वादा निभाने में कोर्ट केस और कानूनी अड़चनें : विज



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वादा निभाने में कोर्ट केस और कानूनी अड़चनें : विज

गेस्ट और कंप्यूटर टीचरों को लेकर कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने किया ट्वीट तो सोशल साइटों पर चला कमेंट वाॅर
भास्कर विशेष
इन्होंने सुनाई विज को खरी-खरी
भास्कर न्यूज |चंडीगढ़

कैबिनेटमंत्री अनिल विज के ट्वीट से संकेत मिले हैं कि प्रदेश के गेस्ट और कंप्यूटर टीचरों के भविष्य पर तलवार लटक गई है। चुनाव से पहले तो जंतर-मंतर पर जाकर भाजपा के इन नेताओं ने उनकी मांगों को जायज बताया और भाजपा के सत्ता में आते ही पहली कलम से इन्हें पक्का करने का भरोसा दिलाया था।
अब विज कह रहे हैं कि कांग्रेस सरकार से विरासत में मिली समस्याएं ऐसी हैं जिन्हें कोर्ट केसेज और कानूनी प्रावधानों के कारण सरकार चाहते हुए भी हल नहीं कर पा रही है। विज के इस ट्वीट से अपने भविष्य को लेकर चिंतित इन युवाओं ने फेसबुक और ट्विटर पर ही विज को खरी-खरी सुनाई है। साथ ही इन समस्याओं के हल के लिए कुछ युवाओं ने सुझाव भी दिए हैं।
प्रदेश के करीब 15000 गेस्ट टीचर्स, करीब 2500 कंप्यूटर टीचर्स नियमित होने और 9870 जेबीटी टीचर्स ज्वाइनिंग को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। पिछली कांग्रेस सरकार में जब गेस्ट टीचर और कंप्यूटर टीचरों ने जंतर-मंतर पर धरना दिया था तो प्रो. रामबिलास शर्मा, अनिल विज, कैप्टन अभिमन्यु और कृष्णपाल गुर्जर समेत कई नेताओं ने जाकर उनका समर्थन किया था। यहां तक कि चुनाव घोषणा-पत्र में भी इन सभी को नियमित करने का लिखित वादा भी किया गया था।
^मैंने तो फाइल देखी है और ही मामले की पूरी जानकारी मुझे है। यह सही है कि हमने पक्का करने का वादा किया था। हम करना भी चाहते हैं। चाह कर भी नहीं कर पाने का मतलब ये नहीं है कि उम्मीद ही खत्म हो गई है। अगर कोई हमें लीगल रास्ता सुझाएगा तो हम ये काम जरूर करेंगे, लेकिन ऐसा भी नहीं करना चाहते कि बाद में इन पर कोर्ट से फिर तलवार लटक जाए। हुड्डा सरकार ने टीचरों के मामले में गड़बड़ियां कर रखी थीं कि उनका पता हमें सरकार में आने के बाद ही पता चला है। कमेंट्स मैंने पढ़े हैं, इनसे हमें पब्लिक ओपिनियन ही मिलती है। -अनिलविज, हेल्थ मिनिस्टर, हरियाणा
चुनाव से पहले तो जंतर-मंतर पर जाकर कहा था कराएंगे पक्का
^विज साहब जब जंतर-मंतर पर बड़े-बड़े वादे करके आए थे, तब आपको कौन सी अड़चन का पता नहीं था। आप जैसे-तैसे 5 साल तो निकाल लोगे, लेकिन अपने बेसिक वोट को भी खो रहे हो। -गिरीश शर्मा, एमडीयू रोहतक
^विजसाहब यू आर गवर्नमेंट, यू केन चेंज एवरीथिंग, यू के मेक पॉलिसी। -नितेश जैन, अंबाला कैंट
^अगरकिसी स्टेट के मिनिस्टर अपने लिखित वादे से मुकरेंगे तो उस स्टेट की पब्लिक पर क्या असर पड़ेगा। -पवन कुमार शर्मा, कैथल
^कोर्टके आदेश में साफ-साफ लिखा है कि कंप्यूटर टीचर्स का फ्यूचर केवल और केवल गवर्नमेंट सिक्योर कर सकती है। अब गवर्नमेंट क्यूं भाग रही है। -अभिमन्यु शर्मा, करनाल
^बहानाबना रहे हो। हिमाचल में कोर्ट केस होने के बाद भी आर्टिकल 309 के तहत वहां की सरकार ने कच्चे कर्मचारी पक्के कर दिए हैं। - प्रदीप राठी, सोनीपत
^क्या बात है विज साहब एमएलए, एमपी को फायदा देना हो तो कानून में संशोधन कर लो। जनता के भले की बात हो तो पिछली सरकार का रोना रो दो। वाट एन आइडिया सर जी। -गुरविंदर सिंह, चंडीगढ़
^आपने झूठे वादे क्यों किए। क्या हमारे वोट वापस दे सकते हो। हमारे परिवारों का क्या होगा। आपने नहीं सोचा विज साहब। -सुनील राठी, पानीपत
^कंप्यूटर टीचर्स का तो कोर्ट में कोई केस नहीं चल रहा है। सरकार चाहे तो उन्हें अपने विभाग के अधीन कर सकती है। -दीपक वर्मा, यमुनानगर
^दाढ़ी वाले बाबा कंप्यूटर टीचर्स पर कोई केस नहीं है। विशेषाधिकार का उपयोग करो। संविधान में कैबिनेट से बड़ा कानून भी नहीं है। जनहित में काम करो वरना अगली बार फिर कांग्रेस सरकार। शशिभूषणशर्मा, कैथल

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