बडी राहत-आज हाईकोर्ट की जस्टिस अमित रावल की बेंच ने अपना सुरक्षित फैसला सुनाते हुए उन उम्मीदवारों के हक में फैसला सुनाया है जिन्हें रोजगार कार्यालय में नाम दर्ज होने के बावजूद शिक्षा विभाग ने पीजीटी पद पर नियुक्ति देने से ये कह कर इंकार कर दिया था कि वो सर्विस रूल-2012 के लागु होने पर अब "ओवर ऐज" हो चुके है और रोजगार कार्यालय में नाम दर्ज होने के बावजूद भी अब आयुसीमा में छूट के हकदार नहीं है।
मामले में याचिकाकर्ताओं की और से अधिवक्ता अनुराग गोयल ने बहस की थी और सरकार के विभिन्न सर्कुलर/एक्ट व आरटीआई सुचनाओं सहित तमाम तथ्य बेंच के समक्ष रखे थे और ये भी बेंच को बताया कि सर्विस रूल-2012 लागु होने के बाद भी शिक्षा विभाग ऐसे कई उम्मीदवारों को नियुक्ति दे भी चुका है तो सिर्फ याचिकाकर्ताओं को ही इंकार क्यों व ये भेदभाव क्यों।
गौलतलब है कि जस्टिस अमित रावल की बेंच ने हाल ही में डीम्ड यूनिवर्सिटी से एम.ए. पास उम्मीदवारों को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक कंडीशनल नियुक्ति का निर्णय भी दिया है। उस केस में भी अधिवक्ता अनुराग गोयल ने 3 घण्टे चली लम्बी बहस में बेंच को तमाम तथ्यों को रखते हुए यह भी बताया था कि सुप्रीम कोर्ट ने तो खुद अपने अंतरिम आदेश में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग अपील का अंतिम निपटारा होने तक डीम्ड यूनिवर्सिटी से डिप्लोमा/डिग्री वाले उम्मीदवारों को एडमिशन व एम्प्लॉयमेंट हेतु मना नहीं किया जाए
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