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अब सीबीएसई स्टूडेंट्स भी पढ़ेंगे 'सेक्स का कानून'
ब्यूरो / अमर उजाला, रोहतक।
बच्चों को उत्पीड़न से बचाने के लिए केंद्रीय
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कवायद शुरू की है।
इसके लिए सीबीएसई ने पाठ्यक्रम में पोक्सो
एक्ट 2012 (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम
सेक्सुअल अफेंस) को लागू करने के निर्देश दिए हैं।
इसके तहत बच्चों को बताया जाएगा कि उत्पीड़न से संबंधित
मामलों में वे किस प्रकार न्याय ले सकते हैं और आरोपी को क्या
सजा दिलाई जा सकती है।
सीबीएसई ने स्कूलों में गाइडलाइन जारी की है कि इस सत्र से हर
क्लास के पाठ्यक्रम में पोक्सो एक्ट 2012 को लागू किया जाए।
बोर्ड का मानना है कि स्टूडेंट्स को शुरू से ही सभी प्रकार की
जानकारी होनी चाहिए। अक्सर देखने में आता है कि कक्षा में
कोई छात्र छात्रा के साथ छेड़खानी या आपत्तिजनक कमेंट करता
है तो यह पता ही नहीं होता कि इसकी सजा क्या हो सकती है।
स्कूल प्रबंधन से लेकर चपरासी तक जरूरी
स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि स्कूल में स्टूडेंट्स से लेकर, स्कूल प्रबंधन और
चपरासी तक को पोक्सो एक्ट का ज्ञान होना जरूरी है।
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कवायद शुरू की है।
इसके लिए सीबीएसई ने पाठ्यक्रम में पोक्सो
एक्ट 2012 (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम
सेक्सुअल अफेंस) को लागू करने के निर्देश दिए हैं।
इसके तहत बच्चों को बताया जाएगा कि उत्पीड़न से संबंधित
मामलों में वे किस प्रकार न्याय ले सकते हैं और आरोपी को क्या
सजा दिलाई जा सकती है।
सीबीएसई ने स्कूलों में गाइडलाइन जारी की है कि इस सत्र से हर
क्लास के पाठ्यक्रम में पोक्सो एक्ट 2012 को लागू किया जाए।
बोर्ड का मानना है कि स्टूडेंट्स को शुरू से ही सभी प्रकार की
जानकारी होनी चाहिए। अक्सर देखने में आता है कि कक्षा में
कोई छात्र छात्रा के साथ छेड़खानी या आपत्तिजनक कमेंट करता
है तो यह पता ही नहीं होता कि इसकी सजा क्या हो सकती है।
स्कूल प्रबंधन से लेकर चपरासी तक जरूरी
स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि स्कूल में स्टूडेंट्स से लेकर, स्कूल प्रबंधन और
चपरासी तक को पोक्सो एक्ट का ज्ञान होना जरूरी है।
यह है एक्ट
नवंबर 2012 में बच्चों के साथ होने वाले उत्पीड़न को देखते हुए यह एक्ट
लागू हुआ था। इसमें कई तरह के प्रावधान हैं और आरोपी को दो
साल से लेकर उम्र कैद तक की सजा हो सकती है।
नवंबर 2012 में बच्चों के साथ होने वाले उत्पीड़न को देखते हुए यह एक्ट
लागू हुआ था। इसमें कई तरह के प्रावधान हैं और आरोपी को दो
साल से लेकर उम्र कैद तक की सजा हो सकती है।
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