कनिष्ठ लेखाकार व तहसील राजस्व प्रतियोगी परीक्षा- 2013 में ब्लूटूथ से नकल कराते पकड़े गए छह आरोपियों ने बड़ा खुलासा किया है। गिरोह ने पिछले साल सब इंस्पेक्टर भर्ती का पेपर एक करोड़ रु. में खरीद 80 अभ्यर्थियों को नकल कराई थी। हर अभ्यर्थी से आठ लाख रुपए वसूले गए थे। पकड़े गए छह आरोपियों में से चार सरकारी कर्मचारी है। पुलिस गिरोह की आरपीएससी में सांठगांठ का भी पता लगाने में जुटी है। गिरोह से 25 से 30 लोग शामिल हैं, जो प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को ब्लूटूथ के जरिए नकल करवाते हैं।
> सभी से 8-8 लाख रुपए वसूल कमाए थे 6.5 करोड़ रुपए
> ब्लूटूथ से नकल कराते पकड़े गए छह आरोपियों ने किया खुलासा
> 12 साल में 24 से ज्यादा भर्तियों में कराई नकल
> गिरोह में 25 से 30 लोग शामिल
> ब्लूटूथ से नकल कराते पकड़े गए छह आरोपियों ने किया खुलासा
> 12 साल में 24 से ज्यादा भर्तियों में कराई नकल
> गिरोह में 25 से 30 लोग शामिल
उधर, गिरोह के तीन आरोपी सरकारी टीचर्स की गिरफ्तारी के लिए सोमवार को उदयपुर पुलिस टीम बाड़मेर पहुंची। कोर्ट ने जालौर के भाटिप निवासी भागीरथ विश्नोई, बाबूलाल जाट को सात दिन, लूणी, जोधपुर निवासी खेताराम विश्नोई को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है। राजसमंद से पकड़े गए जालोर भीनमाल पुनासा निवासी सुनील विश्नोई, सांचोर निवासी शैतानराम विश्नोई को सात दिन के रिमांड पर भेजा है। ओमप्रकाश ढाका सहित अन्य तलाश की जा रही है।
12 साल में 24 से ज्यादा भर्तियों में कराई नकल
आरोपियों ने पूछताछ में बताया- गिरोह पिछले 12 साल से दो दर्जन से अधिक सरकारी भर्तियों में नकल करवाकर सैकड़ों अभ्यर्थियों को नौकरी लगवा चुका है। गिरोह का सरगना सांचौर(जालोर) निवासी भीखाराम विश्नोई (रिटायर्ड टीचर) है।
दो तरीकों से नकल करवाते
ब्लूटूथ के जरिये
गिरोह अभ्यर्थियों से वाॅट्सएप पर पेपर मंगवाता। उसे एक्सपर्ट से उसे हल करवाता। अभ्यर्थी को नकल किट से अटैच खास बनियान पहनाई जाती है, जिसके जरिए एक्सपर्ट जवाब देते थे।
प्रेस से पेपर खरीदते
जिस प्रेस में पेपर प्रिंट होता था, वहां से ही पेपर खरीद लिया जाता। परीक्षा से ठीक पहले अभ्यर्थियों की बाड़ेबंदी कर उन्हें हल किए हुए पेपर की फोटो कॉपी दी जाती थी। आरोपी परीक्षा केंद्रों पर भी नकल के लिए साठगांठ करते थे
जिस प्रेस में पेपर प्रिंट होता था, वहां से ही पेपर खरीद लिया जाता। परीक्षा से ठीक पहले अभ्यर्थियों की बाड़ेबंदी कर उन्हें हल किए हुए पेपर की फोटो कॉपी दी जाती थी। आरोपी परीक्षा केंद्रों पर भी नकल के लिए साठगांठ करते थे
बाड़मेर.
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