पंजाब एंव हरियाणा उच्च न्यायालय ने पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों में सरकार द्वारा किये गए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता के फैसले पर लगाई रोक..अगली सुनवाई 28 तारीख को।
हरियाणा सरकार को अगली सुनवाई पर नोटिस का जवाब देना है. हरियाणा सरकार के इस फैसले को हिसार की सातवीं पास वेदवती नाम की एक महिला ने चुनौती दी है. वेदवती ने सरकार के इस फैसले को असंवैधानिक बताया है. मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी.
क्या हैं नए नियम ?
दरअसल हरियाणा सरकार ने पंचायत का चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के लिए शैक्षणिक योग्यता निर्धारित की है. इस दायरे में महिला और पुरुष दोनों ही उम्मीदवार आएंगे. राज्य में अब सरपंच, पंच का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों का दसवीं पास होना अनिवार्य कर दिया गया है.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस फैसले को प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं में नेतृत्व और शासन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए जरूरी बताया है. पंचायती स्तर पर सुधार के लिए इस अधिनियम में कुल पांच बदलाव किए गए हैं, जिनमें शैक्षणिक योग्यता का निर्धारण अहम फैसला है. इसके अलावा आपराधिक छवि और मामलों में लिप्त लोग भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
इतना ही नहीं सहकारी बैंक से लिया लोन और बिजली का बिल नहीं भरने वाले लोग भी राज्य में सरपंच की योग्यता दौड़ से बाहर होंगे. पांचवे फैसले में सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी की स्वच्छता मुहिम को भी सरपंच की योग्यता का आधार बनाया है. नए नियम के मुताबिक सरपंच का चुनाव लड़ने की चाह रखने वाले के घर शौचालय होना भी जरूरी है.
अंतरिम आदेश -
'साक्षर' सरपंच के फैसले पर हाईकोर्ट का स्टे, सरकार से मांगा जवाब ।
'साक्षर' सरपंच के सरकार के फैसले पर अब हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया है. इससे पहले विपक्षी दल सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे थे. शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस भेजकर सरकार से जवाब तलब
किया है.हरियाणा सरकार को अगली सुनवाई पर नोटिस का जवाब देना है. हरियाणा सरकार के इस फैसले को हिसार की सातवीं पास वेदवती नाम की एक महिला ने चुनौती दी है. वेदवती ने सरकार के इस फैसले को असंवैधानिक बताया है. मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी.
क्या हैं नए नियम ?
दरअसल हरियाणा सरकार ने पंचायत का चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के लिए शैक्षणिक योग्यता निर्धारित की है. इस दायरे में महिला और पुरुष दोनों ही उम्मीदवार आएंगे. राज्य में अब सरपंच, पंच का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों का दसवीं पास होना अनिवार्य कर दिया गया है.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस फैसले को प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं में नेतृत्व और शासन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए जरूरी बताया है. पंचायती स्तर पर सुधार के लिए इस अधिनियम में कुल पांच बदलाव किए गए हैं, जिनमें शैक्षणिक योग्यता का निर्धारण अहम फैसला है. इसके अलावा आपराधिक छवि और मामलों में लिप्त लोग भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
इतना ही नहीं सहकारी बैंक से लिया लोन और बिजली का बिल नहीं भरने वाले लोग भी राज्य में सरपंच की योग्यता दौड़ से बाहर होंगे. पांचवे फैसले में सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी की स्वच्छता मुहिम को भी सरपंच की योग्यता का आधार बनाया है. नए नियम के मुताबिक सरपंच का चुनाव लड़ने की चाह रखने वाले के घर शौचालय होना भी जरूरी है.
अंतरिम आदेश -
CWP No. 17452 of 2015
Ved Wanti Vs. State of Haryana and another
Present : Mr. Manjeet Singh, Advocate,for the
petitioner.
* * *
Learned counsel for the petitioner contends that neither underPart IX of the Constitution of India which deals with the Panchayats and itselections, nor under the Haryana Panchayati Raj Act, 1994, there is any
petitioner.
* * *
Learned counsel for the petitioner contends that neither underPart IX of the Constitution of India which deals with the Panchayats and itselections, nor under the Haryana Panchayati Raj Act, 1994, there is any
provision which prescribes the minimum educational qualification for acandidate of Sarpanch, Panch, member of Block Samiti or Zila Parishad. Hefurther contends that before promulgating the Haryana Panchayati Raj(Amendment) Ordinance, 2015, inserting Clause (v) in Section 175 of theHaryana Panchayati Raj Act, 1994, no survey was conducted to ascertain asto what percentage of the population in the State of Haryana is Matriculateor Middle pass. Learned counsel further contends that in absence of anysuch material, majority of the persons of the State, who are belowMatriculate or Middle pass, have been deprived of their right to contest theelections of Sarpanch, Panch, member of Block Samiti and Zila Parishad,which violates their right of equal opportunity under Article 14 of theConstitution of India to contest the elections, and denies the political justiceto them, as enshrined in Preamble of the Constitution of India. Learnedcounsel also refers to certain observations made in this regard by a Division
Bench of the Rajasthan High Court in Dulari Devi and others Versus State of Rajasthan and others, AIR 2015 Rajasthan 84.
Notice of motion for August 28, 2015.
Dasti as well.
Dasti as well.
In the meanwhile, operation of Clause (v) of Section 175 of theHaryana Panchayati Raj Act, 1994, inserted vide the Haryana PanchayatiRaj (Amendment) Ordinance, 2015, is stayed till the next date of hearing.
( SATISH KUMAR MITTAL )
JUDGE
( MAHAVIR S. CHAUHAN )
JUDGE
21-08-2015
JUDGE
( MAHAVIR S. CHAUHAN )
JUDGE
21-08-2015
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