Transfer पांच साल से एक ही स्कूल में सेवारत शिक्षकों का पद तबादले के लिए खाली माना जाएगा यानि उनका ट्रांसफर पक्का

बदले जाएंगे लंबे समय से एक जगह जमे अध्यापक

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : प्रदेश सरकार नई तबादला नीति के तहत लंबे समय से एक जगह जमे शिक्षकों पर शिकंजा कसेगी। पांच साल से एक ही स्कूल में सेवारत शिक्षकों का पद तबादले के लिए खाली माना
जाएगा यानि उनका ट्रांसफर पक्का है। सरकार सवा लाख शिक्षकों के लिए नई नीति का प्रारूप तैयार बना चुकी है और इसे प्रभावी बनाने के लिए शिक्षकों से सुझाव भी मांगे हैं। शिक्षक संगठन 18 सितंबर तक अपने सुझाव दे सकते हैं। नीति लागू होने पर तबादले के लिए सिफारिश कराना शिक्षकों को महंगा पड़ सकता है। सरकार ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई करेगी। गल्र्स स्कूलों में 50 साल से कम उम्र के पुरुष शिक्षक नियुक्त नहीं किए जाएंगे। 1स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव टीसी गुप्ता का कहना है कि तबादला नीति शिक्षक, छात्र व शिक्षा हित के मद्देनजर तैयार की गई है। मेवात कैडर के शिक्षकों को इसमें शामिल नहीं किया गया है। हां, इतना जरूर है कि दूसरे जिलों से मेवात, मोरनी व अन्य दूर-दराज के क्षेत्रों में तैनाती कराने वाले शिक्षकों को बेसिक पे व डीए का 10 प्रतिशत अधिक वेतन मिलेगा। तबादला होने पर शिक्षक ज्वाइनिंग को लेकर आनाकानी नहीं कर सकेंगे। सात दिन में ज्वाइन न करने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।1हर जिले के स्कूलों को सात जोन में बांटा गया है। शिक्षकों को तबादले के लिए स्कूल शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। सरकार के सामान्य तबादला के आदेश जारी करने पर कंप्यूटर विकल्प के अनुसार आटोमेटिक तबादला आदेश जारी करेगा। लड़कियों के स्कूलों को छोड़कर अन्य में पचास प्रतिशत से ज्यादा महिला शिक्षक नहीं होंगी। तबादले के लिए दिया गया विकल्प शिक्षक दस साल नहीं बदल सकेंगे। अविवाहित महिला शिक्षकों को शादी के बाद छूट दी जाएगी।1स्कूलों के लिए बनाए गए जोन 1जिला मुख्यालय पर नगर निकाय के सभी स्कूल1नगर निकाय की बाहरी सीमा से 10 किलोमीटर के दायरे वाले स्कूल ब्लॉक मुख्यालय के शहर या कस्बे के स्कूल स्टेट, नेशनल हाईवे पर 10 से 15 किलोमीटर में आने वाले स्कूल ब्लॉक मुख्यालय के पांच किलोमीटर में पड़ने वाले स्कूल 1 खंड मुख्यालय के 5 से 10 किलोमीटर के स्कूल 1नीति में कई त्रुटियां हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रधान बजीर सिंह ने कहा कि नई तबादला नीति में कई खामियां हैं। इससे शिक्षकों का शोषण भी हो सकता है। नीति का अध्ययन कर रहे हैं। शिक्षा विभाग को विस्तृत रूप में सुझाव दिए जाएंगे। दस साल तक तबादले का विकल्प न बदलने की शर्त सही नहीं है।

चंडीगढ़ : प्रदेश के सरकारी स्कूलों से 3581 अतिथियों को विदा कर अब मनोहर सरकार मुफ्त में शिक्षक ढूंढ़ रही है। सरकार को निश्शुल्क पढ़ाने वाले शिक्षकों की तलाश उन साढ़े तीन सौ के करीब स्कूलों के लिए है जो गेस्ट टीचर्स की सेवाएं खत्म होने के बाद से बिना शिक्षक के हैं। सरकार को गेस्ट की विदाई के समय उम्मीद थी कि जल्द ही 9455 नव चयनित जेबीटी व कानूनी जांच का सामना कर चुके कुछ पीजीटी की नियुक्ति जल्द हो जाएगी, मगर ऐसा नहीं हुआ। हाईकोर्ट में नियुक्तियों को लेकर पेंच फंसता ही जा रहा है। इससे नई नियुक्तियां में जहां देरी हो रही है, वहीं स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई चौपट। अभिभावकों ने सरकार को अनेक शिकायतें इस बाबत भेजी हैं। अतिथि अध्यापकों को हटा चुकी सरकार ने अब स्कूल शिक्षा विभाग को सेवानिवृत्त व प्रशिक्षित बेरोजगार अध्यापकों की सेवाएं लेने की सलाह दी है। शर्त यह है कि सेवानिवृत्त व प्रशिक्षित अध्यापकों को मुफ्त में पढ़ाना होगा। स्कूल शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों को अपने-अपने जिले में ऐसे शिक्षक ढूंढने के निर्देश जारी कर दिए हैं। 1जिला शिक्षा अधिकारियों ने स्कूल प्रिंसिपल, अध्यापकों और आहरण एवं वितरण अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि जिन स्कूलों में अध्यापकों की कमी है। उनमें उसी गांव या आसपास के गांव के सेवानिवृत्त व प्रशिक्षित अध्यापकों से निशुल्क सेवाओं के लिए संपर्क बनाएं। उन्हें बताया जाए कि अभी नई नियुक्तियां होने में समय है और शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई खराब हो रही है, इसलिए वे पुनीत कार्य में सहयोग करें। हाल ही में जारी इन निर्देशों के बाद अब स्कूल मुखिया को बच्चों को पढ़ाने के लिए मुफ्त में शिक्षक ढूंढ़ने का काम भी मिल गया है। स्कूल मुखिया दबी जुबान में इसका विरोध भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे पहले से ही कई तरह के कार्यो के बोझ तले दबे हैं।





मुफ्त में ढूंढ़े जा रहे शिक्षक 16


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