प्रवीण पाण्डेय -सरकारी स्कूलों में गीता पढ़ाने की तैयारी पूरी
चंडीगढ़। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में बच्चों को गीता का ज्ञान देने की तैयारी पूरी हो गई है। एससीईआरटी (राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) ने इसका खाका तैयार कर लिया है। पांचवीं तक के पाठ्यक्रम में संस्कृत शामिल नहीं है, लिहाजा पांचवी तक गीता का ज्ञान कहानी के रूप में शामिल किया जाएगा। जबकि पांचवीं कक्षा से आगे के विद्यार्थी गीता के श्लोक भी पढ़ेंगे। सरकार का दावा है कि आगामी दस से पंद्रह दिन के अंदर बची हुई अन्य तैयारियां भी पूरी कर ली जाएंगी।
हरियाणा शिक्षा विभाग सितंबर माह में नई किताबों की प्रिंटिंग के आर्डर जारी करता है। इसलिए यह साफ है कि नए सत्र में हरियाणा के बच्चे पाठ्यक्रम में गीता का ज्ञान हासिल करेंगे। पाठ्यक्रम में गीता के वे अंश लिए जाएंगे, जो बच्चों को लिए शिक्षाप्रद हो। इसके लिए एनसीईआरटी और एससीईआरटी ने मिलकर तैयारी की है।
हरियाणा में भाजपा सरकार के अस्तित्व में आने के साथ ही शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने यह घोषणा की थी कि प्रदेश के शैक्षिक पाठ्यक्रम में गीता शामिल की जाएगी। पाठ्यक्रम में इसे किस रूप में शामिल किया जाएगा, इस बात पर अलग-अलग मत थे। लंबी मंथन के बाद अब सरकार अंतिम निर्णय पर पहुंची है। शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है। शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में शनिवार को दीनानाथ बत्रा के साथ स्कूलों के पाठ्यक्रम को शिक्षाप्रद बनाने के लिए चर्चा भी की।
शिक्षाविद् बतरा की किताबें नहीं पहुंचीं एससीईआरटी के पासशिक्षाविद् दीनानाथ बतरा की नैतिक शिक्षा की जिन किताबों को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने की बात चल रही है, वह किताबें अभी एससीईआरटी के पास पहुंची ही नहीं हैं। सूत्राें के मुताबिक आगामी चंद दिनों में यह किताबें एससीईआरटी के पास पहुंच जाएंगी। इसके बाद एनसीईआरटी से इन्हें पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने पर चर्चा की जाएगी।www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
चंडीगढ़। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में बच्चों को गीता का ज्ञान देने की तैयारी पूरी हो गई है। एससीईआरटी (राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) ने इसका खाका तैयार कर लिया है। पांचवीं तक के पाठ्यक्रम में संस्कृत शामिल नहीं है, लिहाजा पांचवी तक गीता का ज्ञान कहानी के रूप में शामिल किया जाएगा। जबकि पांचवीं कक्षा से आगे के विद्यार्थी गीता के श्लोक भी पढ़ेंगे। सरकार का दावा है कि आगामी दस से पंद्रह दिन के अंदर बची हुई अन्य तैयारियां भी पूरी कर ली जाएंगी।
हरियाणा शिक्षा विभाग सितंबर माह में नई किताबों की प्रिंटिंग के आर्डर जारी करता है। इसलिए यह साफ है कि नए सत्र में हरियाणा के बच्चे पाठ्यक्रम में गीता का ज्ञान हासिल करेंगे। पाठ्यक्रम में गीता के वे अंश लिए जाएंगे, जो बच्चों को लिए शिक्षाप्रद हो। इसके लिए एनसीईआरटी और एससीईआरटी ने मिलकर तैयारी की है।
हरियाणा में भाजपा सरकार के अस्तित्व में आने के साथ ही शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने यह घोषणा की थी कि प्रदेश के शैक्षिक पाठ्यक्रम में गीता शामिल की जाएगी। पाठ्यक्रम में इसे किस रूप में शामिल किया जाएगा, इस बात पर अलग-अलग मत थे। लंबी मंथन के बाद अब सरकार अंतिम निर्णय पर पहुंची है। शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है। शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में शनिवार को दीनानाथ बत्रा के साथ स्कूलों के पाठ्यक्रम को शिक्षाप्रद बनाने के लिए चर्चा भी की।
शिक्षाविद् बतरा की किताबें नहीं पहुंचीं एससीईआरटी के पासशिक्षाविद् दीनानाथ बतरा की नैतिक शिक्षा की जिन किताबों को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने की बात चल रही है, वह किताबें अभी एससीईआरटी के पास पहुंची ही नहीं हैं। सूत्राें के मुताबिक आगामी चंद दिनों में यह किताबें एससीईआरटी के पास पहुंच जाएंगी। इसके बाद एनसीईआरटी से इन्हें पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने पर चर्चा की जाएगी।www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
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