Surplus guest teachers ko koi rahat nhi mili aaj
आज 4073 सरप्लस गेस्ट मामले में जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली डबल
बेंच में सुनवाई हुई। अतिथि अध्यापको की तरफ से सीनियर वकील राजीव आत्मा
राम,नरेंद्र हुड्डा व वीरेंद्र राणा पैरवी के लिए आए जबकि पात्र अध्यापकों
की और से अधिवक्ता जगबीर मलिक ने पैरवी की। 2 घण्टे की सुनवाई में जस्टिस
सूर्यकांत की
बेंच ने अतिथि अध्यापको पर कई बार कड़ी टिप्पणी की। बेंच ने
कहा कि कोर्ट के आदेशों का सम्मान करने सीखे गैस्ट टीचर्स। स्कूलों में
ताले लगाने,खाप पंचायतों की मदद व
राजनितिक पार्टियों के समर्थन से गैस्ट टीचर्स ये ग़लतफ़हमी न पाले कि कोर्ट
किसी दबाव में आएगी । कोर्ट स्कूलों में पढ़ाई सुचारू रूप से जारी रखने के
लिए आर्मी को भी आदेश देने की पॉवर रखती है लेकिन तालाबन्दी जैसी हरकत सहन
नहीं करेगी। बेंच ने कहा कि रेगुलर भर्ती तक गैस्ट टीचर्स को सेवा में रखने
की दलील अब सब समझ चुके है और ये दलील अब बहुत पुरानी पड़ चुकी है तथा 2006
से 2015 तक बहुत बार प्रयोग हो चुकी है, अब नहीं चलेगी। बेंच का रुख आज
बेहद कड़ा था। बेंच ने अतिथि अध्यापकों को कोई भी राहत देने से साफ मना कर
दिया। बेंच ने पूछा किस आधार पर stay चाहते हो जब ये साबित हो चुका है कि
गेस्ट टीचर्स की नियुक्ति back door से हुई है और govt. ये हल्फनामा दे
चुकी है कि ये गेस्ट टीचर surplus हैं । साथ ही सरकार से भी जवाब तलब किया है कि रेगुलर भर्ती कब तक की जाएगी और बाकि गेस्ट टीचर्स को कब हटाया जाएगा. सरकारी वकील ने बताया की इसी महीने जेबीटी गेस्ट टीचर्स को रिलीव कर दिया जाएगा व पदोन्नति प्रक्रिया पूरी होतेे ही pgt को सेवामुक्त कर दिया जाएगा।
हाईकोर्ट ने सख्त रूख अपनाते हुए कहा कि आपको जाना ही होगा और अब ये अध्याय हमेशा के लिए समाप्त समझो। बेंच का कड़ा रुख व विपरीत हालात देख कर गैस्ट टीचर्स के वकीलों ने आखिर में बेंच से ये निवेदन किया कि वो ये याचिका वापिस लेना चाहते है और सिंगल बेंच में दौबारा अपना पक्ष रखना चाहते जिस पर डबल बेंच ने इसकी अनुमति देते हुए कहा कि ठीक है जो कहना है वो सिंगल बेंच में कहो। डबल बेंच को कोई कारण नजर नहीं आता कि वो सिंगल बेंच के इस आदेश में बेवजह हस्तक्षेप करे।
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