High court Haryana and Punjab is strict on officers regarding not to terminate guest teacher.
गेस्ट टीचरों को नहीं हटाने पर हाई कोर्ट नाराज, अतिरिक्त मुख्य सचिव तलब
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार द्वारा गेस्ट टीचरों को न हटाने पर कड़ा रुख दिखाया है। पंजाब एवं हरियाणा हार्इ कोेर्ट ने मंगलवार काे हरियाण सरकार के रुख पर कड़ी नाराजगी जताई और शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा को हाईकोर्ट में तलब कर लिया। उनको 28 अप्रैल को हाई काेर्ट में पेश होने को कहा गया है।
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हाई कोर्ट की खंडपीठ ने सरकार को आदेश दिश था कि शिक्षकों के खाली पदों पर नियमित बहाली कर सभी गेस्ट टीचरों को हटा दिया जाए। खंडपीठ ने हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का अब तक पालन न किए जाने पर सरकारी पक्ष को जमकर फटकार लगाई। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के कई बार समय देने और कई साल बीत जाने के बाद अब तक गेस्ट टीचराें को नहीं हटाया गया है। इस पर मंगलवार काे खंडपीठ ने गहरी नाराजगी जताई और हरियाणा सरकार के रवैये पर कड़ा रुख दिखाया।
यह है मामला
हाई कोर्ट की खंडपीठ ने 30 मार्च 2011 को हरियाणा सरकार को आदेश दिया था कि सभी गेस्ट टीचरों की जगह 31 दिसंबर 2011 तक नियमित शिक्षकों की भर्ती की जाए। खंडपीठ ने 31 मार्च 2012 को सभी गेस्ट टीचरों की सेवाएं समाप्त मानी जाएगी। इसके बावजूद तत्कालीन सरकार तय अवधि में शिक्षकों की नियमित भर्ती नहीं कर पाई। सरकार ने 16 दिसंबर 2011 को एक याचिका दायर कर हाईकोर्ट से इसके लिए छह महीने का समय और देने की मांग की।
इस पर सुनवाई के बाद खंडपीठ ने 15 मार्च 2012 को ख़ारिज कर दिया। इसी दौरान एक अन्य समानांतर मामले में हाईकोर्ट ने सरकार को शिक्षकों की नियमित भर्ती के लिए 322 दिन का समय दे दिया लेकिन गेस्ट टीचरों की सेवा 31 मार्च 2012 से आगे बढ़ाने से इंकार कर दिया।
इसके बाद तत्कालीन हुड्डा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर कर 322 दिनों तक गेस्ट टीचरों की सेवाएं जारी रखने की अनुमति देने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया। 30 मार्च 2012 को दिए अपने निर्णय में सुप्रीम कोर्ट ने 322 दिन की तय अवधि में शिक्षकों की नियमित भर्ती करने का आदेश देते हुए इस अवधि तक गेस्ट टीचरों की सेवाएं जारी रखने की अनुमति दे दी थी।
इसके बाद हरियाणा सरकार ने 14216 पीजीटी शिक्षकों की नियमित भर्ती करने के बाद भी एक भी पीजीटी व टीजीटी गेस्ट टीचर नहीं हटाया। उल्टा ये विभागीय निर्देश जारी कर दिया कि गेस्ट टीचरों के पदों को खाली नहीं माना जाएगा और किसी भी नियमित शिक्षक का तबादला एवं प्रमोशन गेस्ट टीचर वाले पद पर नहीं होगी।
इस पर रोहतक निवासी प्रेम सिंह व अन्य ने 2014 में हरियाणा सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की।
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