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एमडीयू : जीरो मार्क्स देने पर बताने होंगे कारण, यूनिवर्सिटी ने लिया फैसला
फरीदाबाद. महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी ने लंबे समय के बाद
छात्रों को फील गुड का अहसास कराया है। अब कम अनुभव वाले
उत्तरपुस्तिकाओं की जांच नहीं करेंगे। जिन लेक्चरर्स के पास 3 साल
का अनुभव होगा, उनके हाथों में जांच की कमान होगी। इससे
गलती की आशंका कम होगी। परीक्षा परिणाम पर उठते सवाल के
बाद यह निर्णय लिया गया है। बड़ी संख्या में परिणाम आने के
बाद विभिन्न विषयों में छात्रों को शून्य अंक मिलते हैं। इसे लेकर
जिले के छात्र कई बार आंदोलन कर चुके थे। हाल में गुड़गांव के एक
कॉलेज की छात्रा ने आत्मदाह कर लिया था। इस निर्णय
का छात्र संगठन व शिक्षाविदों ने स्वागत किया है।
प्रिंसिपलों ने उठाया था मुद्दा
परीक्षा परिणाम के दौरान उत्तरपुस्तिकाओं की जांच में
हो रही गड़बड़ी और उसे दुरुस्त करने पर प्रदेश के सभी संबद्ध कॉलेजों से
प्रिंसिपलों को यूनिवर्सिटी कैंपस में बुलाया गया था। जिले के
प्रिंसिपलों ने इसमें शिरकत की। इसमें प्रिंसिपलों ने मूल्यांकन
की प्रक्रिया को दुरुस्त करने का सुझाव दिया। आंदोलनों से
दो चार होना पड़ता है। अब मूल्यांकन
की प्रक्रिया को पुख्ता बनाने के लिए ठोस कदम उठाया गया है।
इसकी घोषणा यूनिवर्सिटी ने कर दी है।
उत्तरपुस्तिका में करना होगा उल्लेख
एमडीयू के परीक्षा नियंत्रक डॉ. बी एस सिंधू ने
बताया कि परीक्षा में मूल्यांकन संबंधित जरूरी दिशा-निर्देश
जारी कर दिए हैं। कॉलेज प्रबंधनों को अवगत कराया दिया है।
मूल्यांकन 3 वर्ष का अध्यापन का अनुभव रखने वाने लेक्चरर्स से
कराया जाएगा। यदि किसी छात्र को उसके प्रश्र के उत्तर में शून्य
अंक दिए जाते हैं तो वहीं उत्तर पुस्तिका पर उसका कारण भी दर्ज
करना होगा।
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