हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने स्वास्थ्य विभाग में परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत काम कर रहे 1175 कर्मचारियों और अधिकारियों की सेवाएं नियमित करने कानिर्णय लिया है। इससे तीन वर्ष से अधिक सेवाकाल वाले कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। विज के इस निर्णय के बाद दूसरे विभागों के कर्मचारियों के नियमितीकरण का रास्ता खुल
सकता है। नौ माह पुरानी खट्टर सरकार ने पूर्व सरकार की रेगुलराइजेशन पर रोक लगा दी थी, लेकिन अब माना जा रहा है कि जिस तरह से कर्मचारियों का रोष बढ़ा रहा है, उस लिहाज से सरकार को नियमों में ढिलाई बरतनी होगी। इसकी बानगी विज के इस निर्णय से सामने आई है। स्वास्थ्य मंत्री की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक इन कर्मचारियों की सेवाएं नियमित करने की मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी मंजूरी दे दी है। उन्होंने बताया कि सरकार की इस सकारात्मक पहल पर नियमित
किए गए कर्मचारियों में ग्रुप-ए के 8 तथा ग्रुप-बी के 90 अधिकारी शामिल हैं, जबकि इससे ग्रुप-सी के 1025 और ग्रुप-डी के
52 कर्मचारियों को लाभ होगा। ये कर्मचारी पिछले करीब एक दशक से भी अधिक समय से अपनी नौकरी के स्थायी होने की बांट जोह रहे थे। इन कर्मचारियों ने गत कांग्रेस सरकार को भी पक्का करने की अपील की थी, लेकिन उसे स्वीकार नही किया गया था।
विज ने बताया कि परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत कार्यरत इन कर्मचारियों के नियमितीकरण में सभी प्रकार की वरिष्ठता को प्रमुख आधार बनाया गया है। जिससे किसी कर्मचारी के साथ भेदभाव न हो सके। केंद्र सरकार द्वारा 1980 में जारी किए गए एक पत्र के आधार पर उक्त कार्यक्रम के तहत काम करने वाले कर्मचारियों की सेवाएं नियमित करने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद इस मामले को वित्त विभाग को अनुमोदनार्थ भेजा जाएगा। विज ने बताया कि बहुउद्देशीय महिला स्वास्थ्य कर्मचारी संघ व अन्य संगठनों द्वारा परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत काम करने वाले एमपीएचडब्ल्यू (महिला) व अन्य कर्मचारियों की सेवाएं नियमित करने की बार-बार गुहार लगाई जा रही थी, जिनके अनुरोध पर सरकार ने उक्त सभी कर्मचारियों को पक्का करने का यह फैसला लिया है। इसी कार्यक्रम के तहत भरे गए अन्य 622 पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को बहुत पहले नियमित कर दिया गया था परंतु शेष कर्मचारियों की सेवाएं 10 वर्षों से अधिक समय से लंबित
पड़ी थीं। अच्छे काम के लिए प्रोत्साहन मिलेगा स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इन कर्मचारियों की परेशानियों को
समझते हुए सरकार ने इनकी सेवाएं नियमित की है ताकि उन्हें अच्छा काम करने के लिए प्रोत्साहन मिल सके।
इनका नियमितीकरण बिना किसी भेदभाव के किया गया है, क्योंकि प्रदेश की जनता को भ्रष्टाचार मुक्त और भेदभाव रहित
शासन प्रदान करवाना ही हमारी सरकार का मूल मंत्र है। www.facebook.com/teacherharyana (Recruitment , vacancy , job , news)
52 कर्मचारियों को लाभ होगा। ये कर्मचारी पिछले करीब एक दशक से भी अधिक समय से अपनी नौकरी के स्थायी होने की बांट जोह रहे थे। इन कर्मचारियों ने गत कांग्रेस सरकार को भी पक्का करने की अपील की थी, लेकिन उसे स्वीकार नही किया गया था।
विज ने बताया कि परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत कार्यरत इन कर्मचारियों के नियमितीकरण में सभी प्रकार की वरिष्ठता को प्रमुख आधार बनाया गया है। जिससे किसी कर्मचारी के साथ भेदभाव न हो सके। केंद्र सरकार द्वारा 1980 में जारी किए गए एक पत्र के आधार पर उक्त कार्यक्रम के तहत काम करने वाले कर्मचारियों की सेवाएं नियमित करने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद इस मामले को वित्त विभाग को अनुमोदनार्थ भेजा जाएगा। विज ने बताया कि बहुउद्देशीय महिला स्वास्थ्य कर्मचारी संघ व अन्य संगठनों द्वारा परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत काम करने वाले एमपीएचडब्ल्यू (महिला) व अन्य कर्मचारियों की सेवाएं नियमित करने की बार-बार गुहार लगाई जा रही थी, जिनके अनुरोध पर सरकार ने उक्त सभी कर्मचारियों को पक्का करने का यह फैसला लिया है। इसी कार्यक्रम के तहत भरे गए अन्य 622 पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को बहुत पहले नियमित कर दिया गया था परंतु शेष कर्मचारियों की सेवाएं 10 वर्षों से अधिक समय से लंबित
पड़ी थीं। अच्छे काम के लिए प्रोत्साहन मिलेगा स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इन कर्मचारियों की परेशानियों को
समझते हुए सरकार ने इनकी सेवाएं नियमित की है ताकि उन्हें अच्छा काम करने के लिए प्रोत्साहन मिल सके।
इनका नियमितीकरण बिना किसी भेदभाव के किया गया है, क्योंकि प्रदेश की जनता को भ्रष्टाचार मुक्त और भेदभाव रहित
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