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वाट्सएप कॉलिंग से क्राइम हुआ तो हाथ खड़े कर देगी पुलिस
कुलदीप शुक्ला
चंडीगढ़। वॉट्सएप के अपडेट वर्जन में शुरू की गई वॉइस कॉलिंग की सुविधा सुरक्षा के मद्देनजर खतरनाक साबित हो सकती है। इस अपडेट एप्लीकेशन को फिलहाल एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम पर चल रहे स्मार्ट फोन में उपलब्ध करवाया गया है और जल्द ही एप्पल व विंडो पर भी यह सुविधा मिलने लगेगी। लेकिन, दिक्कत यह है कि इस वॉइस कॉलिंग का कोई रिकॉर्ड न तो टेलीकॉम ऑपरेटर के पास होगा और न ही टावर डाटा आसानी से मिल सकेगा। ऐसे में यह फीचर सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस के लिए नया सिरदर्द बन सकता है।
यह होगा नुकसान :
कोई अपराध हो या सुरक्षा चौकसी, मोबाइल के कॉल रिकॉर्ड गुत्थी सुलझाने में मददगार साबित होते हैं। टेलीकॉम ऑपरेटरों की मदद से हत्याकांड और अपहरण जैसी कई बड़ी वारदात को भी पुलिस आसानी से सुलझा चुकी है, लेकिन नए फीचर से वाट्सएप कॉलिंग का रिकॉर्ड नहीं मिलने से अपराधियों पर शिकंजा कसना मुश्किल हो जाएगा।
चैटिंग रिकार्ड निकालना भी मुश्किल :
साइबर सेल विभाग के अनुसार, वॉट्सएप पर की गई चैटिंग को मोबाइल से डिलीट करने के बाद उसे निकालना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसके बाद नार्मल प्रोसेस से चैटिंग रिकार्ड नहीं निकाला जा सकता है। हालांकि, जांच की पूरी प्रोसेस के दौरान वॉट्सएप चैटिंग रिकार्ड निकाला जा सकता है।
मार्केट में नया है यह फीचर :
साइबर सेल विभाग के अनुसार, अभी इस फीचर को मार्केट में आए तीन-चार दिन हुए हैं और अब तक इस साफ्टवेयर के जरिए क्राइम होने की कोई शिकायत नहीं आई है। हालांकि, भविष्य में इस साफ्टवेयर से जुड़ी शिकायतें आ सकती हैं, जिनके निपटारे के लिए फिलहाल पुलिस के पास कोई साधन नहीं है।
टेलीकॉम ऑपरेटर के पास न रिकॉर्ड होगा, न मिल सकेगा टावर का डाटा
सुरक्षा एजेंसियों के लिए सिरदर्द बन नया फीचर
साइबर सेल ने भी माना, शिकंजा कसने को नहीं है कोई तकनीक
वॉट्सएप कॉलिंग की कोई भी डिटेल्स टेलीकॉम कंपनियों के पास नहीं होती है। इससे जुड़े मामलों में अगर शिकायतकर्ता के पास कोई रिकार्डिंग होगी, तभी पुलिस कुछ कार्रवाई कर सकती है।
- दीपक यादव, डीएसपी, आईआरबी व साइबर सेल विभाग
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