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छात्राओं ने खुद शुरू कर ली वुमेन बस सेवा
उचाना के राजकीय कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल से छुट्टी के बाद घर जाने के लिए बस में सवार होती छात्राएं। -हप्र
जींद (हप्र) : उनके गांव से शहर में पढ़ने आने के लिए कोई सरकारी बस सेवा नहीं है। परिवहन विभाग से भी कई बार ग्रामीण रूटों पर बस सेवा शुरू करने की मांग की गई। लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ। पढ़ाई का जज्बा मन में लिए छात्राओं ने स्वयं ही अपनी समस्या का समाधान निकालने की सोची और करीब 30 छात्राओं ने अपने लिए वुमेन बस सेवा खुद के खर्चे पर शुरू करने की योजना बनाई तो 50 के करीब और भी अन्य छात्राएं इस मुहिम में उनके साथ जुड़ गई। छात्राओं की यह मुहिम रंग लाई और पिछले वर्ष 80 छात्राओं के मुकाबले इस वर्ष 267 छात्राएं वुमेन बस में स्कूल से अपने घर का सुहाना सफर कर रही हैं। इससे अब वे समय पर स्कूल आ रही हैं और बिना किसी झंझट के समय पर ही घर पहुंच रहीं हैं। दरअसल जींद जिले के उचाना कस्बे में स्थित राजकीय कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल में क्षेत्र निकटवर्ती गांवों घोघड़िया, कहसून व रोज खेड़ा की करीब 30 छात्राओं ने दाखिला लिया तो उनके लिए हर रोज गांव से स्कूल आने में परेशानी पैदा हो गई। अब गांव से स्पेशल वुमेन बस स्कूल आने-जाने के लिए शुरू होने से अभिभावकों को किसी तरह की चिंता नहीं होती है। स्कूल में छात्राएं समय पर पहुंच जाती हैं।
जींद (हप्र) : उनके गांव से शहर में पढ़ने आने के लिए कोई सरकारी बस सेवा नहीं है। परिवहन विभाग से भी कई बार ग्रामीण रूटों पर बस सेवा शुरू करने की मांग की गई। लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ। पढ़ाई का जज्बा मन में लिए छात्राओं ने स्वयं ही अपनी समस्या का समाधान निकालने की सोची और करीब 30 छात्राओं ने अपने लिए वुमेन बस सेवा खुद के खर्चे पर शुरू करने की योजना बनाई तो 50 के करीब और भी अन्य छात्राएं इस मुहिम में उनके साथ जुड़ गई। छात्राओं की यह मुहिम रंग लाई और पिछले वर्ष 80 छात्राओं के मुकाबले इस वर्ष 267 छात्राएं वुमेन बस में स्कूल से अपने घर का सुहाना सफर कर रही हैं। इससे अब वे समय पर स्कूल आ रही हैं और बिना किसी झंझट के समय पर ही घर पहुंच रहीं हैं। दरअसल जींद जिले के उचाना कस्बे में स्थित राजकीय कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल में क्षेत्र निकटवर्ती गांवों घोघड़िया, कहसून व रोज खेड़ा की करीब 30 छात्राओं ने दाखिला लिया तो उनके लिए हर रोज गांव से स्कूल आने में परेशानी पैदा हो गई। अब गांव से स्पेशल वुमेन बस स्कूल आने-जाने के लिए शुरू होने से अभिभावकों को किसी तरह की चिंता नहीं होती है। स्कूल में छात्राएं समय पर पहुंच जाती हैं।
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