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प्राइमरी से यूनिवर्सिटी लेवल तक पाठ्यक्रम में शामिल होगी गीता , शिक्षा मंत्री ने की घोषणा, विरोध भी शुरू रामबिलास के तर्क शिक्षा पर सवाल दिशा मंच के तेवर तल्ख भास्कर न्यूज | कुरुक्षेत्र/चंडीगढ़ प्रदेशमें प्राइमरी से लेकर यूनिवर्सिटी लेवल तक के सिलेबस में गीता के अध्याय को शामिल किया जाएगा। शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने सोमवार को कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह घोषणा की। उन्होंने कहा, "गीता विश्वव्यापी पवित्र ग्रंथ है। इसके बारे में बच्चों को ज्ञान होना चाहिए। इसी सोच के चलते यह निर्णय लिया गया है।' वहीं कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी (केयू)के दिशा मंच का कहना है कि यह किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगा। केयू के दिशा मंच के प्रवक्ता ने कहा, "भाजपा सरकार शिक्षा में हिंदूवादी एजेंडा लागू करना चाह रही है। जो गलत है। यह युग विज्ञान और तकनीक का युग है। लेकिन शिक्षामंत्री हमें एक बार फिर से धर्म ग्रंथों का पाठ कराना चाह रहे हैं। गीता के प्रति शिक्षा मंत्री की आस्था हो सकती है। वह अपनी आस्था रखने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन अपनी सोच दूसरों पर नहीं लाद सकते। सभी स्टूडेंट्स को एकजुट कर संघर्ष किया जाएगा।' रामबिलास शर्मा ने कहा, "गीता के ज्ञान बिना जीवन सफल नहीं बनाया जा सकता। गीता से ही मानव को नई उर्जा मिल सकती हैं। समाज के सभी लोगों को गीता के उपदेशों का अनुसरण करना चाहिए। हम गीता की 5151 जयंती मना रहे हैं। यह ग्रंथ आज भी पूरी तरह प्रासंगिक है। विश्व में आज चर्चा की जा रही है कि आतंकवाद, भ्रष्टाचार, मानव शोषण अन्याय आदि समस्याओं से कैसे निजात पाई जाए। गीता के ज्ञान से इस तरह की समस्याओं से आसानी से निपटा जा सकता है।

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