कल्पना से परे है शिक्षक के बिना शिक्षा

कल्पना से परे है शिक्षक के बिना शिक्षा 
नई दिल्ली, प्रेट्र : सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जिस तरह आक्सीजन के बिना वायुमंडल का अस्तित्व नहीं है उसी तरह शिक्षक के बिना शिक्षा कल्पना से परे है। तेलंगाना में शिक्षकों की कमी पर नाराजगी जाहिर करते हुए अदालत ने यह टिप्पणी
की।1जस्टिस दीपक मिश्र और पीसी पंत की पीठ ने तेलंगाना सरकार की ओर से दायर शपथ पत्र का अवलोकन किया। पीठ ने कहा, ‘पूरे विश्वास के साथ हमारा यही नजरिया है कि शिक्षकों के बिना स्कूली शिक्षा ध्वस्त हो जाएगी। इसके बाद छात्रों को खेलने का प्रलोभन देकर स्कूल बुलाना कुछ और नहीं, बल्कि शिक्षा के प्रति परोक्ष रूप से मांगी गई माफी होगी।’ 1तेलंगाना के मुख्य सचिव द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया है कि राज्य के कुछ स्कूल तो बगैर शिक्षकों के ही चल रहे हैं। इसका कारण यह है कि शिक्षकों का रुख सिर्फ शहरी और बेहतर संपर्क सुविधा वाले गांवों की ओर ही है। हलफनामे में कहा गया है, ‘इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए निर्देश दिया गया है कि किसी भी शिक्षक का तबादला करते समय यदि कोई स्कूल शिक्षक के बगैर रह जाता है तो जिला शिक्षा अधिकारी इस संबंध में आवश्यक आदेश जारी करेंगे। सबसे कनिष्ठ शिक्षक को वापस बुलाएंगे और वैकल्पिक व्यवस्था होने तक शिक्षक-शिक्षिका को उसी स्कूल में काम करने का आदेश देंगे जहां से उन्हें मुक्त किया गया है।’ राज्य सरकार ने कहा है कि छात्रों के नामांकन की संख्या को देखते हुए शिक्षकों की कमी से निपटने के लिए 7,974 विद्या वोलंटियर्स या अकादमिक इंस्ट्रक्टर्स से रिक्त पदों को भरने का निर्णय लिया गया है
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