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सरकारी अभियानों से स्कूलों में रुकी पढ़ाई
भिवानी : स्कूलों को कार्यक्रम आयोजित करने के
सरकारी निर्देश बच्चों की पढ़ाई पर भारी पड़ने लगे हैं। पिछले
दो महीने के दौरान त्योहारों की छुट्टियों और इन
कार्यक्रमों का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह अभी 15 दिसंबर तक
चलने वाला है। अक्तूबर में दशहरे और दिवाली की छुट्टियां रहीं।
इसके बाद कभी स्वच्छता अभियान तो कभी राष्ट्रीय
एकता अभियान के कार्यक्रमों में स्कूली बच्चे व शिक्षक व्यस्त रहे।
नवंबर में हरियाणा दिवस के उपलक्ष्य में 1 से 14 नवंबर तक
भी स्वच्छता अभियान चलता रहा। अब प्रदेश सरकार ने स्कूलों में 1
से 15 दिसंबर तक मतदाता जागरूकता के तहत ‘स्वीप’ कार्यक्रम
चलाने के निर्देश दिए हैं।
15 दिसंबर तक स्कूलों का व्यस्त कार्यक्रम :
1 दिसंबर : मतदाता जागरूकता के लिए स्लोगन प्रतियोगिता
2 दिसंबर : प्रभात फेरी के माध्यम से गांव में जागरूकता रैली
3 दिसंबर : एसएमसी कमेटी को विद्यालय में बुलाकर मतदान के महत्व
के बारे में बताने का कार्यक्रम चला।
4 दिसंबर : विद्यालय में पंचायत प्रतिनिधियों को बुलाकर वोट
के महत्व के बारे में बताया गया।
5 दिसंबर : गांव की लड़कियों को मत बनवाने के प्रति प्रेरित करने
का कार्यक्रम चलेगा।
6, 7 दिसंबर : 14 दिसंबर को बनाए जाने वाले नए मतों के बारे में
बताया जायेगा।
8 दिसंबर : प्रभात फेरी निकाली जायेगी।
9, 10 दिसंबर : एनसीसी और एनएसएस के बच्चों ने गांव में घर-घर
जाकर वोट बनाने की अपील करेंगे।
11 दिसंबर : स्कूली बच्चों को वोट के लिए प्रेरित करने
का कार्यक्रम।
12 दिसंबर : स्कूल मुखिया गांव में नए वोट के लिए मुनादी करवाएंगे
13 दिसंबर : नए मतों के लिए युवाओं की लिस्ट तैयार
की जायेगी।
14 दिसंबर : ग्राम पंचायतों के सहयोग से बुर्जगों की बैठक बुलाकर
उनके बच्चों के वोट बनवाने के लिए कहा जायेगा।
15 दिसंबर : बच्चों को माता-पिता के साथ मिलकर गांव में
प्रभात फेरी निकालने को कहा गया है।
क्या कहते हैं अभिभावक :
गांव नांगल के जिले सिंह और पूर्ण सिंह का कहना है कि पिछले
दो महीनों के दौरान बच्चों की पढ़ाई न के बराबर हुई है। आने वाले
दिनों में भी इसके आसार दिखाई नहीं देते। उन्होंने कहा- यह
तो ठीक है कि बच्चों के विकास के लिए
कार्यक्रमों की आवश्यकता है, लेकिन जब ये कार्यक्रम
बच्चों की पढ़ाई पर विपरीत असर डालें
तो इनकी समीक्षा जरूरी है।
क्या कहते हैं स्कूली छात्र :
भिवानी स्थित विभिन्न विद्यालयों के छात्र नवीन, संजय, रमेश,
मीना, ऊषा आदि से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि इन
कार्यक्रमों में मजा तो आता है, लेकिन पढ़ाई का नुकसान
हो रहा है।
क्या कहते हैं अध्यापक संघ के नेता
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के अध्यक्ष वजीर सिंह
का मानना है कि किसी चीज की भी अधिकता बच्चों के
भविष्य को प्रभावित जरूर करती है। उन्होंने अनावश्यक
कार्यक्रमों पर रोक की भी मांग की। उन्होंने कहा कि कुछ
कार्यक्रम तो केवल राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए
आयोजित किए जाते हैं।
भिवानी : स्कूलों को कार्यक्रम आयोजित करने के
सरकारी निर्देश बच्चों की पढ़ाई पर भारी पड़ने लगे हैं। पिछले
दो महीने के दौरान त्योहारों की छुट्टियों और इन
कार्यक्रमों का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह अभी 15 दिसंबर तक
चलने वाला है। अक्तूबर में दशहरे और दिवाली की छुट्टियां रहीं।
इसके बाद कभी स्वच्छता अभियान तो कभी राष्ट्रीय
एकता अभियान के कार्यक्रमों में स्कूली बच्चे व शिक्षक व्यस्त रहे।
नवंबर में हरियाणा दिवस के उपलक्ष्य में 1 से 14 नवंबर तक
भी स्वच्छता अभियान चलता रहा। अब प्रदेश सरकार ने स्कूलों में 1
से 15 दिसंबर तक मतदाता जागरूकता के तहत ‘स्वीप’ कार्यक्रम
चलाने के निर्देश दिए हैं।
15 दिसंबर तक स्कूलों का व्यस्त कार्यक्रम :
1 दिसंबर : मतदाता जागरूकता के लिए स्लोगन प्रतियोगिता
2 दिसंबर : प्रभात फेरी के माध्यम से गांव में जागरूकता रैली
3 दिसंबर : एसएमसी कमेटी को विद्यालय में बुलाकर मतदान के महत्व
के बारे में बताने का कार्यक्रम चला।
4 दिसंबर : विद्यालय में पंचायत प्रतिनिधियों को बुलाकर वोट
के महत्व के बारे में बताया गया।
5 दिसंबर : गांव की लड़कियों को मत बनवाने के प्रति प्रेरित करने
का कार्यक्रम चलेगा।
6, 7 दिसंबर : 14 दिसंबर को बनाए जाने वाले नए मतों के बारे में
बताया जायेगा।
8 दिसंबर : प्रभात फेरी निकाली जायेगी।
9, 10 दिसंबर : एनसीसी और एनएसएस के बच्चों ने गांव में घर-घर
जाकर वोट बनाने की अपील करेंगे।
11 दिसंबर : स्कूली बच्चों को वोट के लिए प्रेरित करने
का कार्यक्रम।
12 दिसंबर : स्कूल मुखिया गांव में नए वोट के लिए मुनादी करवाएंगे
13 दिसंबर : नए मतों के लिए युवाओं की लिस्ट तैयार
की जायेगी।
14 दिसंबर : ग्राम पंचायतों के सहयोग से बुर्जगों की बैठक बुलाकर
उनके बच्चों के वोट बनवाने के लिए कहा जायेगा।
15 दिसंबर : बच्चों को माता-पिता के साथ मिलकर गांव में
प्रभात फेरी निकालने को कहा गया है।
क्या कहते हैं अभिभावक :
गांव नांगल के जिले सिंह और पूर्ण सिंह का कहना है कि पिछले
दो महीनों के दौरान बच्चों की पढ़ाई न के बराबर हुई है। आने वाले
दिनों में भी इसके आसार दिखाई नहीं देते। उन्होंने कहा- यह
तो ठीक है कि बच्चों के विकास के लिए
कार्यक्रमों की आवश्यकता है, लेकिन जब ये कार्यक्रम
बच्चों की पढ़ाई पर विपरीत असर डालें
तो इनकी समीक्षा जरूरी है।
क्या कहते हैं स्कूली छात्र :
भिवानी स्थित विभिन्न विद्यालयों के छात्र नवीन, संजय, रमेश,
मीना, ऊषा आदि से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि इन
कार्यक्रमों में मजा तो आता है, लेकिन पढ़ाई का नुकसान
हो रहा है।
क्या कहते हैं अध्यापक संघ के नेता
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के अध्यक्ष वजीर सिंह
का मानना है कि किसी चीज की भी अधिकता बच्चों के
भविष्य को प्रभावित जरूर करती है। उन्होंने अनावश्यक
कार्यक्रमों पर रोक की भी मांग की। उन्होंने कहा कि कुछ
कार्यक्रम तो केवल राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए
आयोजित किए जाते हैं।
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