हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा भिवानी सहित 7 जिलों में अध्यापक पात्रता परीक्षा केंद्र गठित नहीं करने के विरोध में सरकार ने परीक्षा तो स्थगित कर दी है, लेकिन इससे भावी अध्यापकों का भविष्य अधर में लटक गया है।
इधर परीक्षा के लिये अभी आगे की तारीख तक तय नहीं की गई है, जबकि 10 हजार अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो रही है। एचटेट दो माह के लिए टलने से बड़ी संख्या में युवा आवेदन करने से वंचित रह जाएंगे। अब भर्ती प्रक्रिया की समय सीमा बढ़ाने की मांग उठने लगी है।
सरकार द्वारा अध्यापकों की भर्तियों के लिए ऑनलाइन आवेदन की तारीख 21 सितंबर तय किए जाने के बावजूद अब पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने की शर्त पूरा न होने के चलते हजारों उम्मीदवारों के रोजगार के अरमानों पर पानी फिर गया है। हालांकि एचपीएससी द्वारा विकल्प दिया गया है मगर इसके बावजूद उम्मीदवारों में मायूसी है। साथ ही सरकार से उनका आग्रह है कि एचटेट परीक्षा परिणाम के बाद ही अध्यापकों की नयी भर्ती की जाए। यदि सरकार इस आग्रह को मान लेती है तो प्रदेश में अध्यापकों की स्थायी भर्तियों में देरी के आसार हैं।
प्रदेश में अध्यापकों व प्राध्यापकों के विभिन्न पदों को भरने के लिए सरकार द्वारा विज्ञापन जारी किया गया था, जिसमें इस बार ऑनलाइन आवेदन करने की तिथि 21 अगस्त से 21 सितंबर तक तय की गई है। प्रदेश में कुल लगभग 10 हजार पीजीटी तथा टीजीटी भर्ती होने हैं, जबकि 4 लाख 58 हजार उम्मीदवार पात्र परीक्षा देंगे। इस बीच 30 व 31 अगस्त को एचटेट की तिथियां तय की गई थीं ताकि जल्द ही परीक्षा लेकर परिणाम घोषित किया जा सके।
स्कूलों में अध्यापकों के 40 फीसदी पद खाली
प्रदेश के स्कूलों में अध्यापकों के करीब 40 प्रतिशत पद रिक्त हैं। करीब एक लाख 5 हजार स्वीकृत पदों में से 60 हजार पर ही अध्यापक कार्यरत हैं। उनमें भी गेस्ट टीचर्स हैं तथा सरप्लस गेस्ट टीचर्स को बाहर का रास्ता सरकार द्वारा दिखा दिया गया है। करीब एक साल से सरकार कोर्ट में नियमित भर्तियां करने का आश्वासन देती आ रही है मगर नियमित भर्तियों के रास्ते में कोई न कोई अड़चन आ जाती है। वहीं हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष वजीर सिंह का कहना है कि प्रदेश में अध्यापकों के 40 फीसदी पद रिक्त पड़े हैं। बच्चों की पढ़ाई पर विपरीत असर न हो, इसलिए शीघ्र ही रिक्त पदों पर नियुक्तियों की जरूरत है।
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(Recruitment , vacancy , job , news)प्रदेश के स्कूलों में अध्यापकों के करीब 40 प्रतिशत पद रिक्त हैं। करीब एक लाख 5 हजार स्वीकृत पदों में से 60 हजार पर ही अध्यापक कार्यरत हैं। उनमें भी गेस्ट टीचर्स हैं तथा सरप्लस गेस्ट टीचर्स को बाहर का रास्ता सरकार द्वारा दिखा दिया गया है। करीब एक साल से सरकार कोर्ट में नियमित भर्तियां करने का आश्वासन देती आ रही है मगर नियमित भर्तियों के रास्ते में कोई न कोई अड़चन आ जाती है। वहीं हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष वजीर सिंह का कहना है कि प्रदेश में अध्यापकों के 40 फीसदी पद रिक्त पड़े हैं। बच्चों की पढ़ाई पर विपरीत असर न हो, इसलिए शीघ्र ही रिक्त पदों पर नियुक्तियों की जरूरत है।
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