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जेबीटी भर्ती: अंगूठों की जांच दो महीने में
हरिभूमि न्यूज. चंडीगढ़
वर्ष 2009 में भर्ती हुए जेबीटी टीचर्स मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को फारेंसिंक लैब को अंगूठा निशान की जांच के लिए दो महीने का समय दिया है। इन टीचर्स के अंगूठों की जांच के आदेश हाईकोर्ट ने दे रखे हैं। अब तक 1093 टीचर्स के अंगूठा निशान सही पाए गए हैं, जबकि 781 टीचर्स के निशान गलत पाए गए थे और 6060 टीचर्स के निशानों की परख होनी है। हाईकोर्ट ने मौलिक शिक्षा निदेशक और एफएसएल मधुबन के निदेशक से 31 मार्च तक जांच पूरी करने के लिए कहा था। मगर एक अप्रैल को सुनवाई के समय एफएसएल की तरफ से हाईकोर्ट को बताया गया कि बचे 6060 में सिर्फ 1400 टीचर्स के अंगूठा निशान की जांच होनी है। इसके लिए 90 दिन का समय चाहिए मगर हाईकोर्ट ने 60 दिन का समय जांच पूरी करने के लिए दे दिया है।
हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को कहा है कि वह स्टेटस रिपोर्ट दायर करे, जिसमें गड़बड़ी करने वाले टीचर्स के नाम और उनके खिलाफ की कार्रवाई की जानकारी हो। गौरतलब है कि एचटेट के समय जिन उम्मीदवारों ने फार्म भरे थे, उनके अंगूठा निशान के साथ चयनित टीचरों के अंगूठों का निशान का मिलान किया जा रहा है। 1093 के निशान सही पाए गए। हाईकोर्ट को विभाग ने बताया कि 781 टीचर के निशान नहीं मिलते हैं। अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी, जिसमें 781 टीचरों के नाम बताए जाएंगे और उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है।
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एफएसएल दो महीने में करे अंगूठों की जांच
2011 में शिक्षकों के 8285 पदों पर हुई भर्ती में नियमों की पालना होने और गलत तरीके से शिक्षक बनने वालों की नियुक्ति रद्द करने की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया कि शिक्षा बोर्ड ने राज्यस्तरीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (स्टेट) का आयोजन किया था। इसके लिए जारी प्रोस्पेक्टस में साफ लिखा था कि परीक्षा की उत्तरपुस्तिका पर अंगूठे के निशान फार्म पर लिए अंगूठे के निशान का मिलान कर ही प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे।
प्रदेशमें जूनियर बेसिक टीचरों की भर्ती में हुई धांधली के मामले में अब फर्जी अंगूठे के निशान की जांच के लिए फोरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने दो माह का समय दिया है। सरकार की तरफ से तीन माह का समय दिए जाने की मांग करते हुए कहा गया कि 6,081 उम्मीदवारों में से 1,600 के अंगूठे के निशान की जांच कर ली गई है। हाईकोर्ट ने दो माह का समय देते हुए दोषी पाए गए उम्मीदवारों पर कार्रवाई की जानकारी मांगी है।
प्रदेश सरकार ने वर्ष 2011 में 8,341 शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन मांगे थे। इस भर्ती पर सवालिया निशान उठाते हुए याचिका दाखिल की गई थी जिसमें कहा गया था कि पात्रता परीक्षा के अंगूठे के निशान हस्ताक्षरों और चयन परीक्षा के अंगूठे के निशान और हस्ताक्षरों की जांच नहीं की गई है। हजारों उम्मीदवारों ने फर्जी तरीके से इस भर्ती में हिस्सा लिया और नौकरी हासिल कर ली। सरकार ने स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो को अंगूठे के निशान के 7,965 सैंपल जांच के लिए भेजे थे। इनमें से 781 उम्मीदवारों के अंगूठे के निशान फर्जी पाए गए थे।
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एफएसएल दो महीने में करे अंगूठों की जांच
2011 में शिक्षकों के 8285 पदों पर हुई भर्ती में नियमों की पालना होने और गलत तरीके से शिक्षक बनने वालों की नियुक्ति रद्द करने की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया कि शिक्षा बोर्ड ने राज्यस्तरीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (स्टेट) का आयोजन किया था। इसके लिए जारी प्रोस्पेक्टस में साफ लिखा था कि परीक्षा की उत्तरपुस्तिका पर अंगूठे के निशान फार्म पर लिए अंगूठे के निशान का मिलान कर ही प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे।
प्रदेशमें जूनियर बेसिक टीचरों की भर्ती में हुई धांधली के मामले में अब फर्जी अंगूठे के निशान की जांच के लिए फोरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने दो माह का समय दिया है। सरकार की तरफ से तीन माह का समय दिए जाने की मांग करते हुए कहा गया कि 6,081 उम्मीदवारों में से 1,600 के अंगूठे के निशान की जांच कर ली गई है। हाईकोर्ट ने दो माह का समय देते हुए दोषी पाए गए उम्मीदवारों पर कार्रवाई की जानकारी मांगी है।
प्रदेश सरकार ने वर्ष 2011 में 8,341 शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन मांगे थे। इस भर्ती पर सवालिया निशान उठाते हुए याचिका दाखिल की गई थी जिसमें कहा गया था कि पात्रता परीक्षा के अंगूठे के निशान हस्ताक्षरों और चयन परीक्षा के अंगूठे के निशान और हस्ताक्षरों की जांच नहीं की गई है। हजारों उम्मीदवारों ने फर्जी तरीके से इस भर्ती में हिस्सा लिया और नौकरी हासिल कर ली। सरकार ने स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो को अंगूठे के निशान के 7,965 सैंपल जांच के लिए भेजे थे। इनमें से 781 उम्मीदवारों के अंगूठे के निशान फर्जी पाए गए थे।
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