण, उद्योग एवं वाणिज्य सहित अपने सभी विभागों के तृतीय श्रेणी कर्मचारियों का तबादला कर सकेंगे।
केबिनेट मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ के पास कृषि, विकास एवं पंचायत, सिंचाई, पशुपालन एवं डेयरी तथा मत्स्य पालन विभाग के कर्मचारियों को स्थानांतरित कर सकेंगे। इन विभागों के प्रथम व द्वितीय श्रेणी कर्मचारियों के तबादलों की पावर धनखड़ के पास नहीं होगी। अगर वे अपने विभागों के प्रथम व द्वितीय श्रेणी कर्मचारियों को भी बदलना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें मुख्यमंत्री से चर्चा करनी होगी।
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विज्ञान, आयुष, ईएसआई, चुनाव तथा युवा एवं खेल विभाग के तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों का तबादला कर सकेंगे। रोचक बात यह है कि विज के खेल एवं युवा कल्याण मामले विभाग के कर्मचारियों की संख्या मुट्ठीभर है।
स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर क्लास-वन और क्लास-टू की कैटेगरी में आते हैं। ऐसे में विज को डॉक्टरों की बदली के लिए भी मुख्यमंत्री से मंजूरी लेनी होगी।
केबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह पीडब्ल्यूडी (भवन एवं सड़कें) तथा जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के तृतीय श्रेणी कर्मचारियों का तबादला कर सकेंगे। कहने का मतलब है कि विभाग के एसडीओ, एक्सईएन एवं एसई आदि के तबादलों के लिए उन्हें भी मुख्यमंत्री से ही इजाजत लेगी होगी। राज्य की समाज कल्याण मंत्री कविता जैन महिला एवं बाल कल्याण विकास, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के तृतीय श्रेणी कर्मचारियों का तबादला कर सकेंगी।
इसी तरह से राज्य मंत्री विक्रम सिंह ठेकेदार केवल सहकारिता विभाग के तृतीय श्रेणी कर्मचारियों का तबादला अपनी मर्जी से कर सकेंगे। राज्य मंत्री के रूप में उनके पास इसी विभाग का स्वतंत्र प्रभार है। इसी तरह से राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी तथा कर्ण देव कम्बोज पूरी तरह से केबिनेट मंत्रियों एवं मुख्यमंत्री के आश्रित रहेंगे क्योंकि इन दोनों मंत्रियों के पास किसी भी विभाग का स्वतंत्र प्रभार नहीं है। अगर किसी मंत्री काे प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अधिकारी का तबादला करवाना हो तो इसके लिए मुख्यमंत्री से अनुमति लेकर फाइल अागे बढ़ाई जाएगी।
शिक्षा विभाग के तबादले अभी नहीं खोले गए हैं। गृह (पुलिस), बिजली, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, शहरी स्थानीय निकाय, हाउसिंग, जेल तथा सूचना एवं जनसंपर्क सहित कई अहम मंत्रालय क्योंकि खुद मुख्यमंत्री के पास हैं, इसलिये तबादले मंत्री नहीं कर सकेंगे। कर्मचारियों के स्थानांतरण के लिए मंत्रियों को 3 से 19 दिसंबर तक अधिकार दिए गए हैं। शिक्षा मंत्री प्रो़ रामबिलास शर्मा अभी अपने इस विभाग में तबादले नहीं कर सकेंगे, लेकिन वे परिवहन, पर्यटन, तकनीकी शिक्षा, खाद्य एवं आपूर्ति आदि अपने उन विभागों के तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को इधर से उधर कर सकेंगे, जो उनके अधीन आते हैं। इसी तरह से राज्य के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, वित्त एवं योजना विभाग के अलावा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, आबकारी एवं कराधान, वन एवं पर्यावरण, उद्योग एवं वाणिज्य सहित अपने सभी विभागों के तृतीय श्रेणी कर्मचारियों का तबादला कर सकेंगे।
केबिनेट मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ के पास कृषि, विकास एवं पंचायत, सिंचाई, पशुपालन एवं डेयरी तथा मत्स्य पालन विभाग के कर्मचारियों को स्थानांतरित कर सकेंगे। इन विभागों के प्रथम व द्वितीय श्रेणी कर्मचारियों के तबादलों की पावर धनखड़ के पास नहीं होगी। अगर वे अपने विभागों के प्रथम व द्वितीय श्रेणी कर्मचारियों को भी बदलना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें मुख्यमंत्री से चर्चा करनी होगी।
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विज्ञान, आयुष, ईएसआई, चुनाव तथा युवा एवं खेल विभाग के तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों का तबादला कर सकेंगे। रोचक बात यह है कि विज के खेल एवं युवा कल्याण मामले विभाग के कर्मचारियों की संख्या मुट्ठीभर है।
स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर क्लास-वन और क्लास-टू की कैटेगरी में आते हैं। ऐसे में विज को डॉक्टरों की बदली के लिए भी मुख्यमंत्री से मंजूरी लेनी होगी।
केबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह पीडब्ल्यूडी (भवन एवं सड़कें) तथा जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के तृतीय श्रेणी कर्मचारियों का तबादला कर सकेंगे। कहने का मतलब है कि विभाग के एसडीओ, एक्सईएन एवं एसई आदि के तबादलों के लिए उन्हें भी मुख्यमंत्री से ही इजाजत लेगी होगी। राज्य की समाज कल्याण मंत्री कविता जैन महिला एवं बाल कल्याण विकास, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के तृतीय श्रेणी कर्मचारियों का तबादला कर सकेंगी।
इसी तरह से राज्य मंत्री विक्रम सिंह ठेकेदार केवल सहकारिता विभाग के तृतीय श्रेणी कर्मचारियों का तबादला अपनी मर्जी से कर सकेंगे। राज्य मंत्री के रूप में उनके पास इसी विभाग का स्वतंत्र प्रभार है। इसी तरह से राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी तथा कर्ण देव कम्बोज पूरी तरह से केबिनेट मंत्रियों एवं मुख्यमंत्री के आश्रित रहेंगे क्योंकि इन दोनों मंत्रियों के पास किसी भी विभाग का स्वतंत्र प्रभार नहीं है। अगर किसी मंत्री काे प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अधिकारी का तबादला करवाना हो तो इसके लिए मुख्यमंत्री से अनुमति लेकर फाइल अागे बढ़ाई जाएगी।
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