नए साल में किए ताबड़तोड़ तबादले कर्मचारियों में मची खलबली



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नए साल में किए ताबड़तोड़ तबादले-तबादलों में पब्लिक डीलिंग का स्टाफ-कर्मचारियों में मची खलबली

नए साल में किए ताबड़तोड़ तबादले

अमर उजाला ब्यूरो
करनाल। प्रदेश के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के तबादले के बाद अब जिलास्तर पर कई-कई साल से सीटों पर जमे बैठे बाबुओं को भी बदलने का दौर शुरू हो गया है। करनाल डीसी ने काम में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए एक ही दिन में सौ से ज्यादा कर्मचारियों के तबादले किए। इनमें पटवारी, कानूनगो व ग्राम सचिवों समेत जिलेभर की तहसीलों में बैठे रजिस्ट्री क्लर्क शामिल हैं। इसके अलावा दो दर्जन के करीब डाटा एंट्री आपरेटर भी इस लिस्ट में शामिल हैं। उधर, अचानक इतने बड़े फेरबदल से कर्मचारियों के पसीने छूटे हुए हैं। जिन कर्मचारियों के तबादले नहीं हुए हैं, उनको भी अब अपनी वर्षों पुरानी सीट छोड़ने का डर सताने लगा है।
डीसी डॉ. जे गणेशन ने यह कदम लोगों की लगातार आ रही शिकायतों के बाद उठाया है। ज्यादातर उन कर्मचारियों के तबादले किए गए हैं जो कई-कई साल से एक ही सीट व स्थान पर जमे बैठे थे। तबादलों का दूसरा कारण भ्रष्टाचार भी है। जिलेभर की तहसीलों में बैठे 28 आरसी (रजिस्ट्री क्लर्क) को बदलकर इधर से उधर किया गया है। गौरतलब है कि खुद प्रदेश के सीएम मनोहरलाल खट्टर तहसीलों में फैले भ्रष्टाचार को स्वीकार कर चुके हैं और इसके खात्मे के लिए प्रयास कर रहे हैं। रजिस्ट्री क्लर्कों के तबादलों को भी इसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है। नए साल की शुरुआत में ही डीसी ने आदेश जारी कर जिले के 44 ग्राम सचिवों को इधर से उधर किया है। वहीं 26 पटवारी और पांच कानूनगो के स्थान बदले गए हैं। इनमें असंध में तैनात पटवारियों को करनाल, घरौंडा, इंद्री के पटवारियों को असंध, नीलीखेड़ी आदि स्टेशन दिए गए हैं। इनके साथ साथ लघु सचिवालय व कस्बों के कार्यालयों में तैनात दो दर्जन डाटा एंट्री आपरेटरों का भी तबादला किया गया है। अहम बात यह है कि डीसी ने अपने आदेश में सभी कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि वे तुरंत प्रभाव से ड्यूटी ज्वाइन करें।


तबादलों में पब्लिक डीलिंग का स्टाफ
कुल मिलाकर आरसी, एमआरसी (मोटर वाहन रजिस्ट्रेशन) व ड्राइवर लाइसेंस शाखा के क्लर्कों को बदला गया है। यह सारे कर्मचारी पब्लिक डीलिंग से जुड़े हुए हैं। पब्लिक के काम समय पर और जल्दी से हो सके, इसीलिए सभी उन कर्मचारियों के स्थान बदले गए हैं, जो ऐसी सीटों पर थे।

कर्मचारियों में मची खलबली
डीसी के ताबड़तोड़ तबादले के आदेशों के बाद लघु सचिवालय में कई-कई साल से जमे कर्मचारियों की धड़कनें भी बढ़ गई हैं। कर्मचारियों को अपनी सीट छीनने का डर सताने लगा है। उधर, सूत्र बताते हैं कि डीसी ने कई विभागों के फोर्थ क्लास कर्मचारियों की लिस्ट मांगी है। संभावना जताई जा रही है कि तहसीलों व अन्य कार्यालयों में कई साल से तैनात फोर्थ क्लास कर्मचारियों को भी बदला जाएगा।

पीडब्‍ल्‍यूडी के 5 जेई बदले गए
तबादलों के इस दौर में प्रदेश सरकार ने करनाल पीडब्ल्यूडी विभाग से पांच जेई बदले हैं। दो नए जेई ने ड्यूटी भी ज्वाइन कर ली है, जबकि तीन अपने तबादले रुकवाने के लिए प्रयास में जुटे हुए हैं।

पारदर्शिता लाना ही उद्देश्य : डीसी
तबादलों के बारे में डीसी डॉ. जे गणेशन का कहना है कि तबादला रुटीन की प्रक्रिया है। हमारा प्रयास है कि लोगों के काम समय पर और पारदर्शिता के साथ हों। कर्मचारियों को चाहिए कि वे पब्लिक के काम समय पर करें और ड्यूटी को प्राथमिकता दें, समय पर कार्यालय पहुंचे।
पहली बार लघु सचिवालय के कर्मचारियों में बड़ा फेरबदल 100 से ज्यादा किए इधर से उधर
डीसी ने जिलेभर के कई रजिस्ट्री क्लर्क और कानूनगो बदले, 44 ग्राम सचिव और 26 पटवारियों को भी नई जगह भेजा
फोर्थ क्लास कर्मचारियों की भी लिस्ट तैयार, उनके ऊपर भी लटकी बदली की तलवार, भ्रष्टाचार रोकने की पहल

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