सरकार का कोर्ट में शपथ पत्र, सरप्लस हैं टीचर, भड़के शिक्षकों का प्रदर्शन 1150 टीचर चंद दिनों के ‘अतिथि’



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सरकार का कोर्ट में शपथ पत्र, सरप्लस हैं टीचर, भड़के शिक्षकों का प्रदर्शन
1150 टीचर चंद दिनों के ‘अतिथि’
अमर उजाला ब्यूरो
कैथल। जिले में करीब 1150 गेस्ट टीचरों पर आफत आने वाली है। सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दिया है कि पूरे प्रदेश में 4073 गेस्ट टीचर सरप्लस हैं और जल्द ही सरकार इन्हें हटाने की प्रक्रिया शुरू करेगी।
सभी को नोटिस जल्द ही नोटिस थमाए जाएंगे। इसी विरोध में वीरवार को जिले के गेस्ट टीचरों ने
हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के बैनर तले शहर में प्रदर्शन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव टीसी गुप्ता का पुतला फूंका। प्रदर्शन के दौरान अतिथि अध्यापकों ने ऐलान किया कि वे कड़ा संघर्ष करेंगे।
इससे पूर्व अतिथि अध्यापक हनुमान वाटिका में एकत्रित हुए। जहां से प्रदर्शन करते हुए करनाल रोड से होकर पिहोवा चौक पहुंचे। प्रदर्शन की अध्यक्षता मास्टर सुभाष चंद ने की। मास्टर सुभाष ने अध्यापकाें को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की वादाखिलाफी के कारण आज यह रोष प्रदर्शन करना पड़ा। सरकार अतिथि अध्यापकों को हटाने पर तुली है।
राज्य प्रधान राजेंद्र शर्मा ने कहा कि चुनाव से पहले रामबिलाष शर्मा ने अतिथि अध्यापकों को लिखित में दिया था कि अतिथि अध्यापकों को नियमित किया जाएगा। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में भी कहा था। लेकिन भाजपा सत्ता में आते ही वादों को भूल गई। भाजपा ने सरकार बनने के बाद नियमित भर्ती नहीं की, जबकि लगभग 5 हजार अध्यापक रिटायर हो चुके हैं।
सुभाष ने कहा कि हरियाणा सरकार ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा का अधिकार लागू ना करके 70-80 विद्यार्थियाें का सेक्शन बना हुआ है। यदि सरकार राइट टू एजुकेशन (आरटीई) के अनुसार 30 विद्यार्थियाें पर एक सेक्शन बनाती है तो पूरे हरियाणा में सरकारी स्कूलों में हजाराें की संख्या में नए पद स्वीकृत हाेंगे।
महिला विंग की प्रधान मीनू देवी व जिला महासचिव हरजिंद्र कौर ने कहा कि एक तरफ तो खट्टर सरकार व मोदी सरकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा दे रही है। वहीं दूसरी और हरियाणा के सरकारी स्कूलाें में पिछले 10 वर्षों से एक नियमित अध्यापक की तुलना में एक चौथाई वेतन पर बिना कोई सुविधाएं दिए सरकार शोषण कर रही है।
अब तक जो कुछ हुआ
10 साल पहले अतिथि अध्यापक के तौर पर भर्ती संघ के जिला प्रधान सुभाष राविश ने बताया कि सितंबर 2008 तक अलग-अलग तिथियों में भर्ती हुई। वर्ष 2009 तक उन्हें पीरियड के आधार पर पैसे मिलते थे। वर्ष 2009 में कांट्रेक्ट पर ले लिया गया। वर्ष 2011-12 तक एक-एक साल के कांट्रेक्ट हुए। वर्ष 2012 में हाईकोर्ट से अतिथि अध्यापकों को हटाने के आदेश जारी हुए। सरकार ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी और 322 दिनों में नियमित भर्ती की बात कही थी। 10 साल से काम करने वाले कर्मचारियों को पक्का करने की पॉलिसी बनाई। अब उन्हें दस साल होने जा रहे हैं और सरकार ऐसे हथकंडे अपना रही है। कुछ गेस्ट टीचरों को तीन साल की पॉलिसी के तहत पक्का किया था।
शवयात्रा निकाली
कर्मचारियों ने प्रदर्शन के दौरान जोरदार नारेबाजी की। पिहोवा चौक पर कर्मचारियों ने स्यापा कर रोष जताया। इस अवसर पर शमशेर नैन, कृष्ण क्योड़क, मुकेश बात्ता, मनोेज, अशोक गोयल, सतबीर क्योड़क, कमल पाई, सतीश शर्मा, नरेंद्र ढांडा, राज सिंह गिल, राजेश बात्ता, आशा रानी, सुनीता, बिमला, डिम्पल, बलविंद्र कौर, हरजिंद्र कौर, मीनू, संतोष, सुनीता सहित काफी संख्या में अतिथि अध्यापकाें ने प्रदर्शन में भाग लिया।
ये कहा सरकार ने शपथ पत्र में
अतिथि अध्यापकों ने बताया कि प्रदेश सरकार ने न्यायालय में दिए शपथ पत्र में कहा है कि हरियाणा करीब 4073 अतिथि अध्यापक सरप्लस हैं। उन्हें हटाने का जल्दी ही नोटिस जारी कर दिया जाएगा। शेष अतिथि अध्यापकों को नियमित भर्ती से आने वाले अध्यापकों के लिए हटा दिया जाएगा। गौरतलब है कि वर्तमान में जेबीटी को 19000 रुपये, पीजीटी को 21000, लेक्चरर को 26000 रुपये वेतनमान दिया जा रहा है। दिसंबर 2005 से लेकर सितंबर 2008 तक अतिथि अध्यापक अलग-अलग अवधि में स्कूलों में नियुक्त हुए थे। इसके बाद से ही यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
•स्टेट प्रधान राजेंद्र ने कहा, चुनाव से पहले एजुकेशन मिनस्टिर ने कहा था कि उन्हें नियमित किया जाएगा, लेकिन सत्ता में आते ही वादे को भूली भाजपा
•विरोध में टीचरों ने पिहोवा चौक पर फूंका प्रदेश सीएम खट्टर का पूतला, जताया रोष
•सरकार का दावा, हरियाणा करीब 4073 अतिथि अध्यापक सरप्लस हैं

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