जांच के नाम पर एक-दूसरे पर जवाबदेही थोप रहे विभाग

जागरण संवाददाता,:हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2009 में विज्ञप्ति स्कूल लेक्चरर भर्ती में गड़बड़ी की जांच करवाने को लेकर प्रदेश सरकार के तीन विभाग एक-दूसरे पर जवाबदेही थोपने का काम कर रहे हैं। न तो जांच की जा रही है और न ही शिकायतकर्ता को इस मामले में चल रही कार्रवाई से अवगत करवाया जा रहा है। शिकायतकर्ता की तरफ से तीनों विभागों के अलावा चार बार सीएम ¨वडो पर भी शिकायत दी जा चुकी है, लेकिन वहां से भी केवल हाईकोर्ट में मामला पें¨डग होने का जवाब देकर इतिश्री कर ली गई।
हाउ¨सग बोर्ड निवासी सुरेश कुमार ने हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2009 में स्कूल लेक्चरर के पद विज्ञप्ति किए गए थे, जिनकी भर्ती वर्ष 2012 में हुई। इस भर्ती में गड़बड़ी को देखते हुए शिकायतकर्ता सुरेश कुमार ने 28 पुख्ता प्रमाण लगाते हुए इसकी शिकायत प्रदेश के मुख्य सचिव को नवंबर 2014 को की थी। इस पर मुख्य सचिव चौकसी विभाग की तरफ से फरवरी 2015 में शिकायतकर्ता के पास पत्र आया। इसमें बताया गया कि शिकायतकर्ता को उचित कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव हरियाणा सरकार सेवाएं शाखा-3 को भेज दिया गया है, लेकिन उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। जून 2015 में मुख्य हरियाणा सरकार को दोबारा शिकायत कर विजिलेंस जांच करने की मांग की। जिस पर मुख्य सचिव हरियाणा सरकार चौकसी विभाग ने मुख्य सचिव शाखा-3 को मामले में उचित कार्रवाई कर शिकायतकर्ता को भी अवगत करवाने के निर्देश दिये। बावजूद इसके अभी तक मुख्य सचिव शाखा-3 ने कोई जवाब नहीं दिया है। इतना ही नहीं चौकसी विभाग द्वारा मुख्य सचिव को तीसरी बार पत्र लिखने के बावजूद कोई जवाब नहीं मिल रहा है। शिकायतकर्ता ने बताया कि अक्टूबर 2014 में प्रधानमंत्री को मामले की शिकायत पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने आरटीआइ से मांगी गई सूचना में कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव हरियाणा सरकार को भेजने तथा मुख्य सचिव की तरफ से कोई जवाब नहीं मिलने की बात कही है।
बाक्स
क्या है पूरा मामला
शिकायतकर्ता का आरोप है कि आयोग द्वारा की गई भर्ती के दौरान एक्स सर्विसमैन कोटे में जिस पूर्व सैनिक के आश्रित का चयन किया है, वह गलत है। शिकायतकर्ता का कहना है कि भर्ती में एक आवेदक द्वारा अपने आवेदन पत्र में जहां डीईएसएम (भूतपूर्व सैनिक का आश्रित) भर रखा है, लेकिन लोक सेवा आयोग ने बाद में आवेदन पर अलग से स्कैच पैन से ईएसएम (भूतपूर्व सैनिक) लिख दिया। आयोग ने 2353 (भूतपूर्व सैनिक का आश्रित) का चयन किया है, वह शैक्षणिक योग्यता में भी रोल नंबर 2687 (भूतपूर्व सैनिक) से काफी पीछे है। यही नहीं हरियाणा सरकार के पत्र क्रमांक-12/37/79-जीएस-11 दिनांक 21-11-1980 के अनुसार अगर कोई एडहाक पर काम कर रहा है या उसे किसी अन्य साधन से आमदनी हो रही है तो वह भूतपूर्व सैनिक के आश्रित की कैटेगरी में नहीं आ सकता है। आयोग ने जिस रोल नंबर 2353 का चयन किया है, वह 18 अक्टूबर 2006 से फार्म भरने तक की तिथि तक अतिथि अध्यापक (इतिहास लेक्चरार) के तौर पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जंडवाला बांगर (फतेहाबाद) में कार्यरत था। इसके बावजूद एचपीएससी ने उसका चयन भूतपूर्व सैनिक के आश्रित के तौर पर कर दिया

No comments:

Post a Comment

thanks for your valuable comment

See Also

Education News Haryana topic wise detail.