स्कूल में चलाया व्हाट्सएप-फेसबुक तो कटेगा वेतन, होगी कार्रवाई
शिक्षकों की होगी 'निगरानी'
अब पढ़ाई में रोड़ा नहीं बन पाएंगी सोशलसाइट्स
शिक्षा की गुणवत्ता में बेहतर सुधार के लिए केंद्र सरकार ठोस कदम उठाने जा रही है। कक्षा में सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक और व्हाट्सएप का इस्तेमाल करने वाले शिक्षकों का वेतन तो कटेगा ही साथ में उनपर विभागीय कार्रवाई भी होगी।
एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है, जो ये बताएगा कौन सा टीचर कक्षा में मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहा है। मध्यप्रदेश में सबसे पहले इस सॉफ्टवेयर को लागू किया जाएगा। बेहतर रिजल्ट के बाद दूसरे राज्यों में इसे लागू करने की बात कही जा रही है। शिक्षा अधिकारी भी इसे बेहतर कदम मान रहे हैं। उनका कहना है कि ई-अटेंडेंस पर काम शुरू हो गया है। टीचर अब स्कूल से नदारद रहने से पहले 10 बाद सोचेंगे। वहीं, निगरानी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल पहले एमपी में किया जाएगा
आने वाले सालों में मिलेगा रिजल्ट
"ई-अटेंडेंसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। निगरानी सॉफ्टवेयर के बारे में सरकार की ओर से आदेश नहीं आया है। बदले हालात में सोशल नेटवर्किंग साइट्स का इस्तेमाल बढ़ा है। शिक्षकों पर भी इसका असर पड़ा है। शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। उम्मीद है कि आने वाले सालों में हमें अपने प्रयासों के बेहतर रिजल्ट मिलेंगे।" -- सुधीरकालड़ा, ब्लॉक एजुकेशन आॅफिसर, जगाधरी
ई-अटेंडेंस भी होगा लागू
हर स्कूल में ई-अटेंडेंस (बॉयोमेट्रिक) सिस्टम लागू होने जा रहा है। मध्यप्रदेश में 25 सितंबर को ये सिस्टम लागू होने जा रहा है। इसके बाद अन्य राज्यों में प्रक्रिया शुरू होगी। इसके लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा, जिसमें सभी शिक्षकों के मोबाइल नंबर अपलोड किए जाएंगे। बाद में निगरानी सॉफ्टवेयर से ही पोर्टल को अटैच कर दिया जाएगा। यहीं से ये सॉफ्टवेयर हर टीचर के मोबाइल फोन पर निगरानी रखेगा।
पढ़ाई कम, मोबाइल का इस्तेमाल हो रहा ज्यादा
राज्य के ज्यादातर सरकारी स्कूलों में टीचर छात्रों को पढ़ाने की बजाय मोबाइल फोन का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं। यह सच एक सर्वे में सामने आया है। इस लापरवाही के कारण शिक्षा स्तर तेजी से गिरा है। तेजी से छात्रों की संख्या कम हुई है। अकेले यमुनानगर के 800 प्राइमरी स्कूलों में छात्रों की संख्या 800 नहीं है, जबकि हर स्कूल में स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति है।
स्कूलों में जमकर हो रहा सोशल साइट्स का यूज
कौन सा टीचर कक्षा में मोबाइल फोन पर सोशल नेटवर्किंग साइट्स का इस्तेमाल कर रहा है। यह सॉफ्टवेयर हर टीचर के मोबाइल फोन की निगरानी करेगा। आजकल धड़ल्ले से स्कूलों में टीचर व्हाट्सएप और फेसबुक का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसका असर शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ा है। सरकारी स्कूलों में टीचर तो हैं, पर पढ़ने वाले बच्चों की संख्या लगातार घट रही है। इसी वजह से सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए ठोस रणनीति बनाई है।
www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
शिक्षकों की होगी 'निगरानी'
अब पढ़ाई में रोड़ा नहीं बन पाएंगी सोशलसाइट्स
शिक्षा की गुणवत्ता में बेहतर सुधार के लिए केंद्र सरकार ठोस कदम उठाने जा रही है। कक्षा में सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक और व्हाट्सएप का इस्तेमाल करने वाले शिक्षकों का वेतन तो कटेगा ही साथ में उनपर विभागीय कार्रवाई भी होगी।
एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है, जो ये बताएगा कौन सा टीचर कक्षा में मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहा है। मध्यप्रदेश में सबसे पहले इस सॉफ्टवेयर को लागू किया जाएगा। बेहतर रिजल्ट के बाद दूसरे राज्यों में इसे लागू करने की बात कही जा रही है। शिक्षा अधिकारी भी इसे बेहतर कदम मान रहे हैं। उनका कहना है कि ई-अटेंडेंस पर काम शुरू हो गया है। टीचर अब स्कूल से नदारद रहने से पहले 10 बाद सोचेंगे। वहीं, निगरानी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल पहले एमपी में किया जाएगा
आने वाले सालों में मिलेगा रिजल्ट
"ई-अटेंडेंसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। निगरानी सॉफ्टवेयर के बारे में सरकार की ओर से आदेश नहीं आया है। बदले हालात में सोशल नेटवर्किंग साइट्स का इस्तेमाल बढ़ा है। शिक्षकों पर भी इसका असर पड़ा है। शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। उम्मीद है कि आने वाले सालों में हमें अपने प्रयासों के बेहतर रिजल्ट मिलेंगे।" -- सुधीरकालड़ा, ब्लॉक एजुकेशन आॅफिसर, जगाधरी
ई-अटेंडेंस भी होगा लागू
हर स्कूल में ई-अटेंडेंस (बॉयोमेट्रिक) सिस्टम लागू होने जा रहा है। मध्यप्रदेश में 25 सितंबर को ये सिस्टम लागू होने जा रहा है। इसके बाद अन्य राज्यों में प्रक्रिया शुरू होगी। इसके लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा, जिसमें सभी शिक्षकों के मोबाइल नंबर अपलोड किए जाएंगे। बाद में निगरानी सॉफ्टवेयर से ही पोर्टल को अटैच कर दिया जाएगा। यहीं से ये सॉफ्टवेयर हर टीचर के मोबाइल फोन पर निगरानी रखेगा।
पढ़ाई कम, मोबाइल का इस्तेमाल हो रहा ज्यादा
राज्य के ज्यादातर सरकारी स्कूलों में टीचर छात्रों को पढ़ाने की बजाय मोबाइल फोन का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं। यह सच एक सर्वे में सामने आया है। इस लापरवाही के कारण शिक्षा स्तर तेजी से गिरा है। तेजी से छात्रों की संख्या कम हुई है। अकेले यमुनानगर के 800 प्राइमरी स्कूलों में छात्रों की संख्या 800 नहीं है, जबकि हर स्कूल में स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति है।
स्कूलों में जमकर हो रहा सोशल साइट्स का यूज
कौन सा टीचर कक्षा में मोबाइल फोन पर सोशल नेटवर्किंग साइट्स का इस्तेमाल कर रहा है। यह सॉफ्टवेयर हर टीचर के मोबाइल फोन की निगरानी करेगा। आजकल धड़ल्ले से स्कूलों में टीचर व्हाट्सएप और फेसबुक का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसका असर शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ा है। सरकारी स्कूलों में टीचर तो हैं, पर पढ़ने वाले बच्चों की संख्या लगातार घट रही है। इसी वजह से सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए ठोस रणनीति बनाई है।
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