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थ्योरी में पास होने पर ही जोड़े जाएंगे सीसीई नंबर
हरियाणाबोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन के नए नियम के अनुसार
छात्रों को थ्योरी में पास होना होगा। सीसीई (सतत समग्र
मूल्यांकन) परीक्षा के अंक तभी जुड़ेंगे, जब छात्र थ्योरी में पास
होंगे। बोर्ड के चेयरमैन टीसी गुप्ता ने इस संबंध में विभाग के
अधिकारियों को स्पष्ट किया है।
सतत समग्र मूल्यांकन परीक्षा के अंतर्गत मासिक टेस्ट की परफॉरमेंस के
अलावा छात्रों की अटेंडेंस प्रतिशत व्यवहार देखा जाता है। इसके
20 अंक होते हैं। यह अंक छात्र के वार्षिक रिजल्ट में जोड़े जाते हंै।
बोर्ड के नए नियम अनुसार, जो छात्र अपनी मेहनत के बलबूते
थ्योरी में पास होंगे, उनके ही मूल्यांकन परीक्षा के नंबर जोड़े
जाएंगे।
शिक्षकोंकी भी जवाबदेही निर्धारित की जाएगी-
शिक्षाकी गुणवत्ता में सुधार करने के लिए शिक्षा विभाग ने
नियमों में बदलाव किया है। टीचरों के लिए भी गाइडलाइन
जारी की जाती है। इसके अलावा खट्टर सरकार ने
सरकारी स्कूलों के रिजल्ट सुधार करने के लिए
टीचरों की जवाबदेही निर्धारित करने का निर्णय लिया है।
टीचरों को छात्रों पर अधिक ध्यान देना होगा।
छात्रों को थ्योरी में पास होना होगा। सीसीई (सतत समग्र
मूल्यांकन) परीक्षा के अंक तभी जुड़ेंगे, जब छात्र थ्योरी में पास
होंगे। बोर्ड के चेयरमैन टीसी गुप्ता ने इस संबंध में विभाग के
अधिकारियों को स्पष्ट किया है।
सतत समग्र मूल्यांकन परीक्षा के अंतर्गत मासिक टेस्ट की परफॉरमेंस के
अलावा छात्रों की अटेंडेंस प्रतिशत व्यवहार देखा जाता है। इसके
20 अंक होते हैं। यह अंक छात्र के वार्षिक रिजल्ट में जोड़े जाते हंै।
बोर्ड के नए नियम अनुसार, जो छात्र अपनी मेहनत के बलबूते
थ्योरी में पास होंगे, उनके ही मूल्यांकन परीक्षा के नंबर जोड़े
जाएंगे।
शिक्षकोंकी भी जवाबदेही निर्धारित की जाएगी-
शिक्षाकी गुणवत्ता में सुधार करने के लिए शिक्षा विभाग ने
नियमों में बदलाव किया है। टीचरों के लिए भी गाइडलाइन
जारी की जाती है। इसके अलावा खट्टर सरकार ने
सरकारी स्कूलों के रिजल्ट सुधार करने के लिए
टीचरों की जवाबदेही निर्धारित करने का निर्णय लिया है।
टीचरों को छात्रों पर अधिक ध्यान देना होगा।
पहले ये नियम था
पहलेयदि छात्र सतत समग्र मूल्यांकन थ्योरी में मिलकर भी पासिंग
अंक ले आता था तो उसे पास माना जाता था। इसके
अलावा छात्र थ्योरी में कम अंक और मूल्यांकन में अच्छे अंक मिलने पर
कक्षा आसानी से पास कर लेता था।
पहलेयदि छात्र सतत समग्र मूल्यांकन थ्योरी में मिलकर भी पासिंग
अंक ले आता था तो उसे पास माना जाता था। इसके
अलावा छात्र थ्योरी में कम अंक और मूल्यांकन में अच्छे अंक मिलने पर
कक्षा आसानी से पास कर लेता था।
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