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2011 जेबीटी शिक्षक भर्ती मामले में हाईकोर्ट ने लगाई फटकार
सरकार ने मांगी जांच के लिए तीन माह की मोहलत
मामला क्या था
प्रवीण कुमारी व अन्य ने याचिका दायर कर 2011 में चयनित 8285 जेबीटी अध्यापकों की नियुक्ति को रद करने की मांग की है। शिक्षा बोर्ड ने राज्यस्तरीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (स्टेट) का आयोजन किया था। इसके विवरणिका (प्रोस्पेकटस) में साफ लिखा था कि परीक्षा की उत्तरपुस्तिका पर अंगूठे के निशान व फार्म पर किए अंगूठे के निशान का मिलान कर ही प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि बोर्ड ने अंगूठे के निशान मिलाए बगैर ही पात्रता परीक्षा के प्रमाणपत्र वितरित कर दिए। इससे कई छात्रों ने अपनी जगह दूसरे को बिठा दिया।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : जेबीटी शिक्षकों की भर्ती में हुई धांधली के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए राज्य के प्राथमिक शिक्षा निदेशक को तलब कर कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने को कहा। 1शुक्रवार तक के लिए सुनवाई स्थगित करते हुए खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में लगातार देरी की जा रही है। इससे पूर्व भी हाईकोर्ट सात माह का समय दे चुका है और अब फिर समय मांगा जा रहा है। इस मामले की पूरी स्टेटस रिपोर्ट के साथ उपस्थित हो प्राथमिक शिक्षा निदेशक बताएं कि दोषी पाए गए शिक्षकों के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी और हस्ताक्षर की जांच के बाद दोषी पाए जाने वालों के साथ क्या प्रक्रिया अपनाई जाएगी?1निदेशक ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि 798 शिक्षकों को जांच में फर्जी पाया गया और 6049 संदेह के घेरे में हैं। संदेह की स्थिति को स्पष्ट करने के लिए तीन माह का समय और दिया जाए। पीठ को जब यह बताया गया कि 300 से अधिक शिक्षक बार-बार बुलाने के बाद भी जांच में शामिल नहीं हो रहे हैं, तो पीठ ने कड़ा रुख अपनाते हुए पूछा कि क्या उनका अपने शिक्षक पर कोई नियंत्रण नहीं है। हरियाणा सरकार के एफिडेविट में बताया गया कि उन्होंने 2011 में नियुक्ति पाने वाले जेबीटी टीचरों के जांच करवाई और सीएसएफएल जांच में पाया गया कि केवल 1101 टीचर ऐसे हैं जिन्होंने पात्रता परीक्षा सही तरीके से पास की है। 8285 शिक्षकों की अध्यापक पात्रता परीक्षा पास करने के मामले में जांच कराई गई थी। इस जांच के लिए आवेदन फार्म और पात्रता परीक्षा की ओएमआर शीट पर मौजूद अंगूठे के निशान का मिलान किया गया। इस मिलान प्रक्रिया के बाद पाया गया कि केवल 1101 शिक्षक ऐसे थे जिनके अंगूठे के निशान पूरी तरह से सही थे। 7150 मामलों में इन निशानों के सही होने की पुष्टि नहीं हुई है और ऐसे में उनकी पात्रता संदेह के दायरे में। इन 7150 में से 798 शिक्षकों को सरकार ने पूरी तरह से फर्जी करार दिया और बाकी 6049 शिक्षकों की पात्रता पर संदेह की बात कही। इन 6049 शिक्षकों के अंगूठे के निशानों का मिलान नहीं हो पाया है उनके हस्ताक्षर लेकर उन्हें जांच के लिए भेजा जा रहा है। सरकार ने यह भी बताया कि जांच के लिए शिक्षकों को बुलाया जा रहा है परंतु 300 के करीब शिक्षक ऐसे हैं जो बार-बार बुलाने पर भी नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसे में सरकार इनकी सेवाओं को समाप्त करने का विचार बना रही है। सरकार ने बताया कि दोषी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रमाणपत्र रद कर उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाएगी।कार्रवाई की जाएगी।
प्रवीण कुमारी व अन्य ने याचिका दायर कर 2011 में चयनित 8285 जेबीटी अध्यापकों की नियुक्ति को रद करने की मांग की है। शिक्षा बोर्ड ने राज्यस्तरीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (स्टेट) का आयोजन किया था। इसके विवरणिका (प्रोस्पेकटस) में साफ लिखा था कि परीक्षा की उत्तरपुस्तिका पर अंगूठे के निशान व फार्म पर किए अंगूठे के निशान का मिलान कर ही प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि बोर्ड ने अंगूठे के निशान मिलाए बगैर ही पात्रता परीक्षा के प्रमाणपत्र वितरित कर दिए। इससे कई छात्रों ने अपनी जगह दूसरे को बिठा दिया।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : जेबीटी शिक्षकों की भर्ती में हुई धांधली के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए राज्य के प्राथमिक शिक्षा निदेशक को तलब कर कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने को कहा। 1शुक्रवार तक के लिए सुनवाई स्थगित करते हुए खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में लगातार देरी की जा रही है। इससे पूर्व भी हाईकोर्ट सात माह का समय दे चुका है और अब फिर समय मांगा जा रहा है। इस मामले की पूरी स्टेटस रिपोर्ट के साथ उपस्थित हो प्राथमिक शिक्षा निदेशक बताएं कि दोषी पाए गए शिक्षकों के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी और हस्ताक्षर की जांच के बाद दोषी पाए जाने वालों के साथ क्या प्रक्रिया अपनाई जाएगी?1निदेशक ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि 798 शिक्षकों को जांच में फर्जी पाया गया और 6049 संदेह के घेरे में हैं। संदेह की स्थिति को स्पष्ट करने के लिए तीन माह का समय और दिया जाए। पीठ को जब यह बताया गया कि 300 से अधिक शिक्षक बार-बार बुलाने के बाद भी जांच में शामिल नहीं हो रहे हैं, तो पीठ ने कड़ा रुख अपनाते हुए पूछा कि क्या उनका अपने शिक्षक पर कोई नियंत्रण नहीं है। हरियाणा सरकार के एफिडेविट में बताया गया कि उन्होंने 2011 में नियुक्ति पाने वाले जेबीटी टीचरों के जांच करवाई और सीएसएफएल जांच में पाया गया कि केवल 1101 टीचर ऐसे हैं जिन्होंने पात्रता परीक्षा सही तरीके से पास की है। 8285 शिक्षकों की अध्यापक पात्रता परीक्षा पास करने के मामले में जांच कराई गई थी। इस जांच के लिए आवेदन फार्म और पात्रता परीक्षा की ओएमआर शीट पर मौजूद अंगूठे के निशान का मिलान किया गया। इस मिलान प्रक्रिया के बाद पाया गया कि केवल 1101 शिक्षक ऐसे थे जिनके अंगूठे के निशान पूरी तरह से सही थे। 7150 मामलों में इन निशानों के सही होने की पुष्टि नहीं हुई है और ऐसे में उनकी पात्रता संदेह के दायरे में। इन 7150 में से 798 शिक्षकों को सरकार ने पूरी तरह से फर्जी करार दिया और बाकी 6049 शिक्षकों की पात्रता पर संदेह की बात कही। इन 6049 शिक्षकों के अंगूठे के निशानों का मिलान नहीं हो पाया है उनके हस्ताक्षर लेकर उन्हें जांच के लिए भेजा जा रहा है। सरकार ने यह भी बताया कि जांच के लिए शिक्षकों को बुलाया जा रहा है परंतु 300 के करीब शिक्षक ऐसे हैं जो बार-बार बुलाने पर भी नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसे में सरकार इनकी सेवाओं को समाप्त करने का विचार बना रही है। सरकार ने बताया कि दोषी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रमाणपत्र रद कर उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाएगी।कार्रवाई की जाएगी।
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