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फिर निजी कंपनियों के जिम्मे होंगी कंप्यूटर लैब
चंडीगढ़ : प्रदेश के सरकारी स्कूलों की कंप्यूटर लैब का रखरखाव व मरम्मत कार्य स्कूल शिक्षा विभाग एक बार फिर निजी हाथों में सौंपने जा रहा है। 390 निजी स्कूलों की आइसीटी लैब का जिम्मा निजी कंपनियों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। तीन वर्ष के लिए कंपनियों के साथ विभाग अनुबंध करेगा। इस अवधि में कंपनियां ही लैब के संचालन का काम संभालेंगी। तकनीकी दिक्कत आने पर उन्हें ही सिस्टम को दुरुस्त कराना होगा। सेवाएं उच्च स्तरीय व मानकों के अनुरूप न होने पर गाज गिरना तय है।
नई कंपनियों का चयन विभाग को इसलिए ही करना पड़ रहा है, चूंकि पूर्व की दो निजी कंपनियां ब्लैक लिस्ट की जा चुकी हैं। इनकी सेवाएं समझौते के अनुरूप नहीं थी। लैब सहायकों को लंबे समय से वेतन भी नहीं दिया गया। लैब का संचालन और मरम्मत कार्य भी अव्वल दर्जे का नहीं था। इसलिए दोनों कंपनियों को अगले पांच वर्ष के लिए काली सूची में डाल दिया गया है।1नए सिरे से कंपनियों का चयन नए साल के पहले महीने में ही कर लिया जाएगा। विभाग ने निजी कंपनियों से रेक्वेस्ट ऑफ प्रपोजल मांग लिए हैं। सोलह जनवरी को फाइनेंसियल बिड खोल कर कम रेट पर सेवाएं देने वाली कंपनियां चुन ली जाएंगी। विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि हार्डवेयर और सिस्टम साफ्टवेयर दोनों की ही देखरेख कंपनियों को करनी होंगी। सेवाएं संतोषजनक न पाए जाने पर किसी भी समय कार्रवाई की जा सकती है। कंपनियों को सेवाओं का भुगतान विभाग हर तीन महीने में एक बार करेगा।
नई कंपनियों का चयन विभाग को इसलिए ही करना पड़ रहा है, चूंकि पूर्व की दो निजी कंपनियां ब्लैक लिस्ट की जा चुकी हैं। इनकी सेवाएं समझौते के अनुरूप नहीं थी। लैब सहायकों को लंबे समय से वेतन भी नहीं दिया गया। लैब का संचालन और मरम्मत कार्य भी अव्वल दर्जे का नहीं था। इसलिए दोनों कंपनियों को अगले पांच वर्ष के लिए काली सूची में डाल दिया गया है।1नए सिरे से कंपनियों का चयन नए साल के पहले महीने में ही कर लिया जाएगा। विभाग ने निजी कंपनियों से रेक्वेस्ट ऑफ प्रपोजल मांग लिए हैं। सोलह जनवरी को फाइनेंसियल बिड खोल कर कम रेट पर सेवाएं देने वाली कंपनियां चुन ली जाएंगी। विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि हार्डवेयर और सिस्टम साफ्टवेयर दोनों की ही देखरेख कंपनियों को करनी होंगी। सेवाएं संतोषजनक न पाए जाने पर किसी भी समय कार्रवाई की जा सकती है। कंपनियों को सेवाओं का भुगतान विभाग हर तीन महीने में एक बार करेगा।
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