स्कूलों को किन्नरों पर आपत्ति क्यों - हाईकोर्ट

स्कूलों को किन्नरों पर आपत्ति क्यों - हाईकोर्ट
किन्नरों को स्कूल बसों में अटेंडेंट लगाने के मामले में चंडीगढ़ में अभी तक कोई फैसला न लेने पर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में चंडीगढ़ प्रशासन को फटकार लगाते हुए सवाल उठाया है कि सामाजिक समानता की शिक्षा देने वाले स्कूलों को भला किन्नरों पर आपत्ति क्यों है। यह बेहद शर्मनाक बात है कि स्कूल ही किन्नरों के प्रति समाज में नफरत का भाव भावी पीढ़ी तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। जस्टिस राजीव भल्ला की एकल बेंच ने कहा है कि जहां आज के दौर में सामाजिक समानता की बात कही जा रही है और रंग-जाति का भेदभाव खत्म करने पर बल दिया जा रहा है, वहीं किन्नरों की उपेक्षा क्यों की जारी है। स्कूल प्रबंधनों को स्कूली बसों में किन्नरों को अटेंडेंट लगाने पर एतराज क्यों है। बेंच ने कहा है कि स्कूलों से ही बच्चों में सामाजिक सरोकार पैदा होते हैं, लेकिन चंडीगढ़ में स्कूल प्रबंधन किन्नरों को बसों में अटेंडेंट लगाने का विरोध कर रहे हैं।
हाईकोर्ट ने प्रशासन को सख्त हिदायत की है कि किन्नरों को बसों में अटेंडेंट लगाने के आदेश का सख्ती से पालन किया जाए।

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