सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज की सीटेट पास उम्मीदवारों की याचिका

कोर्ट ने ख़ारिज की सीटेट पास उम्मीदवारों की याचिका
नई दिल्ली: पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा अंतिम कुमारी केस में दिए निर्णय के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ख़ारिज कर दी। 9870 जेबीटी पदों पर सीटेट पास उम्मीदवारों ने इस आधार पर भर्ती में शामिल करने की मांग की थी कि वर्ष 2012 में हरियाणा सरकार द्वारा अध्यापक पात्रता
परीक्षा का आयोजन नहीं किया गया था और ऐसे में उन्होंने वर्ष 2012 में सेन्ट्रल टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीटेट) को पास कर लिया। लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी मांग अस्वीकार करते हुए 29 अप्रैल 2015 को याचिका ख़ारिज कर दी थी। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिला सुशील कुमार व अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल कर उनको भर्ती में शामिल करने व हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की। याचिकाकर्ताओं की और से वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र हुड्डा ने बहस की लेकिन वे बेंच को अपने तर्कों से सहमत नहीं कर पाए। जस्टिस मदन बी. लाकुर व जस्टिस एस.ए. बोबड़े की बेंच ने कहा कि एनसीटीई का जवाब पढ़िए जिसमे साफ किया हुआ है कि हर साल टेट आयोजित करवाना जरूरी नहीं और ये सिर्फ निर्देशात्मक आदेश है न की जरूरी (मैंडेटरी) है। बेंच ने इसके बाद याचिका खारिज कर दी। गौरतलब है कि अंतिम कुमारी केस में उन उम्मीदवारों अनूप कुमार व अन्य की याचिका भी सुप्रीम कोर्ट 24 जुलाई को ख़ारिज कर दी थी जिन्होंने कट आफ डेट यानि 8 दिसम्बर 2012 के बाद डी.एड डिप्लोमा व एचटेट परीक्षा 2013 में पास की हुई थी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इन याचिकाओं के ख़ारिज करने से प्रदेश में 9455 जेबीटी की नियुक्ति की राह में बड़ी संभावित बाधा दूर हो गई है

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