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अब शिक्षक नहीं कर सकेंगे विद्यार्थियों से भेदभाव
अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। हरियाणा शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में मासिक परीक्षाओं के दौरान उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन गंभीरता से न करने वाले शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की तैयारी कर ली है। शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को निर्देश दिए हैं कि प्रश्न पत्र तैयार करते समय और उत्तर पुस्तिकाओं का आकलन करते समय किसी तरह का पक्षपात न किया जाए। यदि उनके द्वारा किए गए मूल्यांकन और थर्ड पार्टी मूल्यांकन के आधार पर परिणामों में अधिक अंतर मिला तो संबंधित शिक्षक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षकों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि सभी प्रश्न पत्रों एवं उत्तर पुस्तिकाओं को एक वर्ष की अवधि के लिए संभाल कर रखा जाए। निरीक्षक अधिकारी कभी भी कोई भी प्रश्न एवं उत्तर पुस्तिका निकाल कर देख सकता है। इसी तरह से यदि कोई विद्यार्थी मूल्यांकन से संतुष्ट नहीं है तो संबंधित विद्यार्थी मूल्यांकन की शुद्धता की जांच कर सकता है।
राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के सतत मूल्यांकन के लिए स्कूलों में सभी विषयों की मासिक परीक्षाएं होंगी। छठी से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए जनवरी और फरवरी महीनों की मासिक परीक्षाओं के प्रश्न पत्र स्कूल स्तर पर ही शिक्षकों द्वारा तैयार किए जाएंगे। मार्च 2015 की परीक्षा के लिए पहली से आठवीं कक्षाओं के प्रश्न पत्र महानिदेशक प्राथमिक शिक्षा द्वारा तैयार किए जाएंगे।
इसके बाद नए शिक्षा सत्र में पहली से आठवीं कक्षा तक की सितंबर और मार्च में होने वाली परीक्षाओं को छोड़कर शेष महीनों की मासिक परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन क्लास टीचर या विषय अध्यापक द्वारा ही किया जाएगा। सितंबर 2015 और मार्च 2016 में होने वाली परीक्षाओं में विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं का आकलन संबंधित स्कूल के शिक्षकों की जगह दूसरे शिक्षकों द्वारा किया जाएगा ताकि यह पता लगाया जा सके कि स्कूल शिक्षकों और स्वतंत्र मूल्यांकनकर्ता के मूल्यांकन में कोई विशेष अंतर तो नहीं है।
शिक्षा विभाग ने अगले सत्र में दो महीनों को छोड़कर बाकी सभी महीनों की मासिक परीक्षाओं के प्रश्न पत्र तैयार करने और उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने की जिम्मेदारी स्कूल शिक्षकों को दी है। यही वजह है कि विभाग ने स्कूल शिक्षकों को पहले ही यह निर्देश जारी कर दिए हैं कि वे प्रश्नपत्र सेट करने और उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करते हुए गंभीर रहें।
एक साल तक उत्तर पुस्तिकाओं को संभाल कर रखा जाएगा
संतुष्ट नहीं होने पर मूल्यांकन की शुद्धता जांच सकेंगे विद्यार्थी
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