11 माह बाद घोषित हुआ एएनएम व जीएनएम का परीक्षा परिणाम

11 माह बाद घोषित हुआ एएनएम व जीएनएम का परीक्षा परिणाम
-प्रोविजनल दाखिला ले चुकी फेल छात्राओं के लिए स्पेशल होगी री-अपीयर परीक्षा
जागरण संवाददाता, गोहाना:राज्य सरकार ने एएनएम और जीएनएम की छात्राओं को बड़ी राहत दी है। दोबारा परीक्षा आयोजित करने के फैसले से किनारा करते हुए सरकार ने 11 महीने पहले हुई प्रथम वर्ष की परीक्षा का परिणाम शुक्रवार को
घोषित कर दिया गया। इससे पहले हरियाणा प्राइवेट नर्सिंग इंस्टीट्यूट एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मिला था और लंबित परीक्षाफल जारी करने की मांग की थी।
वर्ष 2014 में हरियाणा में एएनएम और जीएनएम की परीक्षा 7 से 16 नवंबर तक आयोजित की गई थी। कायदे से परिणाम दो माह के अंदर जारी होना चाहिए था। लेकिन परीक्षा आयोजक संस्था की वैधता पर सवालिया निशान के चलते परिणाम घोषित नहीं हुआ। दोबारा से परीक्षा आयोजित करने की तैयारी तक होने लगी। इसी बीच सभी छात्राओं को द्वितीय वर्ष में प्रोविजनल प्रवेश दे दिया गया। बृहस्पतिवार को हरियाणा
प्राइवेट नर्सिंग इंस्टीट्यूट एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल प्रदेशाध्यक्ष डा. गजराज कौशिक के नेतृत्व में चंडीगढ़ में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मिला। प्रतिनिधिमंडल में एसोसिएशन के पदाधिकारियों में कर्मबीर मायना, नरेंद्र बाल्याण, रवींद्र मोर, राज कुमार दांगी, महावीर शर्मा, कर्मपाल और राधे श्याम शर्मा भी थे। डा. कौशिक के अनुसार बातचीत सकारात्मक रही और सरकार परिणाम
जारी करने के लिए न केवल तैयार हो गई अपितु शुक्रवार को जनरल मेडिकल एजूकेशन एंड रिसर्च के निदेशक ने बैवसाइट पर परिणाम जारी भी कर दिया। डा. गजराज कौशिक ने बताया कि जो छात्राएं फेल हो गई हैं, उनके लिए द्वितीय वर्ष की परीक्षा से पहले री-अपीयर की परीक्षा अलग से आयोजित होगी। इससे फेल होने वाली छात्राओं का साल भी बर्बाद होने से बच जाएगा।

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झूठे मुकदमों को वापस लेने के नर्सिग छात्राएं करेंगी प्रदर्शन
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जागरण संवाददाता, कैथल
एएनएम व जीएनएम नर्सिग छात्राओं का परीक्षा परिणाम शुक्रवार को घोषित कर दिया गया, लेकिन यह इतना आसान नहीं था। इसके लिए छात्राओं को लंबा संघर्ष करना पड़ा। इसमें एसएफआई के बैनर तले नर्सिग की छात्राओं ने कई बार विरोध प्रदर्शन किए।
एसएफआइ के जिला सचिव विजय ने बताया कि नवम्बर 2014 में एएनएम व जीएनएम नर्सिग छात्राओं का परिणाम अब मजबूरन घोषित करना पड़ रहा है। यह छात्राओं के संघर्ष की जीत है। एसएफआइ की जिला उपाध्यक्ष किरण ने बताया कि नर्सिग की छात्राएं पिछले चार महीने से परीक्षा परिणाम को लेकर आंदोलन कर रही थी। परीक्षा परिणाम घोषित करने को लेकर कई बार रोष प्रदर्शन भी किया गया। इसी कड़ी में करनाल में सीएम कार्यालय का घेराव भी किया गया। इस आंदोलन में लाठीचार्ज भी हुआ, कई छात्राओं व छात्रों को चोटें भी आई और एसएफआई के 18 कार्यकर्ताओं पर झूठे मुकदमें भी दर्ज किए गए। आखिरकार एसएफआइ के संघर्ष की जीत हुई।
शुक्रवार को नर्सिग की छात्राओं का परीक्षा परिणाम घोषित होने पर छात्राओं ने मिठाई बांट कर खुशी मनाई। अभी तक एसएफआई के कार्यकर्ताओं पर बनाए गए झूठे मुकदमें वापस नहीं लिए गए है। झूठे मुकदमों को रद करवाने को लेकर 12 अक्तूबर सोमवार को लघु सचिवालय में प्रदर्शन किया जाएगा।

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