प्रदेश सरकार ने मांगी गेस्ट टीचर रखने की इजाजत
हरियाणा सरकार ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर आग्रह किया है कि राज्य में शिक्षकों की कमी को देखते हुए गेस्ट टीचर्स की सेवाएं दोबारा लेने की अनुमति दी जाए। दूसरी ओर गेस्ट टीचर्स का विरोध कर
रहे पक्ष को हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है। नोटिस के जरिये सरकार की इस अर्जी पर जवाब मांगा गया है।
गेस्ट टीचर्स का विरोध कर रहे कुछ व्यक्तियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया था कि गेस्ट टीचर्स को नौकरी में रहने का कोई हक नहीं है।
हाईकोर्ट से मांग की थी कि गेस्ट टीचर्स को हटाया जाए। इस पर हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा था। सरकार ने उस वक्त भी कहा था कि नियमित भर्ती होने तक गेस्ट टीचर्स की सेवाएं बहाल रखने की अनुमति दी जाए।
हाईकोर्ट को सरकार ने बताया था कि करीब 4300 गेस्ट टीचर सरप्लस हैं। हाईकोर्ट ने इन्हें हटाने का निर्देश दे दिया था। इस आधार पर सरकार ने सरप्लस गेस्ट टीचर्स की सेवाएं समाप्त कर दीं। सरकार के फैसले के खिलाफ सरप्लस गेस्ट टीचर्स ने हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में अपील की थी। कहा था कि सरकार एक ओर तो शिक्षकों की कमी की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर उन्हें सरप्लस बताया जा रहा है। ऐसे में उन्हें हटाने का आदेश रद्द किया जाना चाहिए।
इस अपील में सरप्लस गेस्ट टीचर्स के विरोध में याचिका दायर करने वालों को प्रतिवादी बनाया था। सरकार को अपील पर 12 दिसंबर तक जवाब देना है। इसी बीच बुधवार को सरकार ने अपने स्तर पर अर्जी दाखिल कर दी है। अब मामले की सुनवाई मुख्य अपील की सुनवाई के साथ 12 दिसंबर के लिए तय कर दी गई है
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