एनपीएस में सरकारी कर्मियों पर भी लगेगा प्रबंधन शुल्क
नई दिल्ली। न्यू पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के दायरे में आने वाले सरकारी कर्मचारियों को भी अब प्रबंधन शुल्क देना होगा। इस बारे में एनपीएस ट्रस्ट की तरफ से सभी सरकारी विभागों को नोटिस भेज दिया गया है। कर्मचारियों को 1 नवंबर 2015 से असेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) पर डेली एक्युरल बेसिस पर 0.01 फीसदी राशि देनी होगी। एनपीएस ट्रस्ट के इस निर्णय का कर्मचारी संघों की तरफ से विरोध शुरू हो गया है। रेल मंत्रालय से मान्यता प्राप्त यूनियन नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन्स (एनएफआईआर) ने तो कहा है कि इसके विरोध में हड़ताल भी करनी पड़ी तो वे करेंगे, लेकिन इस आदेश को वापस करवाएंगे। उल्लेखनीय है कि 1 जनवरी 2004 के बाद केेंद्र सरकार के कर्मचारी एनपीएस के तहत आते हैं। यही हाल अधिकतर राज्यों के कर्मचारियों का भी है।
न्यू पेंशन सिस्टम ट्रस्ट से 19 अक्तूबर को जारी एक नोटिस के मुताबिक उनके प्रशासनिक खर्चों के वहन के लिए अब सरकारी कर्मचारियों से भी शुल्क की वसूली की जाएगी। यह शुल्क एयूएम का 0.01 फीसदी होगा, जो कि डेली एक्युरल बेसिस पर काटा जाएगा। एनपीएस ट्रस्ट का यह निर्णय अगले महीने एक तारीख से लागू हो रहा है। इस समय केंद्र सरकार के 15.70 लाख कर्मचारी एनपीएस के दायरे में हैं, जबकि विभिन्न राज्य सरकारों के 27.72 लाख कर्मचारी इस योजना के तहत आ रहे हैं। सिर्फ तीन राज्यों, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और तमिलनाडु, ने इसे नहीं अपनाया है।
एनपीएस ट्रस्ट के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि कॉरपोरेट क्षेत्र के लाभार्थियों की बात हो या असंगठित क्षेत्र के, सभी से पहले से ही 0.01 फीसदी राशि ली जाती रही है। अब यह निर्णय सरकारी कर्मचारियों पर भी लागू किया जा रहा है, ताकि संगठन का खर्चा निकलता रहे। उनका कहना है कि यह राशि काफी छोटी है। उदाहरण के लिए यदि किसी कर्मचारी का एक लाख रुपये का कॉर्पस है तो साल में उसका 10 रुपये काटा जाएगा। यदि उसका कॉर्पस 10 लाख रुपया होगा तो 100 रुपये काटा जाएगा।
राशि चाहे छोटी क्यों न हो, लेकिन ट्रेड यूनियनें इसका विरोध कर रही हैं। एनएफआईआर के महासचिव एम राघवैया ने अमर उजाला से बातचीत में एनपीएस ट्रस्ट के इस फैसले को तुगलकी फरमान बताया। उनका कहना है कि इस निर्णय को लागू करने से कर्मचारियों का नुकसान होगा। उन्होंने बताया कि एनपीएस ट्रस्ट के इस फैसले के खिलाफ उन्होंने रेल मंत्री सुरेश प्रभु को एक पत्र लिखा है।
1 नवंबर से होगा लागू, नोटिस का विरोध शुरू
रेलवे की एक यूनियन ने विरोध में हड़ताल पर जाने की कही बात
डेली एक्युरल बेसिस पर लिया जाएगा 0.01 फीसदी शुल्क
एनपीएस ट्रस्ट ने सभी सरकारी विभागों को भेजा नोटिस
नई दिल्ली। न्यू पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के दायरे में आने वाले सरकारी कर्मचारियों को भी अब प्रबंधन शुल्क देना होगा। इस बारे में एनपीएस ट्रस्ट की तरफ से सभी सरकारी विभागों को नोटिस भेज दिया गया है। कर्मचारियों को 1 नवंबर 2015 से असेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) पर डेली एक्युरल बेसिस पर 0.01 फीसदी राशि देनी होगी। एनपीएस ट्रस्ट के इस निर्णय का कर्मचारी संघों की तरफ से विरोध शुरू हो गया है। रेल मंत्रालय से मान्यता प्राप्त यूनियन नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन्स (एनएफआईआर) ने तो कहा है कि इसके विरोध में हड़ताल भी करनी पड़ी तो वे करेंगे, लेकिन इस आदेश को वापस करवाएंगे। उल्लेखनीय है कि 1 जनवरी 2004 के बाद केेंद्र सरकार के कर्मचारी एनपीएस के तहत आते हैं। यही हाल अधिकतर राज्यों के कर्मचारियों का भी है।
न्यू पेंशन सिस्टम ट्रस्ट से 19 अक्तूबर को जारी एक नोटिस के मुताबिक उनके प्रशासनिक खर्चों के वहन के लिए अब सरकारी कर्मचारियों से भी शुल्क की वसूली की जाएगी। यह शुल्क एयूएम का 0.01 फीसदी होगा, जो कि डेली एक्युरल बेसिस पर काटा जाएगा। एनपीएस ट्रस्ट का यह निर्णय अगले महीने एक तारीख से लागू हो रहा है। इस समय केंद्र सरकार के 15.70 लाख कर्मचारी एनपीएस के दायरे में हैं, जबकि विभिन्न राज्य सरकारों के 27.72 लाख कर्मचारी इस योजना के तहत आ रहे हैं। सिर्फ तीन राज्यों, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और तमिलनाडु, ने इसे नहीं अपनाया है।
एनपीएस ट्रस्ट के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि कॉरपोरेट क्षेत्र के लाभार्थियों की बात हो या असंगठित क्षेत्र के, सभी से पहले से ही 0.01 फीसदी राशि ली जाती रही है। अब यह निर्णय सरकारी कर्मचारियों पर भी लागू किया जा रहा है, ताकि संगठन का खर्चा निकलता रहे। उनका कहना है कि यह राशि काफी छोटी है। उदाहरण के लिए यदि किसी कर्मचारी का एक लाख रुपये का कॉर्पस है तो साल में उसका 10 रुपये काटा जाएगा। यदि उसका कॉर्पस 10 लाख रुपया होगा तो 100 रुपये काटा जाएगा।
राशि चाहे छोटी क्यों न हो, लेकिन ट्रेड यूनियनें इसका विरोध कर रही हैं। एनएफआईआर के महासचिव एम राघवैया ने अमर उजाला से बातचीत में एनपीएस ट्रस्ट के इस फैसले को तुगलकी फरमान बताया। उनका कहना है कि इस निर्णय को लागू करने से कर्मचारियों का नुकसान होगा। उन्होंने बताया कि एनपीएस ट्रस्ट के इस फैसले के खिलाफ उन्होंने रेल मंत्री सुरेश प्रभु को एक पत्र लिखा है।
1 नवंबर से होगा लागू, नोटिस का विरोध शुरू
रेलवे की एक यूनियन ने विरोध में हड़ताल पर जाने की कही बात
डेली एक्युरल बेसिस पर लिया जाएगा 0.01 फीसदी शुल्क
एनपीएस ट्रस्ट ने सभी सरकारी विभागों को भेजा नोटिस
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