अब टेंडर से होगी वर्दी की खरीद

अरविन्द झा, पानीपत1स्कूली वर्दी की खरीद में अब गड़बड़ घोटाला नहीं चलेगा। इंचार्ज की मनमानी भी नहीं चलेगी। बच्चों की संख्या अधिक होने पर 50 हजार से अधिक की वर्दी बाकायद टेंडर के माध्यम से खरीदी जाएंगी। ऑडिट ऑब्जेक्शन के बाद हर हाल में निदेशालय की गाइड लाइन का पालन करना होगा। जो स्कूल इंचार्ज खरीद में हेराफेरी करेंगे विभाग उन पर सख्त कार्रवाई अमल में लाएगा। 1सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को वर्ष में एक बार वर्दी दी जाती है। स्कूल के आहरण व वितरण अधिकारी (डीडी पावर) वर्दी खरीद में विभागीय नियमों का उल्लंघन करते हैं। राशि खर्च करने के बाद विभाग में उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करा देते हैं। वर्ष 2015-16 में 56 करोड़ से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है। भारी भरकम राशि का दुरुपयोग रोकने के लिए विद्यालय शिक्षा निदेशालय ने वर्दी की खरीद में अनियमितता उजागर होने का हवाला देते हुए सभी डीईओ को पत्र (10/26-2011-एडीएमएन (4)) जारी किया है। खरीद व खर्च से संबंधित गाइड लाइन का अनिवार्य रूप से पालन करने की हिदायत दी है।1

अरविन्द झा, पानीपत1स्कूली वर्दी की खरीद में अब गड़बड़ घोटाला नहीं चलेगा। इंचार्ज की मनमानी भी नहीं चलेगी। बच्चों की संख्या अधिक होने पर 50 हजार से अधिक की वर्दी बाकायद टेंडर के माध्यम से खरीदी जाएंगी। ऑडिट ऑब्जेक्शन के बाद हर हाल में निदेशालय की गाइड लाइन का पालन करना होगा। जो स्कूल इंचार्ज खरीद में हेराफेरी करेंगे विभाग उन पर सख्त कार्रवाई अमल में लाएगा। 1सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को वर्ष में एक बार वर्दी दी जाती है। स्कूल के आहरण व वितरण अधिकारी (डीडी पावर) वर्दी खरीद में विभागीय नियमों का उल्लंघन करते हैं। राशि खर्च करने के बाद विभाग में उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करा देते हैं। वर्ष 2015-16 में 56 करोड़ से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है। भारी भरकम राशि का दुरुपयोग रोकने के लिए विद्यालय शिक्षा निदेशालय ने वर्दी की खरीद में अनियमितता उजागर होने का हवाला देते हुए सभी डीईओ को पत्र (10/26-2011-एडीएमएन (4)) जारी किया है। खरीद व खर्च से संबंधित गाइड लाइन का अनिवार्य रूप से पालन करने की हिदायत दी है।1

अरविन्द झा, पानीपत1स्कूली वर्दी की खरीद में अब गड़बड़ घोटाला नहीं चलेगा। इंचार्ज की मनमानी भी नहीं चलेगी। बच्चों की संख्या अधिक होने पर 50 हजार से अधिक की वर्दी बाकायद टेंडर के माध्यम से खरीदी जाएंगी। ऑडिट ऑब्जेक्शन के बाद हर हाल में निदेशालय की गाइड लाइन का पालन करना होगा। जो स्कूल इंचार्ज खरीद में हेराफेरी करेंगे विभाग उन पर सख्त कार्रवाई अमल में लाएगा। 1सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को वर्ष में एक बार वर्दी दी जाती है। स्कूल के आहरण व वितरण अधिकारी (डीडी पावर) वर्दी खरीद में विभागीय नियमों का उल्लंघन करते हैं। राशि खर्च करने के बाद विभाग में उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करा देते हैं। वर्ष 2015-16 में 56 करोड़ से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है। भारी भरकम राशि का दुरुपयोग रोकने के लिए विद्यालय शिक्षा निदेशालय ने वर्दी की खरीद में अनियमितता उजागर होने का हवाला देते हुए सभी डीईओ को पत्र (10/26-2011-एडीएमएन (4)) जारी किया है। खरीद व खर्च से संबंधित गाइड लाइन का अनिवार्य रूप से पालन करने की हिदायत दी है।1

विद्यालय शिक्षा निदेशालय ने उठाया सख्त कदम, सभी डीईओ को पत्र जारी

कार्रवाई :

जगे अधिकारी 1शिक्षा विभाग में बीते वर्षो में खरीद पर खर्च की गई भारी भरकम राशि की ऑडिट कराई गई। निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक ऑडिट में सामानों के खरीद में बरती गई अनियमितता सामने आई है। डीडी पावर धारकों को वित्तीय शक्तियों के बारे में तनिक भी पता नहीं है। जिन्हें पता है वो भी खरीद में गंभीर चूक करने से परहेज नहीं कर रहे। पोशाकों की खरीद में मनमानी नहीं चलेगी। 

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