जयपुर : आइआइटी एवं अन्य परीक्षाओं की तैयारी के मामले में देश में
महत्वपूर्ण स्थान रखने वाला राजस्थान के कोटा शहर में छात्र-
छात्रओं का डिप्रेशन में जाकर मौत को गले लगाने का सिलसिला
बढ़ता ही जा रहा है। बच्चों पर पढ़ाई का प्रेशर और महंगी पढ़ाई के
साथ माता-पिता की उम्मीदें कई घरों के चिराग बुझा रही है।
आत्महत्या के मामले में कोटा अब मायानगरी मुंबई से भी आगे आकर
खड़ा हो गया है। मुंबई कोटा से चार गुना से भी ज्यादा बड़ा शहर
है, लेकिन आत्महत्या करने वालों का आंकड़ा कोटा में अधिक है।
सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार वर्ष 2014 में कोटा में 45 छात्र-
छात्रओं ने सुसाइड किया, अर्थात प्रत्येक आठवें दिन एक छात्र ने
जान दी। ये सभी वे छात्र-छात्रएं थे जो देश के विभिन्न शहरों से
आइआइटी अथवा अन्य परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोटा आए
थे। इसी वर्ष जून और जुलाई माह में आधा दर्जन छात्रों ने सुसाइड
किया। बीते मंगलवार को कोटा में एक कोचिंग संस्थान की दूसरी
मंजिल से खुद को आग लगाकर एक छात्र कूद गया और उसकी मौत हो
गई। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा का रहने वाला 18 वर्षीय योगेश जोहरे
नाम का यह छात्र दो सप्ताह पहले ही जेईई की तैयारी के लिए
कोटा आया था।
सावधान : कोटा में हर 8वें दिन छात्र की खुदकशी
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