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बायोमैट्रिक मशीनों पर गुस्सा निकाल रहे सरकारी कर्मचारी
वक्त पर कार्यालय पहुंचने की मोदी सरकार की सख्ती से नाराजगी
कई मशीनें गायब तो कई टूटी और कई कर दी गईं खराब
कार्मिक विभाग ने ऐसा करने वाले कर्मियों के खिलाफ सख्ती बरतने को कहा
नई दिल्ली: वक्त पर कार्यालय पहुंचने को लेकर मोदी सरकार की सख्ती से केंद्रीय कर्मचारियों में बेहद नाराजगी है। सरकार की कड़ाई से खफा कर्मचारी अपना गुस्सा उपस्थिति रिकॉर्ड करने लिए लगी बायोमैट्रिक मशीनों पर उतार रहे हैं।
पिछले छह महीनों के दौरान 20 से ज्यादा मशीनें गायब हो गई और 100 से ज्यादा टूट गई हैं। जहां राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी) ने मशीनों को इरादतन नुकसान पहुंचाने की आशंका जताई है तो वहीं कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने सभी मंत्रालयों से ऐसा करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्ती बरतने को कहा है। दिल्ली स्थित केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और कार्यालयों को एनआईसी की ओर से बायोमैट्रिक मशीनों से छेड़छाड़ को लेकर ब्योरा भेजा गया है। कई मशीनों के चार्जर ही निकाल लिए गए हैं तो कई मशीनों का शीशा तोड़ दिया गया है। कई मशीनों में अंगुली लगाने की जगह को ही नुकसान पहुंचाया गया है। डीओपीटी भले ही मशीनों की खराबी की जांच करें मगर मंत्रालय के अधिकांश अधिकारी और कर्मचारी वक्त पर पहुंचने के आदेश से बेहद नाराज हैं। दिल्ली में विधानसभा चुनाव प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में कर्मचारियों की नाराजगी का खामियाजा भाजपा को उठाना पड़ सकता है। कर्मचारी बायोमैट्रिक प्रणाली की खामियां गिना रहे हैं। एक निदेशक ने बताया कि इस प्रणाली के बाद से केंद्रीय कर्मचारी स्वास्थ्य सुविधा (सीजीएचएस) की डिस्पेंसरी में भीड़ कम हो गई है। कर्मचारियों को कार्यालय में समय पर पहुंचने के चक्कर में वहां जाने का मौका नहीं मिलता। एक घंटा देर से पहुंचने के लिए भी सचिव और अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारियों से मंजूरी लेनी पड़ती है।
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