नौ साल बाद होगी परीक्षा, सैकड़ों अभ्यर्थियों को एडमिट कार्ड ही नहीं ।
भिवानी(ब्यूरो)। 12 वीं में हिंदी प्रवक्ता की 9 साल पुरानी रिक्तियों को भरने के लिए कर्मचारी चयन आयोग दोबारा परीक्षा लेने जा रहा है। नौ अगस्त को यह परीक्षा होनी है, मगर सैकड़ों अभ्यर्थियों को अब तक एडमिट कार्ड ही नहीं मिले हैं। सूचना तंत्र की खामियों के कारण प्रदेश भर के यह अभ्यर्थी भटक रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद बोर्ड ने इन अभ्यर्थियों को
सूचना नहीं दी और अब दलील दी जा रही है कि समय से आवेदन न देने के कारण उन्हें एडमिट कार्ड नहीं दिया जा सकता। बोर्ड के चेयरमैन, सेक्रेट्री हर जगह गुहार लगाकर इन अभ्यर्थियों ने डेट बढ़ाने की मांग की है। उनका कहना है कि नौ साल तक उन्होंने इंतजार किया और अब उन्हें बिना सूचना दिए परीक्षा कराना उनके साथ अन्याय है।http://teacherharyana.blogspot.in/2015/06/hsscpost-lecturer-hindischool-csdre.html यह है मामला
वर्ष 2006 में कर्मचारी चयन आयोग ने 12वीं में हिंदी प्रवक्ता के 54 पदों के लिए रिक्तियां निकाली थी। इसमें सामान्य श्रेणी के लिए 33, एससी के 11, बीसी के 5, अशक्तों के 3 व एक्स सर्विसमैन के लिए 3 सीटें आरक्षित थीं। पात्रता की सभी शर्तों को पूरी करने के बाद भी चयन से वंचित पूनम रानी नामक अभ्यर्थी ने चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कोर्ट में अपील दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपील को स्वीकारते हुए 7 जुलाई 2014 को आदेश दिया कि शिकायत कर्ता समेत परीक्षा में शामिल सभी अभ्यर्थियों को एक और मौका दिया जाए। उन्हें नियमानुसार समय, स्थान, तिथि से अवगत कराते हुए लिखित और मौखिक परीक्षा में शामिल किया जाए। इस आदेश के बाद बोर्ड ने सभी आवेदकों को पहले 10 और फिर 17 जुलाई तक नए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने को कहा। इसकी सूचना सिर्फ समाचार पत्र में प्रकाशित की गई।
अभ्यर्थियों को व्यक्तिगत रूप से इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। जिसने सूचना पढ़ी, उसने तो आवेदन दे दिया, मगर किन्हीं कारणों से अखबार न पढ़ पाने वाले अब भटक रहे हैं। पूरे प्रदेश से सैकड़ों अभ्यर्थी इस श्रेणी में शामिल हैं।
...आवेदकों के लिए इसलिए जरूरी है मौका
प्रवक्ता पद पर वर्ष 2006 में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के लिए इस परीक्षा में शामिल होना कई मायनों में अहम है। पहला, उन्हें उम्र सीमा में छूट दी गई है। लंबा समय बीतने के कारण ज्यादातर अभ्यर्थी ओवरएज हो चुके हैं। लिहाजा उनके लिए नौकरी पाने का यह सुनहरा अवसर है। दूसरा, एचटेट पास करने की भी शर्त नहीं है। ऐसे में आवेदक हर हाल में इसमें शामिल होना चाहते हैं।
कइयों ने कहा : नहीं मिली सूचना, बढ़ाएं तिथि
परीक्षा नजदीक आने के बाद भी एडमिट कार्ड न मिलने से आवेदक परेशान हैं। बोर्ड के चेयरमैन व सचिव से मिलकर वह अपनी समस्या रख चुके हैं। प्रमोद कुमार, सतीश कुमार, डॉ.राजेद्र, मीरा देवी, नीलम रानी, नरेंद्र कुमार, योगमाया, सुभाष चंद्र, किरण बाला, शीला देवी, बलराज, प्रमिला देवी, जितेन्द्र, सुधा, रजनी आदि ने पिछले दिनों प्रार्थना पत्र देकर तिथि बढ़ाने और एडमिट कार्ड की गुहार लगाई है।
नौ साल बाद दोबारा परीक्षा ली जा रही है। हमारे पास यह अच्छा मौका था, मगर सूचना के अभाव में हमें एडमिट कार्ड नहीं मिल पाया। बोर्ड को हमें व्यक्तिगत रूप से सूचना देनी चाहिए थी। बोर्ड को हमने आवेदन दिया है, अब तक संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। -किरण बाला, पेहवा, कुरूक्षेत्र।
लंबे अंतराल के कारण अभ्यर्थी कहां से कहां जा चुके हैं। ऐसे में सबके लिए अखबार की सूचना पढ़ पाना संभव नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में स्पष्ट उल्लेख है, फिर भी अवहेलना की जा रही है। ऐसे में पारदर्शिता कहां है।
-योगमाया, सराय चौपटा, भिवानी।
हिंदी प्रवक्ता के पदों पर कोर्ट के आदेश पर दोबारा हो रही है परीक्षा
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