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अतिथियों के दरवाजे बंद नई भर्ती में मिलेगी छूट
नई भर्ती में गेस्ट को अनुभव आधार पर आयु छूट की पालिसी तैयार
चंडीगढ़ : हरियाणा के सरकारी स्कूलों में सरप्लस 4073 गेस्ट
टीचर्स को फिलहाल घर बैठना ही होगा। मनोहर सरकार ने उच्चतम
और उच्च न्यायालय के आदेशों को अमलीजामा पहनाने की पूरी
तैयारी कर ली है। सरकार न्यायालय के आदेशों के विरुद्ध नहीं
जाएगी। सरप्लस गेस्ट को नई भर्ती तक नौकरी के लिए इंतजार
करना होगा। सरकार ने नई भर्ती में गेस्ट को समायोजित करने के
लिए अनुभव आधार पर आयु में छूट देने की पालिसी भी तैयार कर
ली है। सरकार शुक्रवार को हाईकोर्ट में गेस्ट को हटाने की स्टेटस
रिपोर्ट दाखिल कर देगी।
प्रदेश सरकार ने सभी जिलों से ब्योरा मंगवा कर रिपोर्ट तैयार कर
ली है। इसे हाईकोर्ट में सौंपने में देरी अतिथि अध्यापकों के एकल
बैंच के निर्णय के खिलाफ डबल बैंच में अपील दायर करने से हुई। शिक्षक
एकल बैंच के आदेश पर सरकार की ओर से नौकरी से हटाने के लिए
जारी किए गए नोटिस पर रोक लगाने को लेकर डबल बैंच में गए थे,
लेकिन वहां भी निराशा ही हाथ लगी। अब गेस्ट के सामने कोई
विकल्प नहीं बचा है।
हाईकोर्ट के डबल बैंच में गेस्ट अब सेवाएं समाप्त होने के आदेश पर स्टे
लेने के लिए ही जा सकते हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज महेंद्रगढ़ में
कहा कि नौकरियों के हजारों पद खाली पड़े हैं। पिछले दस साल में
स्थायी नौकरियां नहीं दी गई। अतिथि अध्यापकों के मामले में
उच्चतम न्यायालय तथा उच्च न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया हुआ
है। न्यायालय गेस्ट की नियुक्तियों को बैकडोर एंट्री मानता है।
न्यायालय ने स्थायी भर्ती करने के आदेश दिए हैं, जिसकी व्यवस्था
कर ली गई है। सरकार की सहानुभूति अतिथि अध्यापकों के साथ
है। नई भर्ती के समय उन्हें अनुभव के आधार पर आयु में छूट दी जाएगी।
टीचर्स को फिलहाल घर बैठना ही होगा। मनोहर सरकार ने उच्चतम
और उच्च न्यायालय के आदेशों को अमलीजामा पहनाने की पूरी
तैयारी कर ली है। सरकार न्यायालय के आदेशों के विरुद्ध नहीं
जाएगी। सरप्लस गेस्ट को नई भर्ती तक नौकरी के लिए इंतजार
करना होगा। सरकार ने नई भर्ती में गेस्ट को समायोजित करने के
लिए अनुभव आधार पर आयु में छूट देने की पालिसी भी तैयार कर
ली है। सरकार शुक्रवार को हाईकोर्ट में गेस्ट को हटाने की स्टेटस
रिपोर्ट दाखिल कर देगी।
प्रदेश सरकार ने सभी जिलों से ब्योरा मंगवा कर रिपोर्ट तैयार कर
ली है। इसे हाईकोर्ट में सौंपने में देरी अतिथि अध्यापकों के एकल
बैंच के निर्णय के खिलाफ डबल बैंच में अपील दायर करने से हुई। शिक्षक
एकल बैंच के आदेश पर सरकार की ओर से नौकरी से हटाने के लिए
जारी किए गए नोटिस पर रोक लगाने को लेकर डबल बैंच में गए थे,
लेकिन वहां भी निराशा ही हाथ लगी। अब गेस्ट के सामने कोई
विकल्प नहीं बचा है।
हाईकोर्ट के डबल बैंच में गेस्ट अब सेवाएं समाप्त होने के आदेश पर स्टे
लेने के लिए ही जा सकते हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज महेंद्रगढ़ में
कहा कि नौकरियों के हजारों पद खाली पड़े हैं। पिछले दस साल में
स्थायी नौकरियां नहीं दी गई। अतिथि अध्यापकों के मामले में
उच्चतम न्यायालय तथा उच्च न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया हुआ
है। न्यायालय गेस्ट की नियुक्तियों को बैकडोर एंट्री मानता है।
न्यायालय ने स्थायी भर्ती करने के आदेश दिए हैं, जिसकी व्यवस्था
कर ली गई है। सरकार की सहानुभूति अतिथि अध्यापकों के साथ
है। नई भर्ती के समय उन्हें अनुभव के आधार पर आयु में छूट दी जाएगी।
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गेस्ट टीचर्स को छोड़ना होगा पद
चंडीगढ़, 28 मई (ट्रिन्यू)।हरियाणा में 4073 गेस्ट टीचर्स को अपना पद छोड़ना ही होगा। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने गेस्ट टीचर्स की उस अपील को खारिज कर दिया, जो उन्होंने उनको हटाने के एकल पीठ के निर्देशों के खिलाफ दायर की थी।
राज्य सरकार द्वारा उनको जारी कारण बताओ नोटिस के खिलाफ डाली गयी उनकी याचिकाओं को हाईकोर्ट के जस्टिस अमित रावल पहले ही खारिज कर चुके हैं। गौरतलब है कि गत शुक्रवार को गेस्ट टीचरों को उनकी सेवाएं खत्म करने से संबंधित कारण बताओ नोटिस जारी किये गये थे। इसके खिलाफ उनकी अपील खारिज करते हुए जस्टिस रावल ने कहा कि गेस्ट टीचर्स कोर्ट का समय बर्बाद कर रहे हैं, क्योंकि कोर्ट उनको हटाने के बारे में अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं। हाईकोर्ट ने इससे पिछली सुनवाई में राज्य सरकार से गेस्ट टीचरों को 11 मई से पहले हटाने के लिए कहा था। ये आदेश हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा कोर्ट को यह सूचित करने के बाद आये थे कि वह राज्य भर में 4073 गेस्ट टीचर्स को हटाने जा रहा है।
कोर्ट के समक्ष शिक्षा विभाग ने कहा था कि सरकारी स्कूलों में हिंदी, सामाजिक ज्ञान और गणित के अध्यापक विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से सरप्लस हैं। इसके बाद विभाग ने राज्य सरकार से सरप्लस 4073 टीचरों को हटाने का प्रस्ताव भेजा था। गेस्ट लेक्चरर वीरेंद्र सिंह ने खुद को हटाये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में केस डाला था। उनके वकील ने कोर्ट को बताया था कि रेगुलर भर्तियां नहीं की जा रहीं और गेस्ट टीचर्स को हटाया जा रहा है। हाईकोर्ट ने यथास्थिति रखने काे कहा था।
राज्य सरकार द्वारा उनको जारी कारण बताओ नोटिस के खिलाफ डाली गयी उनकी याचिकाओं को हाईकोर्ट के जस्टिस अमित रावल पहले ही खारिज कर चुके हैं। गौरतलब है कि गत शुक्रवार को गेस्ट टीचरों को उनकी सेवाएं खत्म करने से संबंधित कारण बताओ नोटिस जारी किये गये थे। इसके खिलाफ उनकी अपील खारिज करते हुए जस्टिस रावल ने कहा कि गेस्ट टीचर्स कोर्ट का समय बर्बाद कर रहे हैं, क्योंकि कोर्ट उनको हटाने के बारे में अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं। हाईकोर्ट ने इससे पिछली सुनवाई में राज्य सरकार से गेस्ट टीचरों को 11 मई से पहले हटाने के लिए कहा था। ये आदेश हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा कोर्ट को यह सूचित करने के बाद आये थे कि वह राज्य भर में 4073 गेस्ट टीचर्स को हटाने जा रहा है।
कोर्ट के समक्ष शिक्षा विभाग ने कहा था कि सरकारी स्कूलों में हिंदी, सामाजिक ज्ञान और गणित के अध्यापक विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से सरप्लस हैं। इसके बाद विभाग ने राज्य सरकार से सरप्लस 4073 टीचरों को हटाने का प्रस्ताव भेजा था। गेस्ट लेक्चरर वीरेंद्र सिंह ने खुद को हटाये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में केस डाला था। उनके वकील ने कोर्ट को बताया था कि रेगुलर भर्तियां नहीं की जा रहीं और गेस्ट टीचर्स को हटाया जा रहा है। हाईकोर्ट ने यथास्थिति रखने काे कहा था।
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