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8वीं में ‘डी’ ग्रेड मिला तो 9वीं में लग सकता है झटका
शिक्षाका अधिकार कानून के तहत आठवीं के विद्यार्थियों को ज्यों-त्यों कर ग्रेड देकर नौवी कक्षा में भेजा जा रहा है, लेकिन आठवीं कक्षा में मिला डी ग्रेड उनके लिए नौवी कक्षा में परेशानी खड़ा कर सकता है। यदि उन्हें नौवी कक्षा में पास होना है तो मेहनत से पढ़ाई कर “डी’ ग्रेड को खत्म करना होगा, अन्यथा वह नौवी में भी फेल माने जाएंगे।
दरअसल, शिक्षा का अधिकार कानून के अंतर्गत आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को फेल नहीं किया जा सकता। इसी कानून का फायदा उठाकर विद्यार्थी अक्सर पढ़ाई के प्रति गंभीर नहीं रहते, लेकिन यही उनकी सबसे बड़ी भूल है। फिलहाल आठवीं की वार्षिक परीक्षा चल रही है। परीक्षा परिणाम में विद्यार्थियों को ए,बी,सी और डी ग्रेड की श्रेणी में रखा जाएगा।
और बी श्रेणी में अच्छे अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी और सी श्रेणी में उन विद्यार्थियों को रखा जाएगा जो सिर्फ पास हुए हैं। इसके अलावा डी श्रेणी में शामिल होने वाले विद्यार्थियों को रिकॉर्ड में तो पास कर दिया जाएगा, लेकिन नौवी में उन्हें और मेहनत करनी पड़ेगी। विभाग की तरफ से स्पष्ट निर्देश है कि इन विद्यार्थियों को नाैवी में दाखिला तो मिलेगा, लेकिन उन्हें डी ग्रेड खत्म कर सी ग्रेड में शामिल होना होगा। जो विद्यार्थी सी ग्रेड में तक नहीं पहुंचेंगे उन्हें नौवी में भी फेल माना जाएगा। वहीं, इसके लागू होने से बच्चों को अब और अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। साथ ही अभिभावकों को भी बच्चों के प्रति ध्यान देना होगा।
कंपार्टमेंट की तरह खत्म करनी होगी ग्रेडिंग
शिक्षाविभाग ने डी ग्रेड को कंपार्टमेंट की तरह रखा है। अगली कक्षा में आने के बाद जैसे कंपार्टमेंट को खत्म करना होता है उसी तरह डी ग्रेड को भी खत्म करना होगा। यानि विद्यार्थियों को नौवी कक्षा में अतिरिक्त मेहनत के साथ पढ़ाई करनी होगी।
^आठवीं तक के बच्चों को फेल नहीं किया जा सकता, लेकिन ग्रेडिंग के माध्यम से उनकी क्षमता जांची जाती है। इसलिए विद्यार्थियों को शुरुआत से ही मेहनत के साथ पढ़ाई करनी होगी।\'\' बलजीतसिंह सहरावत, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी
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