पंचायत चुनाव के चलते बोर्ड परीक्षाओं को समय पर करवाने या नहीं करवाने के संशय से प्रदेश सरकार अभी निकली भी नहीं थी कि कक्षा पहली से आठवीं तक आयोजित की जा रही अर्धवार्षिक परीक्षाओं पर भी संकट के बादल मंडरा गए हैं।
इन कक्षाओं की परीक्षाएं प्रदेश भर के स्कूलों में 17 सितम्बर से शुरू हो चुकी हैं तथा शिक्षा विभाग ने एक स्कूल के अध्यापकों
को दूसरे स्कूल में परीक्षाओं का आयोजन करने के लिए भेजा हुआ है। लेकिन इसी दौरान पंचायत चुनाव के दूसरे चरण के नामांकन के लिए चुनाव आयोग ने इन अध्यापकों की ड्यूटी रिटर्निंग अधिकारी तथा सहायक रिटर्निंग अधिकारी के तौर पर लगा दी है।
इन अध्यापकों को सोमवार से संबधित चुनाव कार्यालय में रिपोर्ट करनी है, जिसके कारण इन्हें शनिवार को ही स्कूलों में सभी प्रकार की ड्यूटी से मुक्त कर दिया गया है। अध्यापकों को चुनाव ड्यूटी पर जाने से मौलिक कक्षाओं की चल रही इन अर्धवार्षिक परीक्षाओं पर प्रभाव पड़ना लाजिमी है।
इन परीक्षाओं को लेने के बाद अंकन का कार्य भी ऑन द स्पॉट इन्हीं अध्यापकों की ओर से किया जाना है। अभिभावकों का आरोप है कि परीक्षा ड्यूटी दे रहे अध्यापकों को बीच में ही रिलीव कर देने से ये परिक्षाएं एक बार फिर मजाक बन कर रह गई हंै। उनके मुताबिक सरकार को इस संबंध में पहले ही अंतरिम व्यवस्था करनी चाहिए थी।
सरकार ने शिक्षा में सुधार व मौलिक शिक्षा के गिरते स्तर को सुधारने के लिए कक्षा पहली से 8वीं तक मासिक परीक्षा लेने की व्यवस्था की थी। सितम्बर माह में छमाही परीक्षा के आधार पर दूसरे स्कूलों के टीचर्स द्वारा इन कक्षाओं का मूल्यांकन किया जाना है।
अध्यापक संघ ने जतायी फैसले पर आपत्ति
परीक्षा के बीच में अध्यापकों को चुनावी ड्यूटि पर भेजने पर मास्टर वर्ग एसोसियशन ने अपनी आपति जताते हुए प्रशासन से इन परीक्षाओं को गम्भीरता से लेने का अनुरोध किया है। यहां जारी एक ब्यान में हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसियशन के जिला प्रधान सत्यपाल तंवर व उपप्रधान ललित महतानी ने कहा कि नामांकन की प्रक्रिया को दूसरे विभागों के अधिकारियों से भी पूरी करवाई जा सकती है। इस प्रक्रिया में अध्यापकों की ड्यूटी लगाए जाने से इस समय चल रही मौलिक शिक्षा विभाग की परीक्षाएं महज औपचारिकता बन कर रह जाएंगी तथा लोगों का विश्वास शिक्षा व्यवस्था से उठ जाएगा।
अधिकारी बोले- अंतरिम व्यवस्था करेंगे
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सतबीर सिवाच ने कहा कि मामले को देखा जाएगा। जब उनसे पूछा गया कि ऐसे चुनाव ड्यूटी के लिए शिक्षकों को शनिवार को रिलीव कर दिया गया है, ऐसे में परीक्षा कौन लेगा तो उन्होंने कहा कि चुनाव ड्यूटी वाले शिक्षकों की पहचान कर उनकी जगह अंतरिम व्यवस्था की जाएगी।
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इन कक्षाओं की परीक्षाएं प्रदेश भर के स्कूलों में 17 सितम्बर से शुरू हो चुकी हैं तथा शिक्षा विभाग ने एक स्कूल के अध्यापकों
को दूसरे स्कूल में परीक्षाओं का आयोजन करने के लिए भेजा हुआ है। लेकिन इसी दौरान पंचायत चुनाव के दूसरे चरण के नामांकन के लिए चुनाव आयोग ने इन अध्यापकों की ड्यूटी रिटर्निंग अधिकारी तथा सहायक रिटर्निंग अधिकारी के तौर पर लगा दी है।
इन अध्यापकों को सोमवार से संबधित चुनाव कार्यालय में रिपोर्ट करनी है, जिसके कारण इन्हें शनिवार को ही स्कूलों में सभी प्रकार की ड्यूटी से मुक्त कर दिया गया है। अध्यापकों को चुनाव ड्यूटी पर जाने से मौलिक कक्षाओं की चल रही इन अर्धवार्षिक परीक्षाओं पर प्रभाव पड़ना लाजिमी है।
इन परीक्षाओं को लेने के बाद अंकन का कार्य भी ऑन द स्पॉट इन्हीं अध्यापकों की ओर से किया जाना है। अभिभावकों का आरोप है कि परीक्षा ड्यूटी दे रहे अध्यापकों को बीच में ही रिलीव कर देने से ये परिक्षाएं एक बार फिर मजाक बन कर रह गई हंै। उनके मुताबिक सरकार को इस संबंध में पहले ही अंतरिम व्यवस्था करनी चाहिए थी।
सरकार ने शिक्षा में सुधार व मौलिक शिक्षा के गिरते स्तर को सुधारने के लिए कक्षा पहली से 8वीं तक मासिक परीक्षा लेने की व्यवस्था की थी। सितम्बर माह में छमाही परीक्षा के आधार पर दूसरे स्कूलों के टीचर्स द्वारा इन कक्षाओं का मूल्यांकन किया जाना है।
अध्यापक संघ ने जतायी फैसले पर आपत्ति
परीक्षा के बीच में अध्यापकों को चुनावी ड्यूटि पर भेजने पर मास्टर वर्ग एसोसियशन ने अपनी आपति जताते हुए प्रशासन से इन परीक्षाओं को गम्भीरता से लेने का अनुरोध किया है। यहां जारी एक ब्यान में हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसियशन के जिला प्रधान सत्यपाल तंवर व उपप्रधान ललित महतानी ने कहा कि नामांकन की प्रक्रिया को दूसरे विभागों के अधिकारियों से भी पूरी करवाई जा सकती है। इस प्रक्रिया में अध्यापकों की ड्यूटी लगाए जाने से इस समय चल रही मौलिक शिक्षा विभाग की परीक्षाएं महज औपचारिकता बन कर रह जाएंगी तथा लोगों का विश्वास शिक्षा व्यवस्था से उठ जाएगा।
अधिकारी बोले- अंतरिम व्यवस्था करेंगे
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सतबीर सिवाच ने कहा कि मामले को देखा जाएगा। जब उनसे पूछा गया कि ऐसे चुनाव ड्यूटी के लिए शिक्षकों को शनिवार को रिलीव कर दिया गया है, ऐसे में परीक्षा कौन लेगा तो उन्होंने कहा कि चुनाव ड्यूटी वाले शिक्षकों की पहचान कर उनकी जगह अंतरिम व्यवस्था की जाएगी।
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