Guest court case

4073 सरप्लस गैस्ट टीचर्स को नहीं मिली राहत। डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के आदेशों पर रोक लगाने से किया इंकार।

* सिंगल बेंच के बाद अब डबल बेंच में भी गैस्ट टीचर्स को लगा झटका। रोक लगाने से इंकार।
* सरप्लस गैस्ट की वापसी की उम्मीद हुई खत्म।
* 15 दिसम्बर को होगी अब सुनवाई।

चंडीगढ़: हाई कोर्ट की एकल बैंच के फैसले के खिलाफ सरप्लस गेस्ट टीचर द्वारा डिवीज़न बैंच में दायर की गई अपील पर भी गैस्ट टीचर्स को आज कोई राहत नहीं मिल पाई। जस्टिस सतीश कुमार मित्तल की डिवीज़न बैंच ने अपील पर नोटिस तो जारी कर दिया लेकिन सिंगल बेंच के आदेशों पर रोक लगाने से साफ मना कर दिया जिससे सरप्लस गैस्ट टीचर्स की वापसी की बची-खुची सम्भावना भी समाप्त हो गई है। मामला डबल बेंच में लंबित होने चलते अब सरप्लस गैस्ट टीचर्स के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प भी नहीं रहा।
गौरतलब है कि गत सप्ताह जस्टिस अमित रावल की एकल बैंच ने हरियाणा सरकार द्वारा हटाये गए 4073 सरप्लस गेस्ट टीचर की पुनर्विचार याचिका व अन्‍य सरप्‍लस गेस्‍ट टीचरों द्वारा दायर नई याचिकाओं को भी खारिज कर दिया था।
एकल बैंच के सामने हरियाणा सरकार ने भी कोर्ट में हलफनामा देकर कोर्ट को बताया था कि सरप्लस गैस्ट टीचर्स को हटाने से कुछ पद रिक्त हुए है जिन पर रेशनेलाइजेशन की प्रक्रिया जारी है और शिक्षकों की तैनाती का वैज्ञानिकरण किया जा रहा है और टीजीटी से पीजीटी पदों पर प्रमोशन की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। ज्ञात रहे की जस्टिस रावल की बैंच ने सरकार को सरप्लस 4073 गेस्ट टीचर को हटाने के निर्देश दिए थे।कोर्ट के आदेश पर सरकार ने 4073 टीचर को हटा दिया था। इसके बाद हटाये गए टीचर ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी। अपील में गेस्ट का कहना है कि जिस डाटा के आधार पर उनको सरप्‍लस बताया जा रहा है वो काफी पुराना है और वर्तमान में वो सरप्‍लस नही हैं। इस अपील का विरोध करते हुए पात्र अध्यापकों के वकील जगबीर मलिक ने आरोप लगाया कि सरकार गेस्ट टीचर्स को बचाने का प्रयास कर रही है जबकि सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट इनको हटाने के आदेश दे चुका है। यह भी उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा रेगुलर भर्ती के लिए 6 महीने का समय और देने की एप्लीकेशन भी सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दी है और कड़ी टिप्पणी भी की है। डबल बेंच ने अब मामले की आगामी सुनवाई 15 दिसम्बर लगाई है जिससे अब सरप्लस गैस्ट टीचर्स की स्कूलों में वापसी की उम्मीद खत्म हो गई है।

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