परीक्षाओं की अव्यवहारिक व दोषपूर्ण कार्यप्रणाली को रखेंगे शिक्षा सचिव के समक्ष


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परीक्षाओं की अव्यवहारिक व दोषपूर्ण कार्यप्रणाली को रखेंगे शिक्षा सचिव के समक्ष : महताब
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ संबद्ध सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा की परीक्षाओं के बहिष्कार को लेकर राज्य कोर कमेटी की एक आपातकालिन मिटींग हिसार में गत रात्रि को बुलाई गई । बैठक से लौटने पर राज्य कोषाध्यक्ष महताब सिंह मलिक ने बताया कि शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव टीसी गुप्ता ने दूरभाष के माध्यम से संघ के राज्य प्रधान वजीर सिंह से बात करके कहा कि पहली से आठवीं की परीक्षा के सम्बंध में जो मांगे/ सुझाव अध्यापक संघ ने रखे हैं तथा अध्यापक संघ के मांगपत्र में शामिल अन्य मांगो पर शीघ्र ही बातचीत की जाएगी । उन्होंने यह आश्वासन दिया की जो अध्यापक दूसरे विद्यालयों में परीक्षाएँ लेने जाएँगे उन्हें परीक्षा ड्यूटी व मूल्यांकन का उचित मानदेय दिया जाएगा ।
इसके पश्चात अध्यापक संघ की कोर कमेटी ने निर्णय लिया कि पूर्व में लिए गए दूसरे विद्यालयों में ड्यूटी के बहिष्कार के निर्णय को स्थगित किया जाता है तथा यदि दूरभाष से दिए संदेश अनुसार सकारात्मक बातचीत नहीं होती तो 19 मार्च को अध्यापक संघ द्वारा मास डेपुटेशन के रूप में सैंकड़ो कार्यकर्ताओ के साथ पंचकूला जाएगा ।
जिला सचिव वेदपाल रिढ़ाल ने उन हजारों अध्यापकों जिन्होंने अध्यापक संघ के आह्वान पर अपने अपने अधिकारियों को लिखकर दे दिया था कि वे दूसरे स्कूलों में परीक्षाएँ देने नहीं जाएँगे , आभार प्रकट करता है । उन्हीं के जुझारुपन की बदौलत अध्यापक संघ संघर्षों में कामयाबी हासिल कर पाता है ।
जिला प्रैस प्रवक्ता भूप सिंह वर्मा ने कहा कि अध्यापक संघ का विरोध परीक्षाओं से नहीं है बल्कि परीक्षाओं की कार्यप्रणाली से है । प्राथमिक कक्षाओं में विभाग जो परीक्षाएँ ले रहा है वो बालमनोविज्ञान की दृष्टि से बिल्कुल भी सही नहीं हैं आज हुए गणित के पेपर में पहली दूसरी कक्षाओं के छोटे छोटे बच्चों को 50 - 50 सवालों के प्रश्न पत्र थमा दिए गए । व लगातार ढाई ढाई घंटे बैठने पर मजबूर किया गया । अब तक पहली व दूसरी कक्षाओं में मौखिक व लिखित दोनों तरह कि परीक्षाएँ होती रही हैं परंतु पहली बार बच्चों से इतना लम्बा व बड़ा पेपर लिया गया । छोटे छोटे बच्चों को समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करना है । उनको समझाने हेतु उनके अध्यापक भी उन्हें कहीं दिखाई नहीं दे रहे थे । विभाग की मंशा इससे साफ झलकती है कि सरकारी विद्यालयों को बदनाम करके कैसे पूंजीपत्तियों के हवाले किया जाए ।
अध्यापक संघ मांग करता है कि सरकार स्कूलों में मूलभूत सुविधाएँ प्रदान करे व अध्यापकों की उचित व्यवस्था करे तभी इस विभाग व स्कूलों का कुछ भला हो सकेगा ।

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