एआइपीएमटी पेपर लीक : पुलिस नहीं सुलझा सकी मास्‍टरमाइंड दांगी का रह्स्‍य

रोहतक [जेपी शर्मा]। ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट (एआइपीएमटी) में गोरखधंधे का जाल बुनकर हजारों छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले मास्टरमाइंड रूपकुमार दांगी आज भी पुलिस के लिए रहस्य बना
हुआ है। वह अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। इस मामले में पुलिस ने पकड़ गए सभी 28 आरोपियों को जांच में दोषी बताया है। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। इनमें दो नाबालिग छात्र भी हैं।
गुपचुप किया आरोपपत्र दाखिल
अदालत में आरोप पत्र दाखिल करने की कार्रवाई पुलिस ने गुपचुप ढंग से की है, लेकिन इसमें उन 28 आरोपियों को दोषी ठहराया गया है, जिनके खुलासे और पड़ताल के दौरान गिरफ्तारी की गई थी। इनमें परीक्षा के दिन गिरफ्तार किए गए सभी छह आरोपी शामिल हैं।
हरियाणा के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्यप्रदेश के भी आरोपियों की गिरफ्तारी की गई थी। पुलिस की जांच पर भरोसा करने के बाद ही सर्वोच्च न्यायालय में परीक्षा रद करने का आदेश दिया था। इसके बाद पुन: परीक्षा कराई गई थी, लेकिन सरगना र दांगी की गिरफ्तारी न होना पुलिस के लिए आज भी परेशानी का सबब बना हुआ है।
500 से अधिक पेज का चालान किया पेश
आरोप पत्र पांच सौ पेज से भी अधिक का है। इनमें 59 गवाहों के बयान की प्रति के साथ गिरफ्तार आरोपियों के बयान भी मौजूद हैं। पुलिस ने लगभग तीन माह की गहन पड़ताल के दौरान हजारों मोबाइल नंबर खंगाले थे।
नकल के लिए अंत: वस्त्र में लगाए थे उपकरण
उस समय पकड़े गए उपकरण लगे अंत:वस्त्र दिखाते पुलिसकर्मी।
पिछले 3 मई को एआइपीएमटी परीक्षा के दौरान रोहतक पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें सेक्टर-एक में दुकान चलाने वाले डेंटल डॉक्टर गुढ़ाना निवासी भूपेंद्र, दिल्ली के बसंत विहार निवासी डेंटल डाक्टर संजी , पीजीआइएमएस के एमबीबीएस द्वितीय वर्ष छात्र उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के नीमका निवासी रव और मनीट्रांसफर का काम करने वाले गद्दीखेड़ी निवासी राजेश शामिल थे। परीक्षामे नकल का यह खेल अंत:वस्त्र में छिपाए गए विशेष उपकरण के माध्यम से हुए।
इनके खिलाफ पेश की गई चार्जशीट
परिमल चंद्र महाराष्ट्र के पूर्व विधायक का दामाद
मास्टर सॉल्वर : सुमित और विकास
गुलशन : परीक्षार्थी का पिता, उसका दांगी से था सीधा संपर्क
बिहार निवासी व दिल्ली पटेल नगर में रह रहा सुभाष श्रीवास्तव
सिम विक्रेता : संदीप
दांगी के करीबी : कृष्ण गद्दीखेड़ी, सन्नी
डेंटल डाक्टर : भूपेंद्र और संजीत
जय भगवान : परीक्षार्थी का रिश्तेदार
इनके अलावा 17 परीक्षार्थी है, जिनमें दो नाबालिग और दो छात्राएं शामिल हैं।
'दांगी के घर 15 दिन पहले रची गई साजिश
ग्रेटर नोएडा के गांव नीमका निवासी आरोपी ने पुलिस को दिए गए बयानों में कई राज उगले थे। आरोप पत्र में दाखिल किए गए बयानों में उसने कहा है कि गोरखधंधे की साजिश 15 दिन पहले सरगना दांगी के रोहतक स्थित मकान में रची गई थी। दांगी के अलावा उसके मकान में लगभग 12 आरोपी मौजूद थे।
गोरखधंधे के खुलासे के पहले दिन गिरफ्तार किए गए रवि ने कहा है कि 3 मई से 15 दिन पहले उसकी रूप कुमार दांगी से मुलाकात हुई थी। दांगी के घर हुई बैठक में भूपेंद्र, संजीत, राजेश, संजीत, सोनू, नवीन, सन्नी दहिया, राकेश गुलिया आदि मौजूद थे। दांगी ने बताया था कि आंसर-की के बदले एक परीक्षार्थी से बीस लाख रुपये लिए जाने हैं। आंसर-की बहरोड़ स्थित होटल से उपलब्ध कराई जाएंगी।
'गैरकानूनी है इसलिए चार गुना रेट लगेंगे'
रवि ने अपने बयानों में यह भी कहा है कि परीक्षार्थियों को आंसर-की केंद्र तक ले जानेवाला मूलरूप से बिहार निवासी सुभाष श्रीवास्तव दिल्ली के पटेलनगर में स्काई शॉप चलाता है। उसकी दुकान पर वह अंत:वस्त्र और विशेष उपकरण लेने पहुंचे थे। मुकेश श्रीवास्तव को जब उनके गोरखधंधे की जानकारी हुई, तो उसने कहा कि यक गैर कानूनी काम है इसलिए उसने चार गुना में सामान बेचा है। आरोपियों ने सुभाष श्रीवास्तव को 60 हजार रुपये एडवांस देकर बड़ी संख्या में अंत:वस्त्र और विशेष उपकरणों का आर्डर दिया था।


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