भविष्यकोसंवारने वाले गुरुओं की साख दागदार होती जा रही है। इसका खुलासा मधुबन स्थित फॉरेंसिक लैब में सामने आया। एस्टेट और एचटेट की परीक्षा के दौरान गड़बड़ पाई गई। परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों के अंगूठे के निशान और सिग्नेचर लिये
गए थे, इसके बाद मामला उठने पर हाईकोर्ट ने जांच करवा दी। जिसमें जिले के 100 जेबीटी टीचर्स के अंगूठे के निशान मैच नहीं कर पाए। ऐसे में अब हाईकोर्ट के निर्देश पर विभाग उक्त टीचर्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाएगा। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में प्रवीण कुमारी ने 2011 में प्रदेश सरकार को चुनौती दी थी जिसमें सिविल रिट पिटीसन डाली थी।
प्रदेश सरकार ने जेबीटी की नियुक्ति के लिए 2009 में विज्ञापन निकाला था। जिन्हें 2011 में भर्ती किया था। इससे पहले विभाग ने टीचरों का एचटेट और एस्टेट की परीक्षा ली थी। इसमें जेबीटी टीचर्स के अंगूठे के निशान और हस्ताक्षर भी लिए गए थे। मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन होने के कारण कोर्ट ने अंगूठे के निशान के मिलान के आदेश दे दिए थे। इसके बाद कोर्ट में जांच रिपोर्ट पहुंची जहां कई टीचरों पर गाज गिरना तय था। हाईकोर्ट ने विभाग को जांच में सही पाए जाने वाले टीचर्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दे दिए।
स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने की जांच
हाईकोर्टके निर्देश पर जेबीटी टीचरों की नियुक्ति पर जांच बैठ गई। टीम ने काफी दिन तक इस मसले पर जांच गई और इसके बाद यह जांच करनाल के मधुबन स्थित स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो को सौंप दी गई। जहां क्राइम ब्यूरो ने जांच रिपोर्ट तैयार कि जिसमें एचटेट के 51 और एस्टेट के 49 जेबीटी टीचर पाए गए। विभाग ने रिपोर्ट तैयार कर कार्रवाई के लिए आगे भेज दी। फॉरेंसिक लेबोरेट्री में जेबीटी टीचरों के अंगूठे और हस्ताक्षर पर जांच की गई। इनमें से कई में अंगूठे के निशान ही नहीं मिल पाए।
^2011 में जेबीटी टीचर्स की भर्ती हुई थी, उनके अंगूठे के निशान की जांच हुई, जो जांच में सही नहीं पाए गए हैं। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी। धर्मवीरकादियान, डीईईओ।
अवतार चहल
जांच से पहले दे दिया रिजाइन
जांचमें फंसने के डर से कुछ शिक्षकों ने पहले ही विभाग को अपना इस्तीफा दे दिया और उनके अंगूठा का सैंपल नहीं लिया जा सका। हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद अनसुना किया। उनके खिलाफ भी कानूनी शिकंजा कसा जाएगा। ऐसे महज चार शिक्षक ही हैं।
फॉरेंसिक लैब में आया सच सामने
एचटेट, एसटेट एग्जाम देने वाले अभ्यर्थियों पर अब जल्द ही दर्ज होंगे मुकदमे, होंगे बर्खास्त
www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
गए थे, इसके बाद मामला उठने पर हाईकोर्ट ने जांच करवा दी। जिसमें जिले के 100 जेबीटी टीचर्स के अंगूठे के निशान मैच नहीं कर पाए। ऐसे में अब हाईकोर्ट के निर्देश पर विभाग उक्त टीचर्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाएगा। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में प्रवीण कुमारी ने 2011 में प्रदेश सरकार को चुनौती दी थी जिसमें सिविल रिट पिटीसन डाली थी।
प्रदेश सरकार ने जेबीटी की नियुक्ति के लिए 2009 में विज्ञापन निकाला था। जिन्हें 2011 में भर्ती किया था। इससे पहले विभाग ने टीचरों का एचटेट और एस्टेट की परीक्षा ली थी। इसमें जेबीटी टीचर्स के अंगूठे के निशान और हस्ताक्षर भी लिए गए थे। मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन होने के कारण कोर्ट ने अंगूठे के निशान के मिलान के आदेश दे दिए थे। इसके बाद कोर्ट में जांच रिपोर्ट पहुंची जहां कई टीचरों पर गाज गिरना तय था। हाईकोर्ट ने विभाग को जांच में सही पाए जाने वाले टीचर्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दे दिए।
स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने की जांच
हाईकोर्टके निर्देश पर जेबीटी टीचरों की नियुक्ति पर जांच बैठ गई। टीम ने काफी दिन तक इस मसले पर जांच गई और इसके बाद यह जांच करनाल के मधुबन स्थित स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो को सौंप दी गई। जहां क्राइम ब्यूरो ने जांच रिपोर्ट तैयार कि जिसमें एचटेट के 51 और एस्टेट के 49 जेबीटी टीचर पाए गए। विभाग ने रिपोर्ट तैयार कर कार्रवाई के लिए आगे भेज दी। फॉरेंसिक लेबोरेट्री में जेबीटी टीचरों के अंगूठे और हस्ताक्षर पर जांच की गई। इनमें से कई में अंगूठे के निशान ही नहीं मिल पाए।
^2011 में जेबीटी टीचर्स की भर्ती हुई थी, उनके अंगूठे के निशान की जांच हुई, जो जांच में सही नहीं पाए गए हैं। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी। धर्मवीरकादियान, डीईईओ।
अवतार चहल
जांच से पहले दे दिया रिजाइन
जांचमें फंसने के डर से कुछ शिक्षकों ने पहले ही विभाग को अपना इस्तीफा दे दिया और उनके अंगूठा का सैंपल नहीं लिया जा सका। हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद अनसुना किया। उनके खिलाफ भी कानूनी शिकंजा कसा जाएगा। ऐसे महज चार शिक्षक ही हैं।
फॉरेंसिक लैब में आया सच सामने
एचटेट, एसटेट एग्जाम देने वाले अभ्यर्थियों पर अब जल्द ही दर्ज होंगे मुकदमे, होंगे बर्खास्त
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