कोर्ट की अनदेखी कर आरक्षण नहीं दे सकते ।खास बातचीत में यह भी बोले मुख्यमंत्री ।
ओमकार चौधरीपिछली सरकार से गड़बड़ियां विरासत में मिलीं, व्यवस्था सुधारेंगे गड़बड़ी करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे, चाहे अपने ही क्यों न हो ,कला, साहित्य, संस्कृति अकादमियों में निदेशकों की नियुक्ति जल्द एक लाख करोड़ निवेश का लक्ष्य, चार लाख रोजगार पैदा होंगे,गलत तरीकों से धन अजिर्त करने वालों पर सख्त कार्रवाई जारी
चंडीगढ़।हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा है कि उनकी सरकार अदालतों से ऊपर होकर जाटों को आरक्षण नहीं दे सकती। उन्होंने कहा कि हम पिछड़ों को विकास की मुख्यधारा में लाना चाहते हैं परन्तु किन्हीं कारणों के चलते यदि कोर्ट आरक्षण नहीं देती है तो ऐसी सूरत में आपस में मिल बैठकर ही कोई रास्ता निकाला जा सकता है। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि सरकार सबको नौकरी नहीं दे सकती। उन्होंने कहा कि पचास से सत्तर हजार लोगों को ही सरकारी नौकरी दी जा सकती है, सबको नहीं। इसके लिए उद्योगों को बढ़ावा देना होगा। मनोहर लाल ने कहा कि उनकी सरकार एक लाख करोड़ रुपये का निवेश प्रदेश में लाएगी, जिससे चार लाख और लोगों को रोजगार के रास्ते खुलेंगे। हरिभूमि ने मुख्यमंत्री से खास बातचीत में पूछा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट केंद्रीय व राज्य सेवाओं में जाटों को दिए जाने वाले आरक्षण को रद कर चुकी हैं और जाट नए सिरे से आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। भाजपा आरक्षण दिए जाने का सर्मथन कर चुकी है। प्रधानमंत्री भी जाटों के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दे चुके हैं। ऐसे में रास्ता क्या है? इस पर मनोहर लाल ने कहा कि अदालत के आदेश की अवहेलना नहीं की जा सकती। मिल बैठकर कोई रास्ता ढूंढ़ना होगा और इस दिशा में उनकी सरकार ने विचार-विर्मश शुरू कर दिया है। हर हाथ को रोजगार देने के भाजपा के नारे की याद दिलाते हुए जब उनसे पूछा गया कि बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए वे क्या कर रहे हैं तो उनका जवाब था कि हरेक को सरकार नौकरी नहीं दे सकती। हमने पचास हजार नौकरियों के लिए भर्ती खोल दी है। सरकारी नौकरियां सीमित हैं। ऐसे में दूसरे उपाय खोजने होंगे। इसके लिए सरकार ने उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री पूर्ववर्ती भूपेन्द्र सिंह हुड्डा सरकार पर भी जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि खाद की कमी के चलते किसानों में असंतोष हो या शिक्षकों के आंदोलन-इनके पीछे की वजह कोई व्यवस्था का नहीं होना रहा है। हमसे पहले प्रदेश में कोई व्यवस्था थी ही नहीं। पिछले एक साल में हमने यही प्रयास किया है कि नीति बनाकर उसका कड़ाई से पालन हो। 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने हुड्डा सरकार को सरप्लस गेस्ट टीचर्स हटाने को कहा था ताकि रेगुलर भर्तियों का रास्ता खुल सके परन्तु वह तीन साल तक इसे टालती रही। इसी तरह साढ़े नौ हजार जेबीटी टीचर्स की भर्ती प्रक्रिया केवल इस कारण लटकी रही क्योंकि कोर्ट ने फर्जी जेबीटी की पहचान करने को कहा था। यह काम भी अब हमारी सरकार को करना पड़ा। उन्होंने कहा कि बारह हजार पुलिसकर्मियों की कमी को हम पूरा कर रहे हैं। इसी तरह बड़ी संख्या में कर्मचारियों और अफसरों की कमी है, जिसे पूरा करने के लिए प्रयास शुरू किए गए हैं।
मनोहर लाल ने कहा कि पहले मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायकों, समाज के समूहों और निहित स्वार्थ वाले कुछ प्रभावशाली लोगों के दबाव में आकर फैसले लिए जाते थे, परन्तु हमने इस तरह की मनमानी पर पूर्णत: रोक लगा दी है। गलत तरीकों से धन अजिर्त करने वालों के खिलाफ भी सरकार सख्त कार्रवाई कर रही
है। उन्होंने कहा कि हम सड़क, रेलवे और दूसरी जरूरी सुविधाओं के विस्तार पर बल दे रहे हैं। पारदर्शी व्यवस्था कायम करने के लिए तकनीक का सहारा ले रहे हैं। विकास कायरें में असंतुलन दूर कर जिन क्षेत्रों को जरूरत है, वहां सुविधाएं देने का मैकेनिज्म तैयार कर रहे हैं। सभी 21 जिलों में मेडिकल कालेज खोले जा रहे हैं।
राबर्ट वाड्रा के खिलाफ चल रही जांच के संबंध में उन्होंने कहा कि सवाल वाड्रा नॉन वाड्रा या हुड्डा नॉन हुड्डा का नहीं है। चाहे हमारा कोई अपना ही क्यों नहीं फंसे, यदि किसी ने भी गड़बड़ी की है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि सोनिया और राहुल गांधी की आक्रामकता को कम करने के मकसद से सीएलयू और जमीन सौदों की जांच के आदेश जारी किए गए हैं। एक अन्य प्रश्न पर उन्होंने कहा कि कला, साहित्य, संस्कृति और इतिहास से जुड़ी अकादमियों में निदेशकों की नियुक्ति जल्दी ही कर दी जाएगी। गौरतलब है कि करीब एक साल से प्रदेश की सभी अकादमियों में इस कारण कामकाज ठप पड़ा है।www.facebook.com/teacherharyana
www.teacherharyana.blogspot.in
(Recruitment , vacancy , job , news)
No comments:
Post a Comment
thanks for your valuable comment