मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार फल्गु तीर्थ को ही नहीं बल्कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की 48 कोस की परिधि में आने वाले सभी तीर्थो को कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अधीन करने के लिए प्रयासरत है।1मुख्यमंत्री रविवार को फल्गु तीर्थ पर पूजा-अर्चना करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि
सरकार का मत है कि कुरुक्षेत्र की 48 कोस की परिधि में आने वाले सभी तीर्थो को जिसमें पांडु पिंडारा जींद भी शामिल है, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अधीन आना चाहिए। इसमें क्या अड़चन आ रही है, सरकार इसका अध्ययन करा रही है। उन्होंने कहा कि फल्गु तीर्थ के महत्व को देखते हुए सरकार ने यहां 4 करोड़ 26 लाख रुपये के एस्टीमेट राशि मंजूर की है, जिससे इस तीर्थ और गांव में विकास के काम कराएं जाएंगे। सरकार की ओर से मेले के लिए 54 लाख की राशि दी गई है और सरकार को मेले से लगभग 50 लाख रुपये की जो आमदनी हुई है, उसे फरल गांव की खस्ता हाल गलियों पर खर्च किया जाएगा। 1बिजली के बढ़े हुए दामों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली के दाम रेगुलेटरी बोर्ड तय करता है और सरकार का भी मानना है कि बोर्ड ने जो रेट तय किए वो ज्यादा है। इसके लिए सरकार ने बोर्ड से कहा है कि वो एक बार फिर से इस पर विचार करे। पिछली सरकार के अनुचित प्रबंधन के कारण बिजली विभाग के ऊपर 28 से 30 हजार रुपए का कर्ज है। सरकार का प्रयास है कि इस वर्ष ये कर्ज और न बढ़े। इसके लिए सरकार को जनता और उपभोक्ताओं का सहयोग चाहिए। सरकार ये भी प्रयास कर रही है कि कम दामों में बिजली बेचने वाली कंपनियों से ही बिजली खरीदी जाए और कर्मचारियों और अधिकारियों के अनुचित प्रबंधन को भी ठीक किया जाएगा। 1स्कूलों में अध्यापकों की कमी के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अच्छी शिक्षा देने के लिए कृतसंकल्प है। पिछली सरकार ने जिस प्रकार के अध्यापकों की भर्तियां की है, उस पर न्यायालय में सवाल खड़े किए है। सरकार चाहती है अच्छे अध्यापक स्कूलों में आए ओर इसके लिए सरकार ने 12 हजार नियमित पदों के लिए भर्तियां निकाली है और इस पर शीघ्र ही भर्ती की जाएगी। जब तक नई भर्ती नहीं होती सरकार ने न्यायालय से अनुमति ले ली है कि पहले से जो अध्यापक चाहे वो गेस्ट टीचर है वो अपना काम करते रहेंगे। उन्होंने ये भी साफ किया जो भर्तियां होगी वो मेरिट के आधार पर होगी। इस मौके पर कुरुक्षेत्र के सांसद राजकुमार सैनी, सीएम के ओएसडी अमरेंद्र सिंह, हलका विधायक दिनेश कौशिक, गुहला कुलंवत बाजीगर भी मौजूद थे।संवाद सहयोगी, पूंडरी (कैथल) : मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार फल्गु तीर्थ को ही नहीं बल्कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की 48 कोस की परिधि में आने वाले सभी तीर्थो को कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अधीन करने के लिए प्रयासरत है।1मुख्यमंत्री रविवार को फल्गु तीर्थ पर पूजा-अर्चना करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार का मत है कि कुरुक्षेत्र की 48 कोस की परिधि में आने वाले सभी तीर्थो को जिसमें पांडु पिंडारा जींद भी शामिल है, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अधीन आना चाहिए। इसमें क्या अड़चन आ रही है, सरकार इसका अध्ययन करा रही है। उन्होंने कहा कि फल्गु तीर्थ के महत्व को देखते हुए सरकार ने यहां 4 करोड़ 26 लाख रुपये के एस्टीमेट राशि मंजूर की है, जिससे इस तीर्थ और गांव में विकास के काम कराएं जाएंगे। सरकार की ओर से मेले के लिए 54 लाख की राशि दी गई है और सरकार को मेले से लगभग 50 लाख रुपये की जो आमदनी हुई है, उसे फरल गांव की खस्ता हाल गलियों पर खर्च किया जाएगा। 1बिजली के बढ़े हुए दामों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली के दाम रेगुलेटरी बोर्ड तय करता है और सरकार का भी मानना है कि बोर्ड ने जो रेट तय किए वो ज्यादा है। इसके लिए सरकार ने बोर्ड से कहा है कि वो एक बार फिर से इस पर विचार करे। पिछली सरकार के अनुचित प्रबंधन के कारण बिजली विभाग के ऊपर 28 से 30 हजार रुपए का कर्ज है। सरकार का प्रयास है कि इस वर्ष ये कर्ज और न बढ़े। इसके लिए सरकार को जनता और उपभोक्ताओं का सहयोग चाहिए। सरकार ये भी प्रयास कर रही है कि कम दामों में बिजली बेचने वाली कंपनियों से ही बिजली खरीदी जाए और कर्मचारियों और अधिकारियों के अनुचित प्रबंधन को भी ठीक किया जाएगा। 1स्कूलों में अध्यापकों की कमी के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अच्छी शिक्षा देने के लिए कृतसंकल्प है। पिछली सरकार ने जिस प्रकार के अध्यापकों की भर्तियां की है, उस पर न्यायालय में सवाल खड़े किए है। सरकार चाहती है अच्छे अध्यापक स्कूलों में आए ओर इसके लिए सरकार ने 12 हजार नियमित पदों के लिए भर्तियां निकाली है और इस पर शीघ्र ही भर्ती की जाएगी। जब तक नई भर्ती नहीं होती सरकार ने न्यायालय से अनुमति ले ली है कि पहले से जो अध्यापक चाहे वो गेस्ट टीचर है वो अपना काम करते रहेंगे। उन्होंने ये भी साफ किया जो भर्तियां होगी वो मेरिट के आधार पर होगी। इस मौके पर कुरुक्षेत्र के सांसद राजकुमार सैनी, सीएम के ओएसडी अमरेंद्र सिंह, हलका विधायक दिनेश कौशिक, गुहला कुलंवत बाजीगर भी मौजूद थे।
सरकार का मत है कि कुरुक्षेत्र की 48 कोस की परिधि में आने वाले सभी तीर्थो को जिसमें पांडु पिंडारा जींद भी शामिल है, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अधीन आना चाहिए। इसमें क्या अड़चन आ रही है, सरकार इसका अध्ययन करा रही है। उन्होंने कहा कि फल्गु तीर्थ के महत्व को देखते हुए सरकार ने यहां 4 करोड़ 26 लाख रुपये के एस्टीमेट राशि मंजूर की है, जिससे इस तीर्थ और गांव में विकास के काम कराएं जाएंगे। सरकार की ओर से मेले के लिए 54 लाख की राशि दी गई है और सरकार को मेले से लगभग 50 लाख रुपये की जो आमदनी हुई है, उसे फरल गांव की खस्ता हाल गलियों पर खर्च किया जाएगा। 1बिजली के बढ़े हुए दामों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली के दाम रेगुलेटरी बोर्ड तय करता है और सरकार का भी मानना है कि बोर्ड ने जो रेट तय किए वो ज्यादा है। इसके लिए सरकार ने बोर्ड से कहा है कि वो एक बार फिर से इस पर विचार करे। पिछली सरकार के अनुचित प्रबंधन के कारण बिजली विभाग के ऊपर 28 से 30 हजार रुपए का कर्ज है। सरकार का प्रयास है कि इस वर्ष ये कर्ज और न बढ़े। इसके लिए सरकार को जनता और उपभोक्ताओं का सहयोग चाहिए। सरकार ये भी प्रयास कर रही है कि कम दामों में बिजली बेचने वाली कंपनियों से ही बिजली खरीदी जाए और कर्मचारियों और अधिकारियों के अनुचित प्रबंधन को भी ठीक किया जाएगा। 1स्कूलों में अध्यापकों की कमी के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अच्छी शिक्षा देने के लिए कृतसंकल्प है। पिछली सरकार ने जिस प्रकार के अध्यापकों की भर्तियां की है, उस पर न्यायालय में सवाल खड़े किए है। सरकार चाहती है अच्छे अध्यापक स्कूलों में आए ओर इसके लिए सरकार ने 12 हजार नियमित पदों के लिए भर्तियां निकाली है और इस पर शीघ्र ही भर्ती की जाएगी। जब तक नई भर्ती नहीं होती सरकार ने न्यायालय से अनुमति ले ली है कि पहले से जो अध्यापक चाहे वो गेस्ट टीचर है वो अपना काम करते रहेंगे। उन्होंने ये भी साफ किया जो भर्तियां होगी वो मेरिट के आधार पर होगी। इस मौके पर कुरुक्षेत्र के सांसद राजकुमार सैनी, सीएम के ओएसडी अमरेंद्र सिंह, हलका विधायक दिनेश कौशिक, गुहला कुलंवत बाजीगर भी मौजूद थे।संवाद सहयोगी, पूंडरी (कैथल) : मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार फल्गु तीर्थ को ही नहीं बल्कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की 48 कोस की परिधि में आने वाले सभी तीर्थो को कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अधीन करने के लिए प्रयासरत है।1मुख्यमंत्री रविवार को फल्गु तीर्थ पर पूजा-अर्चना करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार का मत है कि कुरुक्षेत्र की 48 कोस की परिधि में आने वाले सभी तीर्थो को जिसमें पांडु पिंडारा जींद भी शामिल है, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अधीन आना चाहिए। इसमें क्या अड़चन आ रही है, सरकार इसका अध्ययन करा रही है। उन्होंने कहा कि फल्गु तीर्थ के महत्व को देखते हुए सरकार ने यहां 4 करोड़ 26 लाख रुपये के एस्टीमेट राशि मंजूर की है, जिससे इस तीर्थ और गांव में विकास के काम कराएं जाएंगे। सरकार की ओर से मेले के लिए 54 लाख की राशि दी गई है और सरकार को मेले से लगभग 50 लाख रुपये की जो आमदनी हुई है, उसे फरल गांव की खस्ता हाल गलियों पर खर्च किया जाएगा। 1बिजली के बढ़े हुए दामों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली के दाम रेगुलेटरी बोर्ड तय करता है और सरकार का भी मानना है कि बोर्ड ने जो रेट तय किए वो ज्यादा है। इसके लिए सरकार ने बोर्ड से कहा है कि वो एक बार फिर से इस पर विचार करे। पिछली सरकार के अनुचित प्रबंधन के कारण बिजली विभाग के ऊपर 28 से 30 हजार रुपए का कर्ज है। सरकार का प्रयास है कि इस वर्ष ये कर्ज और न बढ़े। इसके लिए सरकार को जनता और उपभोक्ताओं का सहयोग चाहिए। सरकार ये भी प्रयास कर रही है कि कम दामों में बिजली बेचने वाली कंपनियों से ही बिजली खरीदी जाए और कर्मचारियों और अधिकारियों के अनुचित प्रबंधन को भी ठीक किया जाएगा। 1स्कूलों में अध्यापकों की कमी के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अच्छी शिक्षा देने के लिए कृतसंकल्प है। पिछली सरकार ने जिस प्रकार के अध्यापकों की भर्तियां की है, उस पर न्यायालय में सवाल खड़े किए है। सरकार चाहती है अच्छे अध्यापक स्कूलों में आए ओर इसके लिए सरकार ने 12 हजार नियमित पदों के लिए भर्तियां निकाली है और इस पर शीघ्र ही भर्ती की जाएगी। जब तक नई भर्ती नहीं होती सरकार ने न्यायालय से अनुमति ले ली है कि पहले से जो अध्यापक चाहे वो गेस्ट टीचर है वो अपना काम करते रहेंगे। उन्होंने ये भी साफ किया जो भर्तियां होगी वो मेरिट के आधार पर होगी। इस मौके पर कुरुक्षेत्र के सांसद राजकुमार सैनी, सीएम के ओएसडी अमरेंद्र सिंह, हलका विधायक दिनेश कौशिक, गुहला कुलंवत बाजीगर भी मौजूद थे।
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