गेस्ट टीचर्स ने साथियों की सलामती के लिए निकाला कैंडल मार्च
‘कुछ भी अप्रिय हुआ तो सरकार जिम्मेदार’
‘कुछ भी अप्रिय हुआ तो सरकार जिम्मेदार’
महेंद्रगढ़। देवीलाल पार्क में महापड़ाव में अनशनकारियों की हालत बिगड़ने पर साथी गेस्ट टीचरों ने उनके स्वास्थ्य में सुधार के लिए शुक्रवार देर शाम कैंडल मार्च निकाला। मार्च में अतिथि अध्यापकों ने पंडाल के चारों ओर चक्कर लगाया।
अतिथि अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री ने इस दौरान कहा कि यदि साथियों के साथ कोई अप्रिय घटना घटी तो इसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी
उधर सामान्य अस्पताल के डॉक्टर दोनों अनशनकारियों के इलाज में लगे रहे।
गौरतलब है कि प्रदेशभर के गेस्ट टीचर पिछले 10 दिन से देवीलाल पार्क में महापड़ाव डाले हैं। शुक्रवार को अनशन पर बैठे
चार गेस्ट टीचरों की हालत बिगड़ गई। इनमें से दो को सामान्य अस्पताल में भर्ती करवाया गया। सामान्य अस्पताल में जब चिकित्सकों ने दोनों अतिथि अध्यापकों को उन्हें ड्रिप लगानी चाही तो उन्होंने साफ इन्कार कर दिया।गौरतलब है कि प्रदेशभर के गेस्ट टीचर पिछले 10 दिन से देवीलाल पार्क में महापड़ाव डाले हैं। शुक्रवार को अनशन पर बैठे
उनके साथ अस्पताल पहुंचे संघ के प्रदेश प्रवक्ता अजय लोहान ने उन्हें समझाकर ड्रिप के लिए तैयार किया। ड्रिप लगाने के बावजूद उनकी हालत में सुधार नहीं है। भर्ती करवाए गए कैथल के गांव नैना निवासी शमशेर नैन और पलवल के गांव कलवाका निवासी विजय नरवाल का शुगर लेवल गिरने से हालत गंभीर हो गई है।
एसएमओ मनोज सोनी के अनुसार शमशेर नैन और विजय नरवाल का शुगर लेवल काफी नीचे आ गया है, दोनों कभी भी कोमा में जा सकते हैं। दोनों को जल्द पीजीआई रोहतक में भर्ती करवाना जरूरी है क्योंकि वहां पर वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध है।
अस्पताल में लापरवाही का आरोप
अतिथियों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में अनशनकारियों को भर्ती करवाने के लिए एंबुलेंस से स्ट्रेचर पर लेटाया गया तो वो बहुत गर्म थे। लेटाते ही अनशनकारी दर्द से चिल्ला उठे। अतिथि अध्यापक अपने सहारे से अनशनकारियों को आपातकालीन कक्ष में लेकर गए। आरोप है कि वहां भी अस्पताल स्टाफ ने लापरवाही बरती। अनशनकारियों को जब ड्रिप लगाई गई तो वह गलत लगा दी, जिससे ग्लूकोज शरीर में जाने की बजाय जमीन पर गिरने लगा। अतिथियों ने जब इसका संज्ञान लिया तो चिकित्सकों ने इसे बदला
अतिथियों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में अनशनकारियों को भर्ती करवाने के लिए एंबुलेंस से स्ट्रेचर पर लेटाया गया तो वो बहुत गर्म थे। लेटाते ही अनशनकारी दर्द से चिल्ला उठे। अतिथि अध्यापक अपने सहारे से अनशनकारियों को आपातकालीन कक्ष में लेकर गए। आरोप है कि वहां भी अस्पताल स्टाफ ने लापरवाही बरती। अनशनकारियों को जब ड्रिप लगाई गई तो वह गलत लगा दी, जिससे ग्लूकोज शरीर में जाने की बजाय जमीन पर गिरने लगा। अतिथियों ने जब इसका संज्ञान लिया तो चिकित्सकों ने इसे बदला
अस्पताल में लगे मुर्दाबाद के नारे
अस्पताल प्रशासन के लापरवाही बरतने पर ने अतिथि अध्यापकों ने अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष के बाहर ही नारेबाजी शुरू कर दी। नारेबाजी सुनकर एसएमओ मौके पर पहुंचे और ड्रिप को सही तरीके से लगवाया।
अस्पताल प्रशासन के लापरवाही बरतने पर ने अतिथि अध्यापकों ने अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष के बाहर ही नारेबाजी शुरू कर दी। नारेबाजी सुनकर एसएमओ मौके पर पहुंचे और ड्रिप को सही तरीके से लगवाया।
शूगर लेवल गिरने से ज्यादा दिक्कत
भर्ती करवाए गए अतिथियों कैथल के शमशेर नैन, पलवल के विजय नरवाल और अनशन स्थल पर डटे पलवल के पारस शर्मा, महेंद्रगढ़ के राम सिंह यादव की हालत बिगड़ती जा रही है। शमशेर नैन का शुगर लेवल 63, विजय नरवाल का 56, रामसिंह यादव का 65 और पारस शर्मा का 66 पर आ गया है। अनशनकारियों की हालत में सुधार नहीं होता है तो चिकित्सकों की टीम रात को भी देवीलाल पार्क में तैनात की जाएगी। दोनों को भी अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ सकता है।
भर्ती करवाए गए अतिथियों कैथल के शमशेर नैन, पलवल के विजय नरवाल और अनशन स्थल पर डटे पलवल के पारस शर्मा, महेंद्रगढ़ के राम सिंह यादव की हालत बिगड़ती जा रही है। शमशेर नैन का शुगर लेवल 63, विजय नरवाल का 56, रामसिंह यादव का 65 और पारस शर्मा का 66 पर आ गया है। अनशनकारियों की हालत में सुधार नहीं होता है तो चिकित्सकों की टीम रात को भी देवीलाल पार्क में तैनात की जाएगी। दोनों को भी अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ सकता है।
डॉक्टरों ने बताया दोनों गेस्ट टीचर कभी भी जा सकते हैं कोमा में
विजय नरवाल का शुगर लेवल आया 56 तो शमशेर नैन हुआ 63
दो अन्य को भी करवाना पड़ सकता है रात को दाखिल
दो अनशनकारियों की हालत ज्यादा खराब है। अगर इन्हें जल्द ही पीजीआई में उपचार के लिए नहीं ले जाया गया तो कभी भी कोमा में जा सकते हैं। किसी मरीज के परिजनों ने स्ट्रेचर धूप में खड़ा कर दिया था। इस कारण अतिथि अध्यापकों को दिक्कत आई। स्टाफ ने जानबूझ कर किसी को परेशान नहीं किया। भविष्य में इन चीजों का ध्यान रखा जाएगा। - डा. मनोज सोनी, एसएमओ
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दो अन्य को भी करवाना पड़ सकता है रात को दाखिल
दो अनशनकारियों की हालत ज्यादा खराब है। अगर इन्हें जल्द ही पीजीआई में उपचार के लिए नहीं ले जाया गया तो कभी भी कोमा में जा सकते हैं। किसी मरीज के परिजनों ने स्ट्रेचर धूप में खड़ा कर दिया था। इस कारण अतिथि अध्यापकों को दिक्कत आई। स्टाफ ने जानबूझ कर किसी को परेशान नहीं किया। भविष्य में इन चीजों का ध्यान रखा जाएगा। - डा. मनोज सोनी, एसएमओ
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