बर्थ और मैट्रिक सर्टिफिकेट में बदलाव कराने बारे
अगर आपकी आयु 21 वर्ष से कम है और प्रमाणपत्र और मैट्रिक सर्टिफिकेट में दर्ज नाम और जन्मतिथि में अंतर है तो 31 दिसंबर तक संशोधन करवा सकते हैं, वह भी केवल एक महीने का अंतर। आयु 21 वर्ष से अधिक होने और जन्मतिथि में एक माह से अधिक का अंतर होने की दशा में कोई सुधार नहीं हो सकेगा।
अगर ऐसा नहीं होगा तो न तो आप किसी भी सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर पाएंगे और न ही पासपोर्ट के लिए। यही नहीं, पेंशन का भी लाभ नहीं मिलेगा। विदेशों में करियर संवारना सपना ही रह जाएगा।
कुछ लोग जन्म के समय जन्म प्रमाण पत्र पर नाम दर्ज नहीं करवा पाते। उनके लिए सर्टिफिकेट पर नाम दर्ज करवाने की उम्र 21 वर्ष निर्धारित की गई है। हालांकि उन्हें यह सुविधा इस वर्ष 31 दिसंबर तक आवेदन करने पर ही मिलेगी। इसके बाद इस सुविधा पर विराम लग जाएगा और बगैर नाम का ही सर्टिफिकेट मिल सकेगा, जो किसी काम का नहीं होगा।
करियर बनाने के लिए अमेरिका, आस्ट्रेलिया और अन्य देश जाने वाले युवाओं के जन्म प्रमाण पत्र और मैट्रिक सर्टिफिकेट में अंकित नाम और जन्मतिथि समान होनी चाहिए। ऐसा नहीं होने पर वे पासपोर्ट के लिए आवेदन ही नहीं कर सकेंगे।
सर्टिफिकेट में नाम अंकित करवाने के लिए आवेदक को जन्म प्रमाण पत्र और अपना मैट्रिक सर्टिफिकेट देना होगा। यदि आयु में एक माह से कम का अंतर है तो उसे दुरुस्त कर दिया जाएगा।
अधिकारियों को सर्टिफिकेट में जन्मतिथि बढ़ाने का अधिकार है, कम करने का नहीं। जन्मतिथि में ज्यादा अंतर होने पर इसे दुरुस्त नहीं किया जा सकेगा। इसके साथ ही यदि आवेदक अशिक्षित है तो प्रमाण पत्र में दर्ज जन्म तिथि में संशोधन नहीं हो सकेगा।
डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. जो जोगिंद्र सिंह बताते हैं प्रतिदिन 300 जन्म प्रमाण पत्र के आवेदन अकेले रोहतक में आ रहे हैं। इसमें कई ऐसे हैं जिन्हें अपना नाम दर्ज कराना है, वहीं कुछ जन्म तिथि सही करवाने के लिए आ रहे हैं।
Birth certificate
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