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सरकारी दफ्तरों में अब नहीं चलेगी लेटलतीफी
2 मई से बायोमीटिक हाजिरी लगाने का सिस्टम होगा शुरू
चंडीगढ़ : हरियाणा के सरकारी कार्यालयों में देर से आने और
जल्दी जाने की बरसों से चली आ रही रिवायत अब नहीं चलेगी।
प्रदेश सरकार हर सरकारी कार्यालय में कर्मचारियों की
उपस्थिति को आन लाइन करने जा रही है। राज्य भर में यह
प्रक्रिया 2 मई से आरंभ हो जाएगी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल
पंचकूला से इसकी शुरुआत करेंगे।
बायोमीटिक हाजिरी लगने के बाद अब कर्मचारियों की
मनमानी खत्म हो जाएगी। न तो वह देर से आ सकेंगे और न ही जल्दी
घर जा सकेंगे। सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की समयबद्ध
उपस्थिति दर्ज कराने के उद्देश्य से सभी कार्यालयों में आधारलिंक
बायोमीट्रिक प्रवेश उपस्थिति प्रणाली शुरू की जा रही है। मुख्य
सचिव डीएस ढेसी के अनुसार आधारलिंक से किसी भी प्रकार की
डुप्लीकेसी नहीं हो सकेगी। आमतौर पर तहसीलों, ड्राइविंग
लाइसेंस, वाहन पंजीकरण, अस्पतालों और स्कूलों में कर्मचारियों के
देरी से आने व जल्दी चले जाने पर लोगों को शिकायतें रहती हैं, जो
इस प्रणाली के लागू होने के बाद नहीं रहेंगी। मुख्यमंत्री मनोहर
लाल के अनुसार यह सरकार की लोगों को पारदर्शी सुशासन देने के
अपने वादे को पूरा करेगी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के
कार्यालयों में यह प्रणाली पहले से ही लागू है। पिछले छह माह के
आंकड़ों से पता लगा है कि एक कर्मचारी प्रतिदिन 20 मिनट
अतिरिक्त समय कार्य कर रहे हैं। इस प्रकार प्रतिदिन औसतन कार्य
अवधि साढ़े आठ घंटे बन रही है।
जल्दी जाने की बरसों से चली आ रही रिवायत अब नहीं चलेगी।
प्रदेश सरकार हर सरकारी कार्यालय में कर्मचारियों की
उपस्थिति को आन लाइन करने जा रही है। राज्य भर में यह
प्रक्रिया 2 मई से आरंभ हो जाएगी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल
पंचकूला से इसकी शुरुआत करेंगे।
बायोमीटिक हाजिरी लगने के बाद अब कर्मचारियों की
मनमानी खत्म हो जाएगी। न तो वह देर से आ सकेंगे और न ही जल्दी
घर जा सकेंगे। सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की समयबद्ध
उपस्थिति दर्ज कराने के उद्देश्य से सभी कार्यालयों में आधारलिंक
बायोमीट्रिक प्रवेश उपस्थिति प्रणाली शुरू की जा रही है। मुख्य
सचिव डीएस ढेसी के अनुसार आधारलिंक से किसी भी प्रकार की
डुप्लीकेसी नहीं हो सकेगी। आमतौर पर तहसीलों, ड्राइविंग
लाइसेंस, वाहन पंजीकरण, अस्पतालों और स्कूलों में कर्मचारियों के
देरी से आने व जल्दी चले जाने पर लोगों को शिकायतें रहती हैं, जो
इस प्रणाली के लागू होने के बाद नहीं रहेंगी। मुख्यमंत्री मनोहर
लाल के अनुसार यह सरकार की लोगों को पारदर्शी सुशासन देने के
अपने वादे को पूरा करेगी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के
कार्यालयों में यह प्रणाली पहले से ही लागू है। पिछले छह माह के
आंकड़ों से पता लगा है कि एक कर्मचारी प्रतिदिन 20 मिनट
अतिरिक्त समय कार्य कर रहे हैं। इस प्रकार प्रतिदिन औसतन कार्य
अवधि साढ़े आठ घंटे बन रही है।
सात ई-सेवाओं की भी होगी शुरुआत
मुख्यमंत्री मनोहर लाल 2 मई को ही पंचकूला से विभिन्न सात ई-
सेवाएं लोगों को समर्पित करेंगे। मुख्यमंत्री द्वारा संयुक्त सेवा
केंद्रों के माध्यम से ई-सेवाओं की शुरुआत की जाएगी, जिनमें
संपत्तियों के पंजीकरण में ई-स्टैम्पिंग, स्टेट पोर्टल का री-डिजाइन,
जन्म पंजीकरण के साथ बच्चों का आधार एनरोलमेंट, आधारलिंक
बायोमीट्रिक प्रवेश उपस्थिति प्रणाली, पेंशनधारकों के लिए
डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र तथा सीएम विंडों के लिए मोबाइल एप
शामिल हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल 2 मई को ही पंचकूला से विभिन्न सात ई-
सेवाएं लोगों को समर्पित करेंगे। मुख्यमंत्री द्वारा संयुक्त सेवा
केंद्रों के माध्यम से ई-सेवाओं की शुरुआत की जाएगी, जिनमें
संपत्तियों के पंजीकरण में ई-स्टैम्पिंग, स्टेट पोर्टल का री-डिजाइन,
जन्म पंजीकरण के साथ बच्चों का आधार एनरोलमेंट, आधारलिंक
बायोमीट्रिक प्रवेश उपस्थिति प्रणाली, पेंशनधारकों के लिए
डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र तथा सीएम विंडों के लिए मोबाइल एप
शामिल हैं।
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